Bihar News : अपहरण व हत्या के मामले में पूर्व विधायक दोषी करार, 28 साल बाद आया बड़ा फैसला

राजू जयसवाल, छपरा

by Republican Desk
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Bihar News में खबर सारण से जहां 28 साल बाद अपहरण व हत्या के मामले में कोर्ट का फैसला आया है। इस फैसले में पूर्व विधायक दोषी करार दिए गए हैं।

तारकेश्वर सिंह दोषी करार

पूर्व MLA Tarkeshwar Prasad Singh की सजा पर 29 को फैसला

व्यवसाई के अपहरण और हत्या के मामले में 28 साल बाद कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। इस फैसले में तीन बार के मशरक के पूर्व विधायक रहे तारकेश्वर प्रसाद सिंह को दोषी करार दिया गया है। कोर्ट ने सजा के लिए 29 अप्रैल की तारीख तय की है। इसी मामले में दो अन्य आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने बड़ी कर दिया है। यह मामला सारण जिले के पानापुर थाना क्षेत्र स्थित तुर्की निवासी शत्रुघ्न गुप्ता के अपहरण और हत्या से जुड़ा है।

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तारकेश्वर सिंह दोषी करार, 2 अन्य आरोपी बरी

एडीजे सप्तम सह सांसद व विधायक के आपराधिक मामले के त्वरित निष्पादन के लिए बने विशेष कोर्ट के न्यायाधीश सुधीर कुमार सिन्हा के कोर्ट में चल रहे पानापुर थाना कांड संख्या 9/96 के सत्रवाद 588/09 में न्यायाधीश ने दोष की बिदु पर सुनवाई की और आरोपित तीन बार के विधायक रहे मशरक थाना क्षेत्र के चरिहारा निवासी तारकेश्वर सिंह को आईपीसी की धारा 302, 364, 201 व 27 आर्म्स एक्ट में दोषी करार दिया है। वहीं दो अन्य आरोपितों संजीव सिंह और देवनाथ राय को साक्ष्य के अभाव में बरी किया है। सजा की बिदु पर 29 अप्रैल को सुनवाई की तिथि मुकर्रर की गयी है। सुनवाई के वक्त सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक ध्रुवदेव सिंह और बचाव पक्ष से त्रियोगी नाथ सिन्हा, अनिल कुमार सिंह समेत अन्य अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित थे।

दुकान पर गोली मारी, उठाकर ले गए, मोतिहारी में मिली लाश

10 जनवरी 1996 को पानापुर थाना क्षेत्र के तुर्की निवासी और मृतक के भाई बाबूलाल गुप्ता ने पानापुर थाने में एक प्राथमिकी दर्ज करायी थी। जिसमें मशरक के पूर्व विधायक तारकेश्वर सिंह समेत अन्य द्वारा अपने भाई का अपहरण कर हत्या कर देने का आरोप लगाते हुए उन्हें मामले में अभियुक्त बनाया था। आरोप में कहा गया था कि 10 जनवरी 1996 की संध्या 4.30 बजे पूर्व विधायक तारकेश्वर सिंह रायफल और बंदूक से लैश अपने समर्थकों के साथ भाई के कपड़ा दुकान पर आए। तारकेश्वर सिंह ने दुकान पर आते ही रुस्तम मियां को गोली चलाने का आदेश दिया। गोली लगने पर भाई वहीं गिर पड़े, जिन्हें उठाकर वे लोग लेते चले गये। अपहरण के दो दिन बाद शत्रुघ्न का शव मोतिहारी के डुमरिया पुल के नीचे नदी में मिला था। इस मामले में अभियोजन द्वारा जांच पदाधिकारी और डाक्टर समेत छह लोगों की गवाही करायी गयी है।

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