Bihar News : नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द, इन्हें मिल सकता है मौका; इस विभाग के मंत्री बदलने की चर्चा 

Bihar News में चर्चा है कि जल्द ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार अपने कुछ विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिला सकती है। इसमें जदयू और भाजपा के कोटे से मंत्री बनाए जा सकते हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।

बिहार के सियासी गलियारे में नीतीश (Nitish Kumar) सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार (Bihar Cabinet) का कयास परवान पर है। चर्चा है कि जल्द ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) अपने कुछ विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिला सकते हैं। इसमें जदयू और भाजपा के कोटे से मंत्री बनाए जा सकते हैं। 2020 के विधानसभा (Bihar Vidhan Sabha Seat) चुनाव के बाद जब राजग सरकार बनी तो उस वक्त भाजपा से तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। साथ ही मंगल पांडेय, शाहनवाज हुसैन, जीवेश मिश्रा, रामसूरत राय, रामप्रीत पासवान और जनक को भी मंत्रिमंडल में जगह मिली थी।

वहीं जदयू कोटे से अशोक चौधरी, मेवालाल चौधरी (अब दिवंगत), शीला कुमारी, लेसी सिंह, जमां खान जैसे वरीय नेता मंत्री बनाए गए थे। जदयू विधायक गोपाल मंडल और बीमा भारती भी मंत्री बनना चाहते थे, लेकिन इनको जगह नहीं मिली। इसके बाद बीमा भारती पार्टी से नाराज हो गईं। फिलहाल उनके राजद में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।

नाराज विधायकों ख्याल जरूर रखेगी दोनों पार्टियां

मंत्रिमंडल विस्तार करते हुए सीएम नीतीश कुमार अपनी पार्टी के उन वरीय नेताओं का जरूर ध्यान रखेंगे, जिनके नाराज होने से जदयू को आगामी चुनाव में फर्क पड़ सकता है। वहीं भाजपा भी जातीय और सियासी समीकरण को देखते हुए ही मंत्री पद विचार कर रही है। इधर, राजग के सहयोगी दल पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पहले से ही एक और मंत्री पद मांग रख रहे हैं। वह अपनी पार्टी से अगड़े चेहरे को मंत्री पद दिलाना चाह रहे हैं।

शिक्षा विभाग के मंत्री बदलने की चर्चा तेज

शिक्षा विभाग महागठबंधन सरकार में राजद के कोटे में था। राजद विधायक प्रो. चंद्रशेखर इस विभाग के मंत्री थे। नई सरकार बनी तो इस विभाग को नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने अपने पास रहा। विजय चौधरी को जिम्मेदारी दी। सियासी गलियारे में सबसे अधिक चर्चा इसी विभाग को लेकर हो रही है। शिक्षा विभाग में हाल के कुछ महीनों में बड़े स्तर पर बहाली है। जिस पार्टी के पास यह विभाग रहेगी, वह आगामी चुनाव में अधिक क्रेडिट जरूर लेगी। जैसा कि हाल में हुआ। तेजस्वी यादव आज भी इस विभाग में हुई बहाली पर क्रेडिट ले रहे हैं। वहीं ग्रामीण कार्य विभाग और ग्रामीण विकास विभाग के लिए अलग-अगल मंत्री बनाए जा सकते हैं। वहीं समाज कल्याण विभाग के बारे में भी चर्चा है कि इसकी जिम्मेदारी किसी महिला को दी जा सकती है।

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