Bihar News में बात शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के मौजूदा एक्शन से जुड़ी हुई। इस बार शिक्षा विभाग की टेढ़ी नजर मदरसा शिक्षा बोर्ड पर है।
शिक्षा विभाग को ट्रैक पर लाने की कोशिश कर रहे विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक एक बार फिर एक्शन मोड में हैं। इस बार उनकी टेढ़ी नजर राज्य के मदरसा शिक्षा बोर्ड पर गई है। मदरसा शिक्षा बोर्ड द्वारा लिए जाने वाले फौकानिया और मौलवी की वार्षिक परीक्षा में बड़ी गड़बड़ी की शिकायत के बाद अब बड़े एक्शन की तैयारी है।
मदरसा बोर्ड पर पाठक की टेढ़ी नजर, सभी डीएम को आदेश
दरअसल, अब तक बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड पर शिक्षा विभाग ने कभी खासा ध्यान नहीं दिया। लिहाजा आरोप ये भी लगते रहे हैं कि डिग्रियां यूं ही बाटी जाती है। ऐसे में अब केके पाठक ने मदरसा शिक्षा बोर्ड का भी ऑपरेशन करने की जिद ठान ली है। माध्यमिक शिक्षा के निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने सभी जिलाधिकारियों को एक पत्र जारी करते हुए बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड द्वारा आहूत फौकानिया और मौलवी की वार्षिक परीक्षा में शामिल अधिक उम्र वाले अभ्यर्थियों की मेडिकल जांच करने का निर्देश दिया है।
उम्र में झोल कर परिक्षा देने वालों की होगी मेडिकल जांच
इस पत्र में कहा गया है कि बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड द्वारा आहूत फौकानिया और मौलवी की वार्षिक परीक्षा 24 जनवरी 2024 से प्रारंभ हुई है। यह 30 जनवरी तक चलेगी। विभाग को सूचना मिली है कि इस परीक्षा में कुछ ऐसे अभ्यर्थी भी शामिल हैं जिनकी आयु बहुत अधिक है। ऐसे अभ्यर्थियों ने अपनी जन्मतिथि कम दिखाकर परीक्षा का फॉर्म भरा है। ऐसी स्थिति में अभ्यर्थियों के आयु का सत्यापन आवश्यक हो गया है। विभाग ने निर्देश दिया है कि वैसे व्यक्ति जो अधिक उम्र के परिलक्षित हो रहे हैं, लेकिन जन्मतिथि कम दिखाकर परीक्षा में शामिल हो रहे हैं, को चिन्हित करने की कार्रवाई की जाए। चिन्हित परीक्षार्थी के आयु का सत्यापन हेतु मेडिकल जांच उसी दिन परीक्षा समाप्ति के पश्चात कराई जाए।