Bihar News में चर्चा आईएएस केके पाठक की है। राजभवन से टकराने वाले आईएएस केके पाठक ने इस बार राजभवन को लिखित में चेताया है।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का तो जलवा ही अलग है। क्या मुख्यमंत्री और क्या ही राज्यपाल। कोई भी इनसे टकरा नहीं सका। किसी ने टकराने की कोशिश की तो आईएएस केके पाठक ने उन्हें कानून का ऐसा पाठ पढ़ाया की सब खामोश हो गए। सदन में मुख्यमंत्री ने स्कूल की टाइमिंग बदलने की घोषणा तो कर दी, लेकिन केके पाठक नहीं माने। यूनिवर्सिटी की लड़ाई में घुसे तो केके पाठक ने राजभवन से सीधे दुश्मनी मोल ले ली। अब केके पाठक ने राजभवन को बाकायदा लिखित में चेतावनी दे दी है।
शिक्षा विभाग में दखल न दे राजभवन, यूनिवर्सिटी एक्ट का पढ़ाया पाठ
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने इस बार दो कदम आगे आगे निकलते हुए राजभवन के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को एक चिट्ठी लिखी है। यह चिट्ठी बताती है कि केके पाठक किसी से डरने वाले नहीं हैं। अब तक तो वे अपने अफसरों से राजभवन को संदेश दे रहे थे। लेकिन इस बार खुद केके पाठक ने चिट्ठी जारी कर राजभवन को शिक्षा विभाग में दखल नहीं देने की चेतावनी दे डाली है। राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच मतभेद इस कदर गहरा गया है कि केके पाठक ने सख्त लहजों में कानून का पाठ पढ़ाते हुए चिट्ठी लिख डाली है। चिट्ठी की कॉपी सिर्फ राजभवन को नहीं भेजी गई है। बल्कि बिहार के सभी विश्वविद्यालय को कुलपति को भी यह चिट्ठी भेजी गई है। इस चिट्ठी में बिहार स्टेट यूनिवर्सिटी एक्ट 1976 के जरिए केके पाठक ने सवाल दागे हैं। राज्यपाल के प्रिंसिपल सेक्रेटरी से केके पाठक ने साफ-साफ कहा है कि वह शिक्षा विभाग में दखल ना दें।
कानून के पाठ पर अब राजभवन के जवाब का इंतजार
केके पाठक और राजभवन की लड़ाई अब आन की लड़ाई बन चुकी है। खुद राज्यपाल को भी कई बार केके पाठक के मसले पर मुखर होकर बोलना पड़ा है। लेकिन पाठक पीछे नहीं हटे। अब केके पाठक ने यूनिवर्सिटी एक्ट के जरिए राजभवन को एक तरह से चेतावनी दी है। केके पाठक ने राजभवन को कानून का पाठ पढ़ाया है। अब देखना यह है कि राजभवन की ओर से केके पाठक की चिट्ठी का क्या जवाब दिया जाता है।