Bihar News : विवादित आईएएस अधिकारी केके पाठक भले बिहार से चले गए, लेकिन शिक्षा विभाग में जैसे उनका ‘कोई’ रह गया है। शिक्षा विभाग ने उनके समय बीपीएससी परीक्षा के परिणाम को दरकिनार किया था, अब पटना हाई कोर्ट की अवमानना करता आदेश जारी कर रहा है।
Patna High Court ने 45 दिनों में नियुक्ति का आदेश दिया, मियाद के 10 दिन बाद शिक्षा विभाग ने दूसरे तरीके से नियुक्ति रोकने का कुचक्र रचा; देखिए, कैसे किया खेल
शिक्षा विभाग की मनमानी खत्म होती नहीं दिख रही है। अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ के आने पर भी ऐसा लगता है कि बिहार के शिक्षा विभाग में पूर्व ACS केके पाठक के ‘लोग’ नहीं शांत हुए हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो पटना हाई कोर्ट के स्पष्ट आदेश की पहले अवमानना नहीं की जाती और उसकी दी गई मियाद खत्म होने के 10 दिनों के बाद बाकायदा आदेश जारी कर यह नहीं बताया जाता कि यहां कोर्ट की नहीं चलेगी! जी हां, शिक्षा विभाग की यह खबर पटना हाई कोर्ट के आदेश को नहीं मानने का जीता-जागता सबूत है।
Bihar News : प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों से मांग दिया ऐसा कागज, जो कभी नहीं मिलेगा
बिहार में प्राइवेट स्कूल शिक्षकों को वेतन पर्ची अमूमन नहीं देते। जो देते हैं, वही वेतन का भुगतान शिक्षक के खाते में करते हैं। यह स्थिति 2025 की है। अब भी ज्यादातर स्कूल न तो अभिभावकों से बैंक खाते या यूपीआई के जरिए भुगतान लेते हैं और न शिक्षकों को ऐसे भुगतान करते हैं। जो अभिभावकों से बैंक में भुगतान लेते हैं, वही स्कूल शिक्षकों की सैलरी खाते में भेजने की व्यवस्था रखते हैं।
यह एक ऐसा तथ्य है, जिसकी तसदीक राज्य के किसी भी जिले में शिक्षा विभाग खुद कर सकता है। लेकिन, शिक्षा विभाग को तो पटना हाई कोर्ट के आदेश की अवमानना करनी है। सो, उसने बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित BPSC TRE 1 के डिप्लोमाधारी शिक्षकों से 10 अगस्त 2017 के पहले का बैंक खाता स्टेटमेंट मांग दिया है।
शिक्षकों ने इन स्कूलों से वेतन पर्ची नहीं मिलने की बात कही थी, इसलिए अड़ंगा लगाने के लिए यह स्टेटमेंट मांगा गया है। शायद एक-दो या शायद इतने शिक्षकों के पास भी उस समय का बैंक स्टेटमेंट नहीं होगा और बैंक से निकल भी गया तो उसमें सैलरी क्रेडिट होने का तो प्रमाण मिलना असंभव ही है। बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा 1 में डिप्लोमाधारी शिक्षकों को नियुक्ति मिल गई थी, लेकिन इसका जब पूरक परिणाम में चयनित हुए शिक्षकों को काउंसलिंग के दिन शिक्षा विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने नियुक्ति पत्र की प्रक्रिया से रोक दिया था।
जिस दलील पर यह रोक लगाई गई थी, वह सुप्रीम कोर्ट में खारिज हो गई तो उसी के आधार पर पटना हाई कोर्ट ने अप्रैल के पहले हफ्ते में शिक्षा विभाग को आदेश दिया था कि 15 दिनों में दस्तावेजों की जांच कराएं और उसके 30 दिनों के अंदर नियुक्ति पत्र दे दें। यह मियाद 17 मई को खत्म हो गई, लेकिन शिक्षा विभाग ने पटना हाई कोर्ट का आदेश नहीं माना। अब 150 से ज्यादा उन चयनित शिक्षकों में से 122 को डॉक्युमेंट वेरीफिकेशन के लिए 30 मई 2025 को बुलाया गया है। इन्हें बाकी कागजातों के साथ बैंक स्टेटमेंट विशेष रूप से लाने को कहा गया है।
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