India News : इस समय की बड़ी खबर उत्तर प्रदेश के झांसी से आ रही है। यहां मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नियोनेटल आईसीयू में भर्ती 26 बच्चे आग की चपेट में आ गए। 10 बच्चों की मौत पर योगी सरकार ने मुआवजे का एलान किया है। 16 बच्चों को बचाने के लिए प्रार्थनाएं हो रही हैं।
UP News : झांसी मेडिकल कॉलेज में धमाका, फिर शिशु वार्ड में आग
शुक्रवार की रात साढ़े 10 बजे झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई सरकारी मेडिकल कॉलेज के चिल्ड्रेन वार्ड में भीषण आग लग गई, जिसमें 10 नवजात बच्चे जिंदा जल गए। अस्पताल के कर्मचारियों और परिजनों ने वार्ड की खिड़की तोड़कर 39 बच्चों को बाहर निकाल लिया। यह आग ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में स्पार्क के चलते लगी। पहले सिलेंडर ब्लास्ट हुआ, जिसके बाद पूरे वार्ड में आग फैल गई। सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने घंटों मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। जिन 39 बच्चों को बाहर निकाला गया, उनमें 16 की हालत चिंताजनक है।
SNCU वार्ड से धुआं निकलते देखा तो मची अफरातफरी
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि सिलेंडर ब्लास्ट के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया। कुछ देर तक समझ नहीं आया कि क्या हुआ। लेकिन अस्पताल कर्मचारियों ने जब SNCU वार्ड से धुआं निकलते देखा तो वहां अफरा-तफरी मच गई। अस्पताल के कर्मचारी शिशु वार्ड की तरफ भागे। रोते-बिलखते बच्चों के परिजन भी उनके पीछे-पीछे भागे। हालांकि, आग की लपटों और धुएं की वजह से कोई वार्ड में नहीं घुस पाया। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड और पुलिस टीम ने खिड़की का शीशा तोड़कर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
UP CM योगी ने कमिश्नर और DIG को 12 घंटे के अंदर मांगा रिपोर्ट
वहीं, इस भीषण हादसे की जानकारी के पश्चात सीएम योगी ने कमिश्नर और DIG को 12 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगा है। जबकि सुबह 5 बजे ही डिप्टी सीएम और हेल्थ मिनिस्टर ब्रजेश पाठक झांसी पहुंचे। उन्होंने कहा- हादसे की 3 स्तरीय जांच होगी। पहला जांच स्वास्थ्य विभाग, दूसरा पुलिस तथा तीसरी जांच मजिस्ट्रेट करेंगी। इस बड़ी लापरवाही पर जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
5-5 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान; मृतक बच्चों के परिजनों को मिलेंगे
इधर, सीएम योगी ने मृतकों के परिजन को 5-5 लाख रुपए देने का ऐलान किया है। जबकि घायलों के परिजन को 50-50 हजार रुपए दिए जाएंगे।
24 घंटे में आएगी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट; बोले डिप्टी सीएम
पत्रकारों के सवाल पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बताया कि 24 घंटे में प्राथमिक रिपोर्ट आएगी। जबकि मजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट आने के बाद हम कार्रवाई करेंगे। हादसे के बाद 16 बच्चों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया। जिसमें 7 बच्चे निजी अस्पताल में भर्ती हैं। 6 बच्चों के परिजन अभी नहीं तक मिले हैं।
JHANSI हादसे की 3 बड़ी लापरवाही
- अस्पताल की बिजली काटकर
मोबाइल और टॉर्च की रोशनी में बच्चों का किया गया रेस्क्यू। - एंट्री और एग्जिट के लिए एक ही रास्ता था। अंदर की तरफ क्रिटिकल केयर यूनिट रहने की वजह से धुआं भर गया था। रेस्क्यू नहीं हो सका। थी। यहीं पर सबसे ज्यादा बच्चों की मौत हुई है।
- हॉस्पिटल में फायर अलार्म सिस्टम का मेंटेनेंस नहीं करवाया गया था। इस कारण घटना के समय अलार्म नहीं बजा, वर्ना ज्यादा बच्चों को बचाया जा सकता था।
दमकल कर्मी ने मुंह पर रुमाल बांधकर किया रेस्क्यू
बता दें कि इतना धुंआ था कि दमकल कर्मी मुंह पर रुमाल बांधकर रेस्क्यू करना पड़ा। माना जा रहा है कि अगर समय से सेफ्टी अलार्म बज जाता तो इतनी बड़ी घटना होने से रोकी जा सकती थी।
कुल 54 नवजात थे भर्ती
झांसी के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) सचिन माहोर ने कहा, ‘NICU वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे, अचानक से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लग गई, आग बुझाने की कोशिश की गई, लेकिन आग तुरंत फैल गई थी।’
अंदर फंसे बच्चों को नहीं बचाया जा सका : डीएम
डीएम अविनाश कुमार ने कहा कि बाहर की तरफ जो बच्चे थे, वो बचा लिए गए। अंदर की तरफ जो बच्चे थे, वो काफी झुलस गए। 10 बच्चों की मौत हो गई । शॉर्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आ रही है। जितने बच्चे घायल हैं, उनकी मॉनिटरिंग की जा रही है। घटना 10.30 बजे से 10.45 के बीच की है। जांच टीम बना दी गई है। जो इसकी रिपोर्ट देगी।