Two Wheeler Toll Tax : टू व्हीलर टोल टैक्स वसूली की खबर सही है? 25 करोड़ दोपहिया वाहन मालिक पढ़ें सच्चाई

रिपब्लिकन न्यूज़, नई दिल्ली

by Rishiraj
2 comments

Two Wheeler Toll Tax : टोल प्लाजा से फास्ट टैग पर टोल टैक्स अपने आप कट जाता है। आज सुबह से कई मीडिया प्लेटफॉर्म टू व्हीलर टोल टैक्स की जानकारी दे रहे थे। अब केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सबकुछ साफ कर दिया है।

Toll Tax For Two Wheeler : भारत के 25 करोड़ दोपहिया मालिकों के लिए राहत की खबर

भारत में वर्ष 2020 में करीब 24.5 करोड़ दोपहिया वाहन पंजीकृत थे। पांच वर्षों में इनकी संख्या 25 करोड़ के आसपास पहुंच चुकी होगी। इन 25 करोड़ टू व्हीलर के मालिक आज सुबह से परेशान थे, क्योंकि कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म (RepublicanNews.in नहीं) इन सभी को टोल टैक्स के दायरे में लाने की खबरें चला रहे थे। कई ने तो संभावित टोल टैक्स की जानकारी और फास्ट टैग के उपयोग तक की खबरें चला दीं। अब हकीकत सामने आ गई है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने खुद सामने आकर सच्चाई बयां कर दी है।

Two Wheeler Toll Tax : टू व्हीलर की टोल टैक्स वसूली की अफवाह पर ट्रोलिंग

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को खुद आकर सफाई देनी पड़ी कि इस तरह का कोई निर्णय तो दूर, ऐसा कोई प्रस्ताव तक नहीं हैकि टोल प्लाजा पर टू व्हीलर से टोल टैक्स की वसूली होगी। दरअसल, सुबह से कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म पर दोपहिया वाहनों से टोल टैक्स वसूले जाने की खबरें दिखाई देने लगीं तो सोशल मीडिया पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की लोग ट्रोलिंग करने लगे। इतना ही नहीं, लोगों ने नितिन गडकरी को भी सीधे निशाने पर लिया कि इनसे यह उम्मीद नहीं थी।

Toll Tax on Two Wheeler : एनएचएआई अधिकारी भी पशोपेश में रहे

two wheeler toll tax fact republicannews.in
ऐसी खबरों के कारण बनी भ्रम की स्थिति। लोग पीएम मोदी से लेकर नितिन गडकरी तक को ट्रोल करने लगे।

कई घंटों तक नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधिकारियों के पास भी भारी संख्या में कॉल आते रहे। रिपब्लिकन न्यूज़ ने भी एनएचएआई के अधिकारियों से फैक्ट जानने की कोशिश की, लेकिन सभी का कहना था कि इस तरह की कोई जानकारी अबतक नहीं आई है। अधिकारी भी इस खबर से संशय में थे और बात मंत्रालय से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गई।

Nitin Gadkari on Two Wheeler Toll Tax : मंत्री ने सोशल मीडिया पर की निंदा

करीब सवा दो बजे केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने खुद सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया- “कुछ मीडिया हाउसेस द्वारा दो-पहिया (Two wheeler) वाहनों पर टोल टैक्स लगाए जाने की भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं। ऐसा कोई निर्णय प्रस्तावित नहीं है। दो-पहिया वाहन के टोल पर पूरी तरह से छूट जारी रहेगी। बिना सच्चाई जाने भ्रामक खबरें फैलाकर सनसनी निर्माण करना स्वस्थ पत्रकारिता के लक्षण नहीं है। मैं इसकी निंदा करता हूं।”

Why No Toll Tax on Two Wheeler in India? इस सवाल के जवाब को समझें

भारत में दोपहिया वाहनों से टोल टैक्स वसूले जाने की फर्जी खबरों के बीच हकीकत जानने के साथ अब यह भी जानना रोचक है कि किन कारणों से भारत में टू व्हीलर पर टोल टैक्स का प्रावधान नहीं किया जा रहा या जाएगा-

  1. 25 करोड़ परिवारों से दुश्मनी कौन मोल ले?
    भारत में पंजीकृत वाहनों में से 75 प्रतिशत टू व्हीलर हैं। इनकी अनुमानित संख्या अभी कम-से-कम 25 करोड़ है। इन्हें टोल टैक्स के दायरे में लाना 25 करोड़ कम आय वाले परिवारों को परेशान करने वाला निर्णय होगा। इसलिए, केंद्र में भले कोई भी सरकार हो, आम आदमी और खासकर कम आय वाले लोगों की दोपहिया सवारी पर टोल टैक्स का निर्णय नहीं लेगी।
  2. सड़क क्षमता पर नगण्य प्रभाव
    पहला और महत्वपूर्ण कारण यह है कि राजमार्गों पर दोपहिया वाहनों की संख्या अपेक्षाकृत कम होती है। सड़क क्षमता का आकलन करने के लिए पैसेंजर कार यूनिट (PCU) नामक एक इकाई का उपयोग किया जाता है, जिसमें एक मानक कार को 1 PCU माना जाता है। दोपहिया वाहनों को सैद्धांतिक रूप से एक छोटी कार के आधे आकार के बराबर, यानी 0.5 PCU माना जाता है। इसकी तुलना में, ट्रक और बसें 3 से 3.5 PCU और ट्रेलर 6 PCU तक होते हैं। इस गणना के आधार पर, हजारों PCU में मापी जाने वाली कुल सड़क क्षमता पर दोपहिया वाहनों का आवागमन बहुत कम प्रभाव डालता है। वे सड़क की भीड़ या क्षमता में खास कमी नहीं लाते।
  3. सड़क पर न्यूनतम घिसाव और टूट-फूट
    दूसरा और शायद सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि वाहनों से सड़क पर पड़ने वाले दबाव और घिसाव के आधार पर टोल शुल्क लिया जाता है। अपने हल्के वजन के कारण, एक दोपहिया वाहन सड़क पर बहुत कम या लगभग न के बराबर दबाव डालता है। वहीं, एक ट्रक या बस जैसे भारी वाहन सड़क पर महत्वपूर्ण दबाव डालते हैं, जिससे डामर (pavement) की आयु कम हो जाती है और उसकी गुणवत्ता तेजी से खराब होती है। हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने सभी राजमार्ग ऑपरेटरों को वजन मापने वाले पुल (वेबब्रिज) स्थापित करने का निर्देश दिया है, ताकि ओवरलोड वाहनों को रोका और उन पर शुल्क लगाया जा सके। इसका उद्देश्य भी सड़क की गुणवत्ता को बनाए रखना और उसकी उम्र बढ़ाना है, जिसमें दोपहिया वाहनों का योगदान नगण्य होता है।
  4. आर्थिक स्थिति और आवागमन का बोझ कम करना
    तीसरा कारण सामाजिक-आर्थिक पहलू से जुड़ा है। आमतौर पर, यह माना जाता है कि दोपहिया वाहन का मालिक चारपहिया वाहन के मालिक की तुलना में आर्थिक रूप से कम संपन्न होता है। ऐसे में, नियमों को इस तरह से बनाया गया है ताकि इन वर्ग के लोगों पर आवागमन का वित्तीय बोझ कम किया जा सके। यह एक तरह से राहत प्रदान करने का प्रयास है, जिससे दैनिक यात्रियों को सुविधा मिल सके।

You may also like

2 comments

Arti June 27, 2025 - 5:27 pm

very nice coverage

Reply

Leave a Comment

Editors' Picks

Latest Posts

© All Rights Reserved.

Follow us on