Bihar News में इस वक्त चर्चा महागठबंधन सरकार की। क्योंकि, इस सरकार के सुपर बॉस लालू प्रसाद के करीबी विधान पार्षद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर गंभीर संकेत दिए हैं।
पटना। ‘ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको हमने ठगा नहीं’। बिहार की राजनीति में यह तकियाकलाम की तरह गूंजता रहता है। कभी राजद के मुंह से तो कभी भाजपा वालों की जुबान से। लेकिन, अभी इस वाक्य का इस्तेमाल आखिर किसके लिए किया जा रहा है? आखिर वह कौन शख्स है, जो किसी सगे को भी ठगने से नहीं चूका? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि राजद के एमएलसी सुनील कुमार सिंह ने अपने फेसबुक पोस्ट पर यह बातें लिखी हैं। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के बेहद करीबी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई हैं एमएलसी सुनील कुमार सिंह। उन्होंने दिल्ली से पटना लौटते समय कानपुर के प्रख्यात ठग्गू के लड्डू का बॉक्स उठाया और उसकी पंच लाइन- ‘ऐसा कोई सगा नहीं, जिसे हमने ठगा नहीं’ के बहाने बिहार की राजनीति पर तीखी टिप्पणी कर दी है। मुखर अंदाज के लिए मशहूर सुनील कुमार सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखा कि ‘ऐसा कोई सगा नहीं जिसे हमने ठगा नहीं’ का संबंध बिहार की वर्तमान राजनीतिक हालात को दर्शाता है।
इस पोस्ट के सहारे नीतीश पर निशाना?
सुनील कुमार सिंह के इस पोस्ट के बाद अब सवाल उठने लगे हैं कि आखिर उन्होंने इन शब्दों का इस्तेमाल किसके लिए किया है? राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सुनील कुमार सिंह सीएम नीतीश कुमार पर हमेशा हमलावर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से नीतीश कुमार और भाजपा के बीच संबंध बेहतर होने की खबरें भी सामने आती रही हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं ऐसा तो नहीं कि सुनील कुमार सिंह का इशारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर हो? पिछले दिनों भी हमने देखा कि सुनील कुमार सिंह जब भी मीडिया के सामने आए तो उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सुनील कुमार सिंह को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसने के लिए अक्सर सुर्खियों में देखा जाता है। ऐसे में एक मिठाई के डब्बे पर लिखे स्लोगन को सोशल मीडिया पर डालना और यह लिखना कि यह बिहार के राजनीतिक वर्तमान परिदृश्य से जुड़ा है, बहुत कुछ बयां कर रहा है।
भाजपा से नीतीश की नजदीकियों पर है यह पोस्ट?
सवाल यह है कि क्या नीतीश कुमार की नजदीकियां भाजपा के साथ बढ़ रही हैं? सवाल यह भी कि क्या सुनील कुमार अपने मन से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर इस कदर हमलावर हैं? या फिर पार्टी की ओर से उन्हें ऐसे निर्देश मिले हैं कि चाहे मौका कुछ भी हो, चूकना नहीं है। यानी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह एहसास दिलाना है कि ‘ऐसा कोई सगा नहीं है जिसे उन्होंने ठगा नहीं है’!
चुनाव की आहट के साथ बदल रहे सुर
बिहार में फिलहाल महागठबंधन की सरकार है और नीतीश कुमार पिछले कुछ दिनों से खासे एक्शन में दिख रहे हैं। अधिकारियों के प्रति उनकी सख्ती आगामी चुनावी दस्तक को बयां कर रही है। शायद उन्हें यह एहसास हो चला है कि चुनाव नजदीक है और अब अधिकारियों को टाइट करने का समय आ गया है। लेकिन, सवाल यह भी है कि आखिर राजद इस बात से परेशान क्यों है? क्या राजद को ऐसा लग रहा है कि नीतीश कुमार एक बार फिर से पलटी मार सकते हैं? अगर राजद को इस बात का आभास है तो निश्चित तौर पर आने वाले समय में जदयू के भीतर भारी उथलपुथल की आशंका है।
नीतीश आए तो ठीक, वरना विधायक तो आएंगे ही
भाजपा का एक खेमा दावा कर रहा है कि जदयू के कई विधायक उनके संपर्क में हैं। यानी, नीतीश कुमार अगर साथ आए तो ठीक और अगर नहीं आए तो उनके विधायक तो आएंगे ही। ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि राजनीतिक तौर पर भले ही नीतीश कुमार खुद को पीएम के तौर पर देख रहे हैं, लेकिन इंडी गठबंधन में शामिल राजनीतिक दल अबतक ऐसा संकेत नहीं दे रहे हैं। बल्कि, संकेत बार-बार उलटा ही देखने को मिला है। अब देखना यह है की सुनील कुमार सिंह के इस पोस्ट के क्या मायने निकल कर सामने आते हैं।