Bihar News में चर्चा Rupauli Vidhan Sabha Bye Election के Result पर हो रही है। दसवें राउंड के बाद निर्दलीय शंकर सिंह लगातार आगे हैं। रुपौली में आखिर क्या है सुशांत सिंह फैक्टर?
Sushant Singh Rajpoot फैक्टर या Chirag Paswan ने बिगाड़ा खेल?
पूर्णिया की रुपौली विधानसभा सीट पर नीतीश की नाव फंस गई है। एनडीए की तमाम कवायदों पर निर्दलीय शंकर सिंह ने पानी फेर दिया। लेकिन इस चुनाव में सुशांत सिंह राजपूत फैक्टर की चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि सुशांत सिंह राजपूत फैक्टर ने नीतीश की नाव फंसा दी है। वहीं दूसरी तरफ इस रिजल्ट में चिराग पासवान के खेल की चर्चा भी होने लगी है। आखिर रुपौली उप चुनाव में सुशांत सिंह राजपूत फैक्टर क्या है? आखिर क्यों चिराग पासवान पर उठ रहे हैं सवाल?
शंकर सिंह 6838 से वोटो से कर रहे हैं लीड
रुपौली विधानसभा के चुनाव में 11वें राउंड की गिनती हो चुकी है। 12वें राउंड की गिनती जारी है। 11वें राउंड तक की गिनती में निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह लगातार बढ़त बनाए हुए हैं। उन्हें 64100 वोट मिले हैं। जबकि जेडीयू के कलाधर मंडल को 57262 वोट मिले हैं। शंकर सिंह 6838 से ज्यादा वोटो से लीड कर रहे हैं। वहीं तीसरे नंबर पर बीमा भारती हैं। राजद उम्मीदवार बीमा भारती को सिर्फ 29219 वोट मिले हैं।
मलडीहा : सुशांत सिंह राजपूत के कारण एकजुट हुआ गांव
पूर्णिया जिले का मलडीहा गांव बॉलीवुड स्टार सुशांत सिंह राजपूत का पैतृक गांव है। यह रुपौली विधानसभा क्षेत्र में ही पड़ता है। इस गांव का पूरा समर्थन शंकर सिंह को मिला है। स्थानीय लोगों का कहना है कि शंकर सिंह के अलावे कोई भी नेता दिवंगत अभिनेता को याद नहीं करता। इसलिए इस बार पूरा गांव निर्दलीय प्रत्याशी के साथ है। गांव के लोगों का मानना है कि शंकर सिंह पूर्णिया शहर में सुशांत सिंह राजपूत की प्रतिमा स्थापित करवाएंगे। मलडीहा में सुशांत सिंह राजपूत के नाम पर भवन बनेगा। उनके नाम पर जो चौक है, उसे भी सजाया जाएगा। गांव के लोगों ने दिवगंत सुशांत सिंह राजपूत के नाम पर शंकर सिंह को समर्थन दिया है। रिजल्ट से यह साफ भी हो रहा है।
Chirag Paswan पर क्यों उठ रहे सवाल
रुपौली विधानसभा उप चुनाव के रिजल्ट को लेकर लाजपा रामविलास के प्रमुख केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि शंकर सिंह और चिराग पासवान के बीच पुराना नाता रहा। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में बीमा भारती ने जेडीयू उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की थी। उन्होंने चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले शंकर सिंह को हराया था। बीमा भारती को 64324 वोट मिले थे। जबकि शंकर सिंह को 44994 मत आए थे। उससे पहले 2010 में भी बीमा भारती की जीत हुई थी। उनको 64,887 मत प्राप्त हुए थे। वहीं, एलजेपी कैंडिडेट शंकर सिंह को 27,171 वोट मिले थे।