Bihar Teacher News में शिक्षकों के तबादले पर रोक को लेकर बवाल जारी है। अब संघ ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है।
Bihar Teacher News : सरकार ने साजिश के तहत रोका तबादला
बिहार में शिक्षकों के तबादले पर पटना उच्च न्यायालय द्वारा तत्काल रोक लगाने के बाद ट्रांसफर पोस्टिंग पॉलिसी को स्थगित कर दिया गया है। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने मंगलवार को कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ट्रांसफर पोस्टिंग पॉलिसी को स्थगित करने की घोषणा की। अब शिक्षक संघ ने सरकार के फैसले को राजनीतिक साजिश करार दिया है। आरोप है कि चुनावी मौसम का फायदा उठाने के लिए यह राजनीतिक साजिश रची गई। बिहार विद्यालय अध्यापक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष उदय शंकर सिंह ने बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार द्वारा शिक्षक पदस्थापन स्थानांतरण पर तत्काल स्थगित करने संबंधित आदेश को सरकार के सोची समझी राजनीतिक साजिश का रूप है। उन्होंने कहा है कि सरकार के द्वारा सुनियोजित तरीके से भेदभावपूर्ण विसंगतियों से भरा पदस्थापन स्थानांतरण नीति लाया गया। एक ऐसा स्थानांतरण नीति जिसमें स्थानांतरण के साथ साथ नियोजित शिक्षकों घर परिवार से दर बदर से जिलाबदर कर के दण्डात्मक कारवाई भी दिये जाने का प्रावधान कर दिया गया।
Bihar News : सरकार चाहती तो ऐसा नहीं होता : उदय शंकर
उदय शंकर सिंह ने कहा है कि विद्यालय अध्यापक संघ द्वारा प्रखरपूर्ण विरोध करने पर सरकार के द्वारा बिहार की जनता एवं शिक्षकों के परिवार की सहानुभूति प्राप्त करने के साथ-साथ अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति हेतु आने वाले चुनावी साल को देखते हुए आनन-फानन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्थानांतरण पदस्थापन नियमावली में संशोधन ना करके पूरे स्थानांतरण पदस्थापन नीति को ही तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया। जबकि बिहार के लाखों नियोजित एवं बीपीएससी शिक्षक स्थानांतरण की आस में टकटकी लगाये बैठे थे। ऐसा प्रतीत होता है जैसे बिहार में शिक्षक बनना अपराध हो गया है। आखिरकार सरकार को किस कारण से पदस्थापन स्थानांतरण नीति को स्थगित करना पड़ा? सरकार चाहती तो अनुमण्डल के बदले प्रखण्ड के विकल्प को संशोधित कर स्थानांतरण कर सकती थी। लेकिन मसला स्थानांतरण का नहीं बल्कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी दर्जा देने का है।
Bihar Teacher : तत्काल राज्यकर्मी का दर्जा दे सरकार
सक्षमता परीक्षा का परिणाम घोषित हुए लगभग आठ माह गुजर जाने के बाद भी सरकार द्वारा सक्षमता उत्तीर्ण शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा प्रदान नही किया गया। संघ सरकार से यह मांग करता है कि सरकार सभी सक्षमता उत्तीर्ण शिक्षकों को परीक्षाफल प्रकाशन तिथि से राज्यकर्मी का दर्जा प्रदान करे और जिन शिक्षकों को ट्रांसफर की जरूरत है उन्हें अविलंब ट्रांसफर किया जाएगा। ऐसा नहीं करना स्पष्ट रूप से सरकार के शिक्षकों के प्रति कुत्सित एवं विकृत मानसिकता का परिचायक है।