Bihar News : शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कहा कि राज्य के करीब 50 प्रतिशत बच्चे अब भी अपनी कक्षा के अनुरूप दक्ष नहीं हैं। ऐसे में छुट्टी होने के कुछ देर बाद तक स्कूल के कमजोर स्टूडेंट्स को मिशन दक्ष के जरिए शिक्षा दी जाए तो यह बेहतर होगा।
बिहार के स्कूलों में शिक्षकों की टाइमिंग को अब सारी बातें स्पष्ट हो गईं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar)और शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के विधानसभा में बयान के बावजूद कुछ जिलों में ड्यूटी टाइमिंग को लेकर शिक्षिकों पर कार्रवाई क्यों हुई? इस पर सारी चीजें स्पष्ट हो गईं। ड्यूटी टाइमिंग को लेकर असमंजस दूर किसी और ने नहीं बल्कि खुद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) केके पाठक (KK Pathak) ने किया है। उन्होंने सीएम नीतीश कुमार के आदेश को मान लिया और इसे लागू भी कर दिया।
15 मिनट बाद स्कूल छोड़ें शिक्षक
कटिहार में मीडिया से बातचीत करते हुए केके पाठक ने कहा कि स्कूल की पहली घंटी 10 बजे शुरू होगी और अंतिम घंटी चार बजे खत्म होगी। सभी शिक्षक पहली घंटी शुरू होने से 15 मिनट पहले पहुंचे और अंतिम घंटी खत्म होने के 15 मिनट बाद स्कूल छोड़ें। केके पाठक ने कहा कि कुछ जगहों पर स्कूल टाइमिंग को लेकर शिक्षकों पर कार्रवाई की गई। इसका कारण यह हुआ कि शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के स्कूल आने और जाने के समय को स्पष्ट नहीं किया था। इसलिए कुछ जगहों पर ऐसा हुआ।
मिशन दक्ष के पक्ष में केके पाठक
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कहा कि राज्य के करीब 50 प्रतिशत बच्चे अब भी अपनी कक्षा के अनुरूप दक्ष नहीं हैं। ऐसे में छुट्टी होने के कुछ देर बाद तक स्कूल के कमजोर स्टूडेंट्स को मिशन दक्ष के जरिए शिक्षा दी जाए तो यह बेहतर होगा। आने वाले दिनों में इसके अच्छे परिणाम दिखाई देंगे। वहीं उन्होंने नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के सवाल पर कहा कि मामूली परीक्षा देकर पास करने वाले शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिल जाएगा।