Bihar News में खबर राजधानी Patna दो बच्चों की मौत पर जारी बवाल से जुड़ी हुई। आरोप आंख निकालने और बलि देने के लग रहे हैं। लेकिन पुलिस की थ्योरी बिल्कुल अलग है।
2 बच्चों की मौत पर बवाल, आगजनी
राजधानी पटना में दो मासूमों की मौत के बाद बवाल मचा है। सड़क पर तांडव हो रहा है। आक्रोश की आग से बाईपास जाम है। कई थानों की पुलिस कैंप कर रही है। लेकिन भीड़ के गुस्से को संभालना मुश्किल हो रहा है। पटना के बेऊर थाना इलाके में दो बच्चों की लाश मिलने के बाद शुरू हुआ बवाल कई घंटों से जारी है। पुलिस के सीनियर अधिकारी खुद मौके पर मौजूद हैं। लेकिन उग्र भीड़ को संभालना मुश्किल हो रहा है। परिजनों का आरोप है कि बच्चों की बेरहमी से हत्या की गई है। उनकी आंखें निकाली गई हैं। चाकू से हमले किए गए हैं। इतना ही नहीं, परिजनों ने एक कंस्ट्रक्शन कंपनी पर बलि देने के आरोप लगाए हैं। मृतक दोनों बच्चे पड़ोसी हैं और पटना के ही गर्दनीबाग थाना इलाके के रहने वाले हैं।
रस्सी से कंस्ट्रक्शन कंपनी का क्या है कनेक्शन
गर्दनीबाग थाना इलाके के सरिस्ताबाद निवासी विनोद कुमार के बेटे विवेक (12) और विकास कुमार के बेटे प्रत्यूष (11) रविवार की दोपहर से लापता थे। दोपहर करीब 2 बजे बच्चे घर से निकले। लेकिन वापस नहीं लौटे। सोमवार की सुबह बेऊर थाना इलाके में पानी से भरे गड्ढे से दोनों बच्चों की लाश बरामद की गई। लाश मिलने के बाद बवाल मच गया। सड़क पर आगजनी की जा रही है। पटना का बाईपास इलाका पूरी तरह से जाम है। परिजनों का आरोप है कि विवेक और प्रत्यूष की हत्या की गई है। दोनों बच्चों को पहले बुरी तरीके से मारा गया। फिर आंख फोड़ दी गई। बदन पर चाकू चलाए गए। इस दौरान रस्सी से उनके हाथ-पैर बांधे गए थे। परिजनों ने बेऊर स्थित एक कंस्ट्रक्शन कंपनी पर बलि देने का भी आरोप लगाया है। लोगों का कहना है कि बच्चों के शरीर पर जो रस्सी मिले हैं वह रस्सी कंस्ट्रक्शन कंपनी के कैंपस में भी मौजूद हैं।
Patna Police का दावा : पानी में डूबने से हुई है मौत
इस पूरी घटना में पुलिस की थ्योरी बिल्कुल ही अलग है। पटना के एसएसपी राजीव मिश्रा का कहना है कि प्राइमरी इन्वेस्टिगेशन में दोनों बच्चों की मौत का कारण पानी में डूबना प्रतीत हो रहा है। एसएसपी ने हत्या की आशंका से इनकार करते हुए कहा कि अब तक की जांच में यह पता चला है कि बच्चों की मौत डूबने से हुई है। परिजनों का आरोप है कि बच्चों की हत्या की गई है। इसलिए इसकी भी जांच की जा रही है। FSL की टीम भी मौके पर पहुंची है। आसपास के सीसीटीवी को खंगाला जा रहा है। वहीं सिटी एसपी अभिनव धीमान का भी कहना है कि दोनों बच्चों की मौत का कारण पानी में डूबना ही है। सिटी एसपी के अनुसार, प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि बच्चों की मौत पानी में डूबने से हुई है। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह साफ हो जाएगा। चेहरे पर खून के निशान के सवाल पर उन्होंने कहा कि डूबने से भी खून निकलता है। हालांकि हम अन्य बिंदुओं पर भी जांच कर रहे हैं।
पोस्टमार्टम से पहले क्यों हड़बड़ी में पुलिस ? क्या बच्चों ने कुछ देखा था?
इस पूरी वारदात में कई तथ्य सामने आए हैं। रंजिश में हत्या की बात से इसलिए इनकार किया जा रहा है क्योंकि दोनों ही बच्चे एक परिवार के नहीं हैं। ऐसे में दो परिवारों के साथ किसी की दुश्मनी का होना और दो परिवारों से एक साथ दुश्मनी का बदला लेने की बात गले नहीं उतरती है। परिजनों का आरोप है कि बच्चों की आंखें निकाली गई हैं। हालांकि पुलिस इससे इनकार कर रही है। अगर बच्चों की आंखों पर हमले हुए हैं और दोनों की हत्या की गई है तो इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि बच्चों ने कुछ ऐसा देखा था जो उन्हें नहीं देखना चाहिए था। संभव है कि बच्चों ने कुछ ऐसा देख लिया हो जिसके कारण दोनों की हत्या की गई। हालांकि पुलिस की तफ्तीश में फिलहाल ऐसा कुछ भी सामने नहीं आया है। अब सबकुछ पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिका है। पुलिस ने डूबने से मौत को लेकर मृतकों के परिजनों के लिए चार-चार लाख रुपये मुआवजे का ऐलान भी कर दिया है। ऐसे में सवाल यह भी है कि पुलिस ने आखिर बगैर पोस्टमार्टम रिपोर्ट के डूबने से मौत के मुआवजे का ऐलान कैसे और क्यों कर दिया? पटना पुलिस पहले से कटघरे में है। परिजनों का आरोप है कि रविवार की दोपहर जब बच्चे गायब हुए थे तो उन्होंने गर्दनीबाग थाने में शिकायत दी थी। लेकिन शिकायत करने के लिए पुलिस थाने में कागज तक उपलब्ध नहीं था। ऐसे में एक ही पन्ने में दोनों बच्चों के लापता होने की शिकायत लिखकर दी गई। इस शिकायत की कॉपी भी परिजनों को नहीं मिली। यही वजह है कि परिजनों में पुलिस के प्रति बेहद नाराजगी है।