Bihar News : बालू माफियाओं से सांठगांठ रखने वाले दारोगा पर निलंबन की गाज गिरी है। जबकि आरोप पत्र समर्पित नहीं कर अपराधी को लाभ पहुंचाने वाली महिला दारोगा को स्पसेंड किया गया है।
Bihar Police : मधुबनी में दारोगा निलंबित, सीतामढ़ी में PSI पर गिरी गाज
बिहार पुलिस में लापरवाही बरतने और अपराधियों से सांठगांठ रखने वाले खाकीधारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है। मधुबनी में जमीन और बालू माफियाओं से कनेक्शन रखने वाले दारोगा को एसपी ने निलंबित कर दिया है। डीएसपी की जांच प्रतिवेदन पर एसपी योगेन्द्र कुमार ने यह कार्रवाई की है। दारोगा और बालू माफियाओं के बीच सांठगांठ के सबूत भी सामने आए हैं। वहीं सीतामढ़ी में आरोप पत्र समर्पित नहीं करने के मामले में महिला दारोगा पर निलंबन की गाज गिरी है। आरोप है कि आरोप पत्र समर्पित नहीं कर दहेज के केस में आरोपियों को मदद पहुंचाई गई है।
Madhubani News : बालू माफियाओं से सांठगांठ में मधुबनी के दारोगा सस्पेंड
मधुबनी एसपी योगेंद्र कुमार ने जयनगर थाना में पदस्थापित एसआई संतोष कुमार को भू माफियाओं एवं दलालों से सांठगांठ रखने के आरोप में सस्पेंड कर दिया है। जयनगर डीएसपी की जांच प्रतिवेदन के आधार पर एसपी ने यह कार्रवाई की है। संतोष कुमार जयनगर थाना में अनुसंधानकर्ता के पद पर थे। लेकिन अनुसंधान के कार्यों में रुचि नहीं ले रहे थे। हमेशा दलालों के साथ थाना परिसर में देखा जा रहा था। आम नागरिकों की शिकायत पर सही तरीके से अनुसंधान नहीं करने और बालू माफियाओं के साथ संपर्क रखने के आरोप में उन्हें निलंबित किया गया है। उन्हें पुलिस केंद्र मधुबनी भेज दिया गया है। निलंबित दारोगा को 5 दिन के अंदर अपने ऊपर लगे आरोपों के बाबत स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है।
Sitamarhi News : दहेज के केस में आरोप पत्र समर्पित नहीं करने वाली महिला दारोगा निलंबित
निलंबन की दूसरी कार्रवाई सीतामढी में हुई है। कार्य में लापरवाही, आदेश का उल्लंघन और अभियुक्तों को लाभ पहुंचाने की नीयत से न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित नहीं करने के मामले में सोनबरसा थाने की महिला पीएसआई भवानी कुमारी को निलंबित कर दिया गया है। महिला पीएसआई को लाइन अटैच किया गया है। सोनबरसा थाना के दहेज अधिनियम के कांड की आवेदिका कौशल्या कुमारी ने कांड की अनुसंधानकर्ता पर आरोप लगाते हुए एसपी से शिकायत की थी। इसके बाद एसपी कार्यालय से भी महिला पीएसआई को न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन महिला पीएसआई द्वारा न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित नहीं किया गया। निलंबन आदेश में कहा गया है कि 5 माह बीत जाने के बाद भी PSI द्वारा न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित नही कर अभियुक्तों को लाभ पहुंचाया गया है।