Pahalgam Kashmir News : धर्म पूछकर किस आतंकी संगठन ने पहलगाम में 26 की जान? जिसे छोड़ा, उसे बोला- जाकर मोदी को बता देना

रिपब्लिकन न्यूज़, श्रीनगर

by Rishiraj
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Pahalgam Kashmir News : कश्मीर की वादियों में मंगलवार को बड़े आतंकी हमले में मरने वालों की संख्या 26 पहुंच चुकी है। सामने आया है कि आतंकियों ने धर्म पूछकर गैर-मुस्लिमों की जान ली। जिसे छोड़ा, उसे बोला कि जाकर मोदी को बता देना…।

पहलगाम में हनीमून मनाने आई यह नवविवाहिता अपने पति की हत्या किए जाने के बाद विलाप करती हुई चुप हो जा रही थी। यह तस्वीर आज विश्वभर के मीडिया में चर्चा और चिंता का विषय है, क्योंकि धर्म पूछकर इस बार पर्यटकों को भी कश्मीर में मारा गया है।

Terrorist Attack in Kashmir : पहलगाम में आतंकियों ने गैर-मुस्लिम को खोजकर मारा

श्रीनगर से 90 किलोमीटर दूर मशहूर पर्यटन स्थल पहलगाम की बायरसन घाटी में मंगलवार दोपहर करीब दो बजे भारतीय सेना की वर्दी में आए आतंकवादियों ने देश-विदेश के पर्यटकों से उनका धर्म पूछ-पूछ कर उनकी जान ले ली। अमरनाथ यात्रा से करीब दो महीने पहले हुए इस हमले में अबतक 26 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है। मृतकों में कई ऐसे नवविवाहित भी शामिल हैं, जो अपनी खुशहाल वैवाहिक जीवन की शुरुआत करने के लिए इस शांत और सुरम्य वादी में हनीमून मनाने आए थे। इस हृदयविदारक घटना ने पूरे देश को गहरे सदमे और आक्रोश में डुबो दिया है।

Pahalgam Kashmir News : जिन्हें छोड़ा, उन्हें बताई छोड़ने की वजह भी

स्वचालित हथियारों से लैस आतंकवादियों के एक समूह ने हमले के वक्त धर्म पूछा और गैर-मुस्लिम लोगों को निशाने पर रखा। जिस समय यह हमला हुआ, ज्यादातर पर्यटक वादियों के मौसम का आनंद लेते हुए खाना-पीना और खच्चर पर घूमने जैसे काम कर रहे थे। गोलियां चलते ही चीख-पुकार और भगदड़ मच गई। जिंदा बचे लोगों ने बताया कि कैसे धर्म पूछकर हत्या की गई और जो जिंदा बच गए उन्हें कहा गया कि जाकर मोदी (भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) को बताना, इसलिए छोड़ रहे हैं।

Kashmir Attack : लश्कर के सहयोगी संगठन TRF ने ली हमले की जिम्मेदारी

इस कायराना हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक सहयोगी संगठन, द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, TRF वस्तुतः लश्कर-ए-तैयबा के ही आतंकियों का एक छद्म संगठन है, जिसका इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव से बचने और स्थानीय युवाओं को गुमराह कर आतंकी गतिविधियों में शामिल करने के लिए किया जाता है। TRF पहले भी जम्मू-कश्मीर में कई लक्षित हमलों और आतंकी घटनाओं में अपनी संलिप्तता का दावा कर चुका है।

Baisaran Valley : ड्रोन की मदद से संदिग्धों की तलाश में जुटी सुरक्षा एजेंसियां

हमले के तुरंत बाद, जम्मू-कश्मीर पुलिस और भारतीय सेना के जवानों ने पूरे इलाके को घेर लिया और हमलावरों की तलाश में एक व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। खोजी कुत्तों और ड्रोन की मदद से घने जंगलों और आसपास के इलाकों में संदिग्धों की तलाश जारी है। सुरक्षा एजेंसियां इस बात की भी जांच कर रही हैं कि आतंकियों का यह समूह सीमा पार से आया था या स्थानीय स्तर पर ही उन्हें शरण मिली हुई थी।

इस बीच, केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है और मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस घटना को “अत्यंत निंदनीय और कायरतापूर्ण कृत्य” बताया है। उन्होंने कहा कि “इन निर्दोषों की मौत व्यर्थ नहीं जाएगी और सुरक्षा बल इस जघन्य अपराध के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।” उन्होंने मृतकों के परिवारों को अनुग्रह राशि और घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं।

India News : गृह मंत्री अमित शाह कल सुबह पहुंचेंगे घटनास्थल, कही यह बात

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी इस हमले पर गहरा दुख व्यक्त किया है और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना को “आतंकवादियों की हताशा का प्रतीक” करार दिया और कहा कि “सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को और तेज करेगी और कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है।” उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों को इस हमले के पीछे की साजिश का पर्दाफाश करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। अमित शाह बुधवार को इस घटनास्थल का भ्रमण भी करेंगे और घायलों के साथ ही मृतकों के परिजनों से भी मिलेंगे।

मृतकों में न केवल जम्मू-कश्मीर के स्थानीय नागरिक शामिल हैं, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों से आए पर्यटक भी हैं। विशेष रूप से हनीमून मनाने आए नवविवाहित जोड़ों के टूटने की तस्वीरों ने देश में शोक की लहर पैदा कर दी है। इस त्रासदी के बाद पूरे देश में शोक और गुस्से का माहौल है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने इस बर्बर कृत्य की कड़ी निंदा की है और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का आह्वान किया है। सोशल मीडिया पर लोग मृतकों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं और सरकार से आतंकवाद के खात्मे के लिए निर्णायक कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।

इस आतंकी हमले ने एक बार फिर कश्मीर में पर्यटन और सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। पहलगाम हमले से स्थानीय पर्यटन उद्योग को एक बड़ा झटका लगना तय है और यह तत्काल दिखने भी लगा है। कई पर्यटकों ने अपनी यात्राएं रद्द कर दी हैं, जिससे होटल व्यवसाय और स्थानीय व्यापारियों को भारी नुकसान की आशंका है।

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