Bihar Police : अकचकाना अजूबा नहीं था। पुलिस के स्टीकर वाली सफेद कार। उसमें ड्राइवर। अंदर दरोगा की वर्दी में एक शख्स। नाम रवि किशन और भाषा भोजपुरी। लेकिन, जब जांच शुरू हुई तो सबकुछ फर्जी निकला और कार में मिल गई शराब की खेप।
Bihar News : पटना में फर्जी दरोगा पकड़ाया, ड्राइवर वाली कार से शराब की तस्करी
शराबबंदी के नौ साल में बिहार ने शराब तस्करों के एक से बढ़कर एक जुगाड़ को देखा है। इस बार का जुगाड़ थोड़ा अलग था। पकड़ा भी गया राज्य की राजधानी पटना में। उत्पाद एवं मद्य निषेध की जांच टीम को भनक थी, लेकिन जब पुलिस (Bihar Police) के स्टीकर वाली सफेद आलीशान कार में ड्राइवर के साथ कोई दरोगा (Bihar Police Sub Inspector) की वेश में रहे तो हिचक स्वाभाविक थी। दरोगा ने गाड़ी रोके जाने पर भोजपुरी में अकड़ दिखाई। लेकिन, जो अंदेशा था तो जांच हुई। बात सही निकली। अपना नाम रवि किशन बताने वाला यह शख्स दरोगा नहीं, बल्कि शराब कारोबारी निकला।
Bihar Police : नालंदा मेडिकल कॉलेज पटना के पास नकली दरोगा सहित दो गिरफ्तार
उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने अगमकुंआ थाना क्षेत्र के पुरानी बाइपास रोड स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज के पास से एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए पुलिस का स्टिकर लगी एक कार से 199 लीटर शराब जब्त की है। इस दौरान पुलिस की वर्दी पहने एक ‘नकली दारोगा’ सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
Police Sub Inspector : सारण का रहने वाला है रवि किशन, पटना का है चालक
सहायक आयुक्त प्रेम प्रकाश के मुताबिक, विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि एक सफेद रंग की कार से शराब की बड़ी खेप पहुंचाई जानी है। इस इनपुट के आधार पर मद्य निषेध निरीक्षक विजय कुमार के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई और छापेमारी की गई। टीम ने संदिग्ध कार को रोका और तलाशी ली, तो बात सही निकली। गिरफ्तार किए गए ‘नकली दारोगा’ की पहचान सारण जिला निवासी रवि किशन के रूप में हुई है, जबकि चालक मनेर निवासी रौशन कुमार बताया जा रहा है। सहायक आयुक्त प्रेम प्रकाश ने खुलासा किया कि गिरफ्तार रवि किशन पहले भी भोजपुर में वर्दी पहनकर शराब तस्करी के मामले में जेल जा चुका है।
Liquor Ban in Bihar : वर्दी पहने ‘नकली दारोगा’ की पिछली करतूतों की जांच शुरू
कार के अंदर से 1105 पीस टेट्रा पैक शराब बरामद हुई, जिसकी कुल मात्रा 199 लीटर बताई जा रही है और जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 1 लाख 75 हजार रुपये है। मद्य निषेध विभाग अब इस गिरोह के अन्य संपर्कों और इसमें शामिल अन्य लोगों का पता लगाने में जुटी है। यह पता लगाया जा रहा है कि नकली दरोगा पहले से किसी केस में आरोपित या वांछित तो नहीं था।