Bihar News में खबर Bihar Politics से जुड़ी हुई। सूबे के सैकड़ों उप मुख्य पार्षद और डिप्टी मेयर ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है।नगर विकास मंत्री को इस्तीफा सौंपते हुए गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
Nitin Nabin को सौंपा सामूहिक इस्तीफा
बिहार की नगर सरकार में अंदरखाने सब ठीक नहीं चल रहा है। एक तरफ जहां मानसून में गांव से लेकर शहर तक को डूबने से बचाने की तैयारी चलनी चाहिए। वहीं दूसरी तरफ अब सैकड़ों उपमुख पार्षद और डिप्टी मेयर ने सामूहिक इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। इस्तीफा सौंपने के लिए उप मुख्य पार्षद पटना पहुंचे। पटना में नगर विकास मंत्री नितिन नवीन से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस्तीफा देने के बाद उप मुख्य पार्षदों ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
252 निकाय : डिप्टी की कुर्सी बस नाम की, नहीं है किसी काम की
राज्य में आयोग के नियम के अनुसार 252 निकायों में डिप्टी मेयर, पार्षद और उप मुख्य पार्षद का चुनाव करवाया गया था। यह पहला मौका था जब मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव पार्षदों के वोट से नहीं, बल्कि आम लोगों के वोट से हुआ। राज्य में 252 नगर निकाय हैं। इनमें 151 नगर पंचायत, 85 नगर परिषद और 17 नगर निगम शामिल हैं। नगर निगम में उप मेयर का पद है। जबकि नगर परिषद और नगर पंचायत में नगर उपाध्यक्ष का पद है। यह सभी जनता के वोट से चुने गए हैं। गुरुवार को मंत्री ने नितिन नवीन के पास पहुंचे उप मुख्य पार्षदों ने आरोप लगाया कि जनप्रतिनिधि होने के बावजूद उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। कमिश्नर और कार्यपालक पदाधिकारी की बात तो दूर, कार्यालय के कर्मचारी भी उनकी बात नहीं सुनते हैं। ऐसे में जनता के वोट से चुन के आने के बावजूद उप मुख्य पार्षद की कुर्सी उनके लिए बेकार साबित हो रही है।
मंत्री ने मांगा है एक सप्ताह का समय : संघ
बिहार राज्य उप मुख्य पार्षद संघ के प्रदेश अध्यक्ष पिंटू कुमार रजक ने बताया कि एक जनप्रतिनिधि के हैसियत से ना तो उन्हें सम्मान मिल रहा है। ना ही कोई उनका सुनने वाला है। उप मुख्य पार्षद इस बात से बेहद आहत हैं। क्योंकि जनता ने उन्हें वोट जनता के हित में काम करने के लिए दिया था। इसलिए सभी उप मुख्य पार्षद और डिप्टी मेयर अपना इस्तीफा सौंपने मंत्री के पास पहुंचे हैं। मंत्री नितिन नवीन ने संघ से एक सप्ताह का वक्त मांगा है। इस दौरान मंत्री उप मुख्य पार्षदों की भूमिका तय करने की कोशिश करेंगे।