Caste Census : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को कैबिनेट बैठक में फैसला किया कि देश में डिजिटल जनगणना के साथ इस बार जातीय जनगणना भी कराई जाएगी। बिहार की जातीय जनगणना के आधार पर लिए फैसले कोर्ट में अटके हैं, जानिए केंद्र के फैसले पर क्या होगा?
Ashwini Vaishnaw ने बताई पीएम मोदी की योजना; कब होगी जातिगत जनगणना?
अब केंद्र सरकार ही जाति गिनेगी। एक-एक शख्स से जाति पूछी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया है। देश में 2011 के बाद 2021 मेंं जनगणना होनी थी, लेकिन कोविड के कारण यह अटका रहा। अब जनगणना को डिजिटल रूप में करने की तैयारी के बीच केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि उसके साथ ही जातीय जनगणना (Caste Census India) भी करा ली जाएगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने केंद्रीय मंत्रिमंडल के इस फैसले की जानकारी दी।
Caste Census India : बिहार की जातीय जनगणना से कैसे अलग होगी यह?
2020 विधानसभा चुनाव से बिहार में बनी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने बिहार में जातीय जनगणना कराने का फैसला लिया था। फिर बीच में आई महागठबंधन सरकार में यह काम पूरा हुआ। किसी भी तरह की जनगणना का अधिकार केंद्र सरकार के पास होता है, इसलिए बिहार सरकार ने इसे जातिगत सर्वे का नाम दिया था। इस सर्वे के दौरान यह छूट थी कि कोई जाति नहीं बताना चाहे तो न बताए। सरकार ने जातीय जनगणना को सर्वे साबित करने के लिए यह छूट दी थी, लेकिन फिर उसी सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर जातिगत आरक्षण बढ़ा दिया था।
जातीय जनगणना का मामला पहले हाईकोर्ट होकर सुप्रीम कोर्ट होते पास हो गया था, लेकिन बढ़ाए गए आरक्षण का मुद्दा पटना हाईकोर्ट होकर सुप्रीम कोर्ट में जाकर अटक हुआ है। अब केंद्र सरकार ने खुद ही 2011 के बाद 2021 में नहीं हो सकी राष्ट्रीय जनगणना के साथ जातीय जनगणना का फैसला लिया है। चूंकि जनगणना अधिनियम के तहत यह अधिकार केंद्र सरकार के पास है और केंद्रीय कैबिनेट ने जातीय जनगणना का फैसला लिया है, इसलिए यह मामला नहीं फंसेगा।
PM Narendra Modi के मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस की मंशा पर कही यह बात
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी पर मीडिया से बात करने की जिम्मेदारी दी गई थी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद यह एलान नहीं किया। वैष्णव ने कहा कि कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों ने हमेशा जातिगत जनगणना का विरोध किया। 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने लोकसभा में आश्वासन दिया, लेकिन कुछ किया नहीं। राजग सरकार ने राष्ट्रीय जनगणना के साथ ही जातीय जनगणना कराने का फैसला किया है।
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