Bihar News : ठंड से स्कूली बच्चे की मौत, DM ने नहीं बंद किया School, पाठक जी…कौन है इस मौत का दोषी?

by Republican Desk
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Bihar News में खबर मुजफ्फरपुर से जहां एक स्कूली बच्चे की मौत हो गई है। मौत का कारण ठंड लगना बताया जा रहा है। क्या शिक्षा विभाग के ACS KK Pathak के तुगलकी फरमान से हुई बच्चे की मौत?

बच्चे की मौत का दोषी कौन?

हाय रे बिहार…। क्या बदकिस्मती है। ठंड से एक मासूम की जान चली गई। शासन-प्रशासन (DM) के हाथ सीएम के दुलरुआ आईएएस ने यूं बांध रखे हैं कि बेचारे जिले के मालिक तो हैं, लेकिन मासूमों की जान भी नहीं बचा सकते। तभी तो मुजफ्फरपुर में ठंड लगने से एक स्कूली बच्चे की मौत हो गई। मुजफ्फरपुर जिले में एक 12 वर्षीय बच्चे की स्कूल में अचानक तबियत बिगड़ गई। आनन फानन में बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। आखिरकार इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई। डॉक्टर ने मौत की वजह ठंड लगना बताया है। हालांकि, जिला प्रशासन ने अबतक ठंड लगने से मौत की पुष्टि नहीं की है।

स्कूल में लगी ठंड, बिगड़ी तबीयत तो गया अस्पताल, 12 वर्षीय बच्चे की मौत

यह पूरा मामला बोचहा प्रखण्ड क्षेत्र के रामदास मझौली खेतल पंचायत के उक्रमित माध्यमिक विद्यालय राघो मझौली का है। मृतक की पहचान बोचहा थाना क्षेत्र के राघो मझौली के निवासी मो इस्लाम के 12 वर्षीय पुत्र मो कुर्बान के रूप में हुई है। विद्यालय के प्राचार्य उमेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रतिदिन की तरह बुधवार को भी बच्चे प्रार्थना के बाद कक्षा में चले गए। थोड़ी देर में मो कुर्बान को ठंड ज्यादा लगने की सूचना मिली। इसके बाद उसे घर भेज दिया गया।थोड़ी देर बाद सूचना मिली कि उसकी मौत हो गई है।

मृतक के घर के समीप जुटे ग्रामीण

परिजन बोले : तबियत बिगड़ी तो भेजा घर, डॉक्टर ने ठंड से मौत की बात कही

वहीं मो कुर्बान के परिजनों ने बताया कि स्कूल में तबियत बिगड़ने के बाद उसे घर भेजा दिया गया था। घर पहुंचते ही वह उल्टी करने लगा। उसे दश्त होने लगा। इसके बाद परिजन उसे एक निजी क्लिनिक में ले गए, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर ने ठंड लगने से मौत होने की बात कही है। इसके बाद परिजन शव को लेकर घर चले आये।

ठंड से मौत की पुष्टि नहीं, डीएम बोले, अभी सूचना नहीं मिली है

डीएम ने नहीं की ठंड से मौत की पुष्टि

इस पूरे मामले में जिला प्रशासन की ओर से फिलहाल ठंड से मौत की पुष्टि नहीं की गई है। डीएम प्रणव कुमार ने बताया की अभी इस प्रकार का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। ठंड को देखते हुए अपील है कि घर से ज्यादा नहीं निकलें। बहुत जरूरी काम हो तब भी बचकर रहें।

मौत का दोषी कौन : केके पाठक का तुगलकी फरमान, या डीएम का डर?

बिहार में भीषण ठंड के कारण जिलों के डीएम स्कूल को एहतियातन बंद कर रहे थे। तभी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने अफसरों की क्लास लगा दी। नोटिस थमाते हुए पूछ दिया कि स्कूल क्यों बंद किया? क्या ठंड सिर्फ बच्चों को लग रही है? केके पाठक के इस फरमान की नाफरमानी भला कौन करे। पटना डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर को छोड़ किसी डीएम ने केके पाठक से लड़ने की हिम्मत नहीं जुटाई। ऐसे में अब सवाल उठता है कि ठंड से एक स्कूली बच्चे की मौत का दोषी आखिर कौन है? क्या एसीएस केके पाठक इसकी सफाई देंगे कि उनके तुगलकी फरमान के कारण बच्चे की मौत नहीं हुई है? क्या डीएम ये बताएंगे कि आखिर अत्यधिक ठंड में भी उन्होंने स्कूल बंद क्यों नहीं किया? क्या एसीएस केके पाठक के फरमान से डरकर उन्होंने स्कूल बंद नहीं किया? अब देखना ये है कि सिस्टम की इस करतूत को ढकने के लिए कौन सी तरकीब अपनाई जाती है।

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राम शंकर हिन्दवाणी January 25, 2024 - 1:32 pm

बिहार में जहां भी ठंढ़ से स्कूल के बच्चों की मौत हुई है या होगी तो वहां के जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला अधिकारी और शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के के पाठक पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।के के पाठक ने तो शिक्षा विभाग को अपनी जागीर समझ लिये है।बिहार के शिक्षकों को परेशान करने के नाम पर अब वहां के मासूम बच्चों को भी मौत के मूंह में ढकेलना सुरू कर दिया है।पाठक महोदय की ये कार्यशैली नीतीश सरकार की लुटिया डुबोने का काम करेंगी।

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