Bihar Cabinet Expansion की खबर चर्चा में है। नीतीश मंत्रिमंडल में फेरबदल की आहट क्यों सुनाई दे रही है?
Nitish Kumar की Cabinet में दिखेगा बड़ा बदलाव
नीतीश सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना है। सियासी महकमें में इस बात की चर्चा है कि बिहार में जल्द ही कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। इसको लेकर जेडीयू और बीजेपी के बीच सहमति बन गई है। कहा यह भी जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी आलाकमान से इसपर बात भी की है। फिलहाल बिहार के मंत्रिमंडल में 30 सदस्य हैं। ऐसे में 6 नए मंत्री बनाए जाने की गुंजाइश है। साथ ही साथ, कुछ मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है। बीजेपी और जेडीयू के बीच 2025 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए मंत्रिमंडल विस्तार पर सहमत बनी है।
कैबिनेट विस्तार में बीजेपी का मिशन 2025
2025 विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और जेडीयू ने तैयारियां शुरू कर दी है। इस बीच खबर बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार से जुड़ी हुई है। सियासी गलियारों से मिल रही जानकारी के अनुसार बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार पर बीजेपी और जदयू के बीच सहमति बन गई है। दरअसल, बिहार में बीजेपी उसी फार्मूले को लागू करना चाहती है जिस फार्मूले पर कई राज्यों में उसे सफलता मिली है। चुनाव से पहले मंत्रिमंडल विस्तार की वजह यह है कि बीजेपी ऐसे इलाकों से आने वाले नेताओं को मंत्री बनना चाहती है जहां उन्हें इसका सीधा फायदा वोट के रूप में मिलने की उम्मीद है। चुनाव में कुछ ही समय बचे हैं। ऐसे में बीजेपी की सोच है कि खास इलाकों के खास नेताओं को मंत्री बनाकर वहां के लोगों को पार्टी के प्रति आकर्षित किया जा सके। इसके लिए जेडीयू और बीजेपी के बीच लंबे समय से बातचीत चल रही थी। खबर है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी आलाकमान के बीच इसपर बातचीत हुई है और अंतिम सहमति भी बन गई है।
6 नए मंत्री, दिलीप जयसवाल की जा सकती है कुर्सी
बिहार विधानसभा में विधायकों की संख्या 243 है। इस लिहाज से कुल 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं। अभी मंत्रियों की संख्या 30 है। यानी छह मंत्रियों की गुंजाइश बची हुई है। ऐसे में नीतीश मंत्रिमंडल में कई नए चेहरे देखने को मिल सकते हैं। बीजेपी खेमे से दिलीप जयसवाल से जुड़ी खबर भी सामने आई है। भूमि राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल को भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है। पार्टी के प्रावधानों के मुताबिक एक व्यक्ति एक ही पद पर रह सकता है। यानी दिलीप जायसवाल को मंत्री पद छोड़ना पड़ेगा। भाजपा उनकी जगह किसी को मंत्री बना सकती है। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा और जेडीयू नए समीकरण भी बनाएंगे। इसमें कुछ की छुट्टी हो सकती है तो कुछ के विभाग बदलेंगे। मंत्रियों के रिक्त छह पद भी इसी विस्तार में भरे जाने हैं। बोर्ड-निगम में भी रिक्त पद भरे जाने हैं। इसकी सूची भी तैयार हो चुकी है।
आखिर 36 मंत्री ही क्यों? राबड़ी देवी के कार्यकाल में थे 82 मंत्री
एक समय राबड़ी देवी मंत्रिमंडल में 82 मंत्री होते थे। तब लगभग सभी राज्यों का यही हाल था। मंत्री बनाने की कोई सीमा तय नहीं थी। मंत्रिमंडल में बेशुमार सदस्यों के वेतन-भत्ते और सुख-सुविधाओं पर होने वाला खर्च का बोझ राज्यों के खजाने पर पड़ता था। वर्ष 2003 में इसके लिए संविधान संशोधन विधेयक पास हुआ। तब से मंत्रियों की सीमा तय कर दी गई है। निर्धारित सीमा से अधिक कोई भी राज्य मंत्री नहीं बना सकता। इसके लिए विधायकों की संख्या की 15 फीसद लिमिट तय हुई। इस हिसाब से बिहार की 243 सदस्यों वाली विधानसभा में अधिकतम 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं। फिलहाल नीतीश मंत्रिमंडल में 30 मंत्री शामिल हैं।
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[…] 2024 को ही इस बात की संभावना जताई थी कि नीतीश कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। ‘रिपब्लिकन न्यूज़’ ने बताया था कि […]