Bihar News में मानव तस्करी से जुड़ी एक ऐसी खबर जो आपको दंग कर देगी। एक छोटी सी सूचना पर बेगूसराय पुलिस की टीम जहां पहुंची है वहां मानव तस्करी के सबसे बड़े सिंडिकेट से पुलिस टकरा गई है।
बेगूसराय पुलिस को एक सुई की तलाश थी। छोटी सी इनपुट मिली। बुधवार की देर शाम पुलिस छापेमारी करने पहुंची तो पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा। लेकिन इस दौरान जो खुलासे हुए उसने पूरे इलाके को हिला दिया। एक केस में सबूत की तलाश कर रही पुलिस के सामने कई बड़े कांड का कच्चा चिट्ठा आ गया।
बखरी थाना इलाके में सबसे बड़े मानव तस्करी के सिंडेकेट की दहलीज पर है पुलिस
बेगूसराय के बखरी थाना इलाके में बुधवार की देर शाम करीब 8 बजे बखरी पुलिस ने नगर परिषद बखरी के वार्ड संख्या 14 में छापेमारी की। सूचना मिली थी कि वार्ड 14 की एक महिला को उसके ही पड़ोसी ने राजस्थान में बेच दिया था। करीब डेढ़ साल बाद महिला भागकर किसी तरह अपने ससुराल वापस पहुंच गई। मानव तस्करी से जुड़े इस मामले को तीन दिनों तक स्थानीय सफेदपोशों ने दबाकर रखा था। मामले को मैनेज करने की कोशिश हो रही थी। बकायदा पंचायत लगाकर पीड़िता पर मैनेज करने का दबाव बनाया जा रहा था। इस पंचायत में आरोपी की ओर से उसकी शागिर्द उसकी पत्नी और छोटे भाई की पत्नी डील कर रही थी। क्योंकि आरोपी खुद फरार था। फरार आरोपी, उसकी पत्नी और छोटे भाई की पत्नी मिलकर इस गैंग को चलाते हैं। लिहाजा जब पुलिस ने छापेमारी की तो उसे खाली हाथ लौटना पड़ा। लेकिन पुलिस को इस बात का अंदाजा ही नहीं था कि एक केस में सबूत की तलाश करने पहुंची पुलिस का सामना मानव तस्करी के सबसे बड़े सिंडिकेट से होने वाला है।
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इसी वार्ड की एक महिला को पति से अलग कराया, फिर महिला को बेचने की कोशिश
पुलिस जिस आरोपी की तलाश में गई थी उससे जुड़े कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। एक मामला इसी वार्ड संख्या 14 का है। एक दिव्यांग व्यक्ति है। वह यूको बैंक के समीप सत्तू बेचता है। उसके घर भी आरोपी, उसकी पत्नी और छोटे भाई की पत्नी यानी गैंग के तीनों मेंबर आना-जाना शुरू करते हैं। फिर गैंग के ये तीनों मेंबर दिव्यांग व्यक्ति की पत्नी का ब्रेन वाश करना शुरू करते हैं। उसे ख्वाब दिखाते हैं कि तुम दिव्यांग के चक्कर से निकल जाओ। घर में इतनी कलह मचाई जाती है कि उस दिव्यांग की पत्नी अपने पति को छोड़कर खगड़िया स्थित अपने मायके चली जाती है। तब बखरी के गैंग के ये तीनों मेंबर खगड़िया में उस महिला के घर पहुंचते हैं। यहां इन तीनों शातिरों के साथ इनकी हेड खगड़िया के ही रसोक मारर गांव की एक महिला भी होती है। ये लोग बखरी में अपने दिव्यांग पति को छोड़ मायके आई महिला और उसकी मां को खूब सब्जबाग दिखाते हैं। मानव तस्करी के गैंग के ये मेंबर और उसकी बॉस कहती है कि इसकी शादी ऐसी जगह करवा देंगे कि ये रानी बनकर रहेगी। फिर महिला और उसकी मां को बेगूसराय के डाकबंगला बुलाया जाता है। वहां महिला की मां से कहा जाता है कि वापस खगड़िया जाकर बेटी का आधार कार्ड लेकर आओ। जब महिला आधार कार्ड लेकर अगले दिन जाती है तो गैंग के मेंबर बताते हैं कि तुम्हारी बेटी लड़के को पसंद नहीं आई। इस दौरान बखरी में अपने पति को छोड़कर आई महिला से जबरन कुछ कागजात पर दस्तखत करवा लिए जाते हैं। अब जबकि इस गैंग पर पुलिस की नजर पड़ी है तो पीड़ित महिला ने भी समाज के सामने अपनी आपबीती सुनाते हुए मानव तस्करी करने वाले उसके पड़ोसी पर कार्रवाई की मांग की है।
ऐसी 4 और लड़कियों की कहानी भी आई सामने
मानव तस्करी से जुड़ी 4 और लड़कियों की कहानी सामने आई है। कुछ दिन पूर्व ही राजस्थान से बखरी के सलौना स्थित अपने घर भागकर 2 लड़कियां आई हैं। इन्हें भी बेचने की बात सामने आई है। इसके अलावा नाई टोला (गायत्री मंदिर) में भी 2 लड़कियों को बेचने की बात सामने आई है। कहा जा रहा है कि ये 2 लड़कियां भी भागकर वापस आईं हैं। बखरी पुलिस जिस आरोपी को तलाश रही है उसी ने इन दोनों लड़कियों को भी बेच दिया था।
मोडस ऑपेरेंडी : जिनका पति दिव्यांग या मानसिक बीमार, कमजोर घर की लड़कियां
‘रिपब्लिकन न्यूज’ की तफ्तीश में इस सिंडिकेट के मोडस ऑपेरेंडी (कार्यप्रणाली) का खुलासा हुआ है। इस गैंग का टारगेट मुख्य रूप से तीन तरह के परिवार होते हैं। सबसे पहला वह परिवार जिसमें कमाने वाला व्यक्ति दिव्यांग और दूसरा जिस महिला का पति मानसिक बीमार हो। ऐसे दिव्यांग और मानसिक बीमार व्यक्ति की पत्नी को टारगेट किया जाता है। उसका ब्रेन वाश किया जाता है। उससे कहा जाता है कि तुम्हारी शादी ऐसे घर में कर देंगे जहां तुम रानी बनकर रहोगी। अपना घर, गाड़ी और सभी सुख-सुविधा मिलेगी। टारगेट को घरों, गाड़ियों और बड़े-बड़े शहर की तस्वीरें एवं वीडियो दिखाए जाते हैं। जब टारगेट इनके झांसे में आ जाती है तो उसे दूसरे राज्यों में बेच दिया जाता है। इस गैंग का तीसरा टारगेट होती हैं कम उम्र की लड़कियां। ऐसी लड़कियां जो देखने में अच्छी हो, लेकिन वह बेहद गरीब परिवार से आती हो। शादी करने के लिए पैसे नहीं हों। इस परिवार के लोगों का ब्रेन वाश किया जाता है। बताया जाता है कि बेटी की शादी ऐसी जगह कर देंगे कि उसे घर, गाड़ी और बंगला सब मिलेगा। रानी बनकर ऐश करेगी। यहां तक कि लड़की के परिवार को यह भी कहा जाता है कि शादी के बाद बेटी हर महीना दस हजार रुपए मायके भी भेजेगी। जब लड़की के परिजन इनके झांसे में आ जाते हैं तब लड़की की फर्जी शादी उस व्यक्ति से करवाया जाता है जो उस लड़की को खरीदने के लिए पसंद करता है। बताया जा रहा है कि बखरी के वार्ड 14 निवासी गैंग के मेंबर को एक महिला के बदले दो से तीन लाख रुपए मिलते हैं। जबकि कम उम्र की लड़की की कीमत अलग है। इसके ऊपर का रेट खगड़िया के रसोक मारर गांव की सिंडिकेट मेंबर लेती है। इसी तरह इस सिंडिकेट का एक हेड भी है जो अंतिम तौर पर लड़कियों को पसंद करता है और उसकी बोली लगाता है।
अब जूली प्रकरण सुर्खियों में, क्या है जूली की कहानी
बखरी में इतने बड़े सिंडिकेट की दहलीज तक जैसे ही पुलिस पहुंची, हर किसी की जुबान पर जूली का नाम गूंजने लगा। क्योंकि कुछ साल पहले जूली नाम की एक बच्ची इसी स्टेशन रोड से अचानक गायब हो गई थी। जूली के पिता दिव्यांग हैं और बेहद गरीब हैं। जूली के लापता होने के मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को डिटेन भी किया था। लेकिन बखरी पुलिस आजतक जूली को तलाश कर वापस नहीं ला सकी। जूली अबतक पुलिस की फाइलों में धूल फांक रही है। जूली को लेकर भी यह चर्चा हुई थी कि उसके लापता होने में मानव तस्करी से जुड़ा गैंग शामिल है। अब जबकि बखरी पुलिस एक सुई की तलाश में तलवार के जखीरे तक पहुंचती नजर आ रही है तो कई कांडों के खुलासे की उम्मीद जगी है।
कोमल आर्य की रिपोर्ट