Bihar News : सरकारी स्कूल की किताबें नदी में, हेडमास्टर साहब रसोइये के कमरे में खाते हैं मटन… शिक्षा विभाग की प्राथमिकी

by Rishiraj
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Bihar News : बिहार के सरकारी स्कूलों में किताबें मिल जाएं, सरकार इस प्रयास में है और अब शिक्षा विभाग के सामने ही एक ऐसा मामला आया है, जहां विद्यालय के प्राचार्य ने कमरे में जगह नहीं होने के नाम पर सरकारी स्कूल की किताबें नदी में बहा दीं। प्राथमिकी में यह बात आ गई है।

Education Department Bihar : नदी की धारा में बह रही थीं बोरियां, अंदर थीं किताबें

शिक्षा के बिना जिस तरह मनुष्य पशु के सामान होता है। वैसे की किताब के बिना शिक्षा की कल्पना करना भी मुश्किल है। जहां एक ओर सरकार शिक्षा को बढ़ाव देने के लिए तरह-तरह की योजना ला रही है। ताकि समाज में शिक्षा का स्तर बढ़ सके। इससे इतर एक ऐसा मामला शिक्षा व्यवस्था की पूरी पोल खोल रही है। सहरसा जिले के महिषी प्रखंड क्षेत्र के मध्य विद्यालय कुंदह के प्रधानाध्यापक ने बच्चों को दी जाने वाली नि:शुल्क किताब कोसी नदी में बहा दी।

Book in River : दो बोरे ही निकाले जा सके, चार बाेरे को नदी से नहीं निकाल सके लोग

यह मामला तब सामने आया जब स्कूल के ही दो छात्र नदी के महार पर धूम रहे थे। इस दौरान पानी में बह रहे बोरे पर नजर पड़ी। उन दोनों के हल्ला करने पर ग्रामीणों ने नदी में बह रहे बोरे को बाहर निकला तो देखा उसमें किताब है। हालांकि दो बोरा ही निकाल सके, जबकि चार बोरा किताब नदी में बह गया। ग्रामीणों की शिकायत पर शिक्षा अधिकारियों ने मामले की जांच के बाद थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है।

Bihar News : शिक्षा विभाग ने बच्चों को बांटने के लिए भेजी थी किताब

शिक्षा विभाग ने सहरसा जिले के महिषी प्रखंड क्षेत्र के मध्य विद्यालय कुंदह के बच्चों के लिए किताब भेजी थी। प्रधानाध्यापक ने बच्चों को न देकर
कोसी नदी में बहा दी। महिषी बीडीओ सुशील कुमार के लिखित आवेदन पर जलई थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। आवेदन में उन्होंने लिखा कि शनिवार की सुबह सूचना मिली कि प्रधानाध्यापक ने शैक्षणिक वर्ष 2024-25 का पाठ्य पुस्तक नदी में बहाया है। मामले की जांच की गई। जांच में दो बोरा किताबें भींगी हुई हालत में मिलीं।

Bihar Teacher : हेडमास्टर की यह करतूत छात्रों के कारण पकड़ में आई

आवेदन में बीडीओ ने कहा कि जांच के दौरान सामने आया कि विद्यालय के वर्ग आठ के छात्र सनमोल कुमार और मनीष कुमार नदी के महार पर घूम रहा था। इसी दौरान नजर आया कि बोरा में पुस्तक बह रही है। उसने हल्ला किया तो एक ग्रामीण रतन सादा दो बोरा किताब नदी में हेल कर निकाला, जबकि चार बोरा नदी के तेज बहाव में बह गया। ग्रामीणों ने बीडीओ को कहा कि स्कूल के प्रधानाध्यापक सुरेश कुमार ही नदी में किताब बहाया है।

School Head Master : कमरे के अभाव में बहा दी किताब- प्रधानाध्यापक

इस संबंध में बीडीओ ने प्रधानाध्यापक से पूछताछ की तो उन्होंने कहा कि कमरे के अभाव में ऐसा किया गया है। साथ ही पिछले शैक्षणिक वर्ष में नामांकन एवं पुस्तक वितरण का प्रतिवेदन भी उनके द्वारा स्वयं के हस्ताक्षर से समर्पित किया गया है। बीडीओ ने कहा कि कागजात के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि गत शैक्षणिक वर्ष में वर्ग एक से आठ तक 354 था। जिसके विरुद्ध मात्र 220 छात्र- छात्राओं को ही पाठ्य पुस्तक का वितरण किया गया। जो नामांकित छात्र का 62 प्रतिशत है।

Mid Day Meal : किताबों के बहाने आरोपों की झड़ी, मिड डे मील पर बड़ा खुलासा

ग्रामीणों ने कहा कि स्कूल के बच्चों को मिड-डे-मील सही से नहीं दिया जाता है। ग्रामीणों की शिकायत है कि एक तो मध्याह्न भोजन समय पर नहीं बनता है या कभी कभी बनाया भी नहीं जाता है। जबकि सप्ताह में दो से तीन दिन हेडमास्टर विद्यालय के पीछे स्थित रसोइया के घर में मीट- मछली बनवा कर खाते हैं।

School News : अधिकारी बोले- विद्यालय संचालन में अक्षम हैं प्रधानाध्यापक

बीडीओ ने प्रधानाध्यापक सुरेश कुमार को विद्यालय संचालन में अक्षम बताते हुए कहा कि यह कृत्य छात्र छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने, सरकारी सम्पत्ति को जान बुझ कर नष्ट करने, स्वेच्छाचारिता, पद का दुरुपयोग, मनमानेपन एवं सरकारी राशि के गबन को परिलक्षित करता है। जलई थानाध्यक्ष ममता कुमारी ने बताया कि बीडीओ के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज कर पूरे मामले की जांच-पड़ताल के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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