IAS Officer : भारतीय प्रशासनिक सेवा के दो वरीय अधिकारियों को लेकर खबर है। खबर बिहार से है, लेकिन वास्ता दिल्ली से भी। बिहार कैडर के 2000 बैच के एक आईएएस की दिल्ली में धाक दिखने वाली है। इसके साथ ही विवादित आईएएस केके पाठक से बिहार को मुक्ति का भी समय आ गया।
Bihar News : डॉ. एन. सरवण कुमार DDA के उपाध्यक्ष बने, पाठक की भी विदाई
सरकारी बैठक के दौरान बिहारियों को अपशब्द कहने से लेकर शिक्षकों से गलत व्यवहार के लिए चर्चित रहे भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी केके पाठक (IAS KK Pathak) को आखिर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए विरमित कर ही दिया गया। 1990 बैच के आईएएस अधिकारी केशव कुमार पाठक (KK Pathak IAS) पहले एक बार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति का फैसला होने के बाद भी रुक गए थे। इस बार उन्हें 01 मई 2025 की तारीख से विरमित किए जाने की अधिसूचना सामान्य प्रशासन विभाग से जारी कर दी गई है। इसके साथ ही 2000 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी डॉ. एन. सरवण कुमार (N Sarwan IAS Bihar) दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बनकर देश की राजधानी जा रहे हैं।
N Sarwan IAS Bihar : दिल्ली विकास प्राधिकार के लिए किया जाएगा विरमित
सामान्य प्रशासन विभाग की 26 अप्रैल 2025 को जारी अधिसूचना के अनुसार खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रधान सचिव डॉ. एन सरवण कुमार को मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय- कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, भारत सरकार नई दिल्ली) के पत्र द्वारा आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार के अधीन अपर सचिव स्तर एवं वेतनमान में दिल्ली विकास प्राधिकार के उपाध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया है।
डॉ. कुमार बिहार तकनीकी सेवा आयोग पटना के अध्यक्ष, सामान्य प्रशासन विभाग के जांच आयुक्त और बिहार राज्य खाद्य एवं रासायनिक आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक के अतिरिक्त प्रभार में भी थे। अधिसूचना के अनुसार डॉक्टर कुमार को वर्तमान धारित पदों एवं प्रभावों का परित्याग कर किए जाने की तिथि से विरमित किया जाएगा।
KK Pathak IAS : मंत्री को हटाया, राज्यपाल से भिड़े, हाईकोर्ट से फटकार भी यादगार
बिहार में राजस्व परिषद के अध्यक्ष-सह-सदस्य केके पाठक बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान- बिपार्ड के महानिदेशक के अतिरिक्त प्रभार में भी थे। पाठक को भारत सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय में अपर सचिव के पद पर नियुक्त किया गया है। महागठबंधन सरकार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव थे, जब उनसे विवाद के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तत्कालीन शिक्षा मंत्री का विभाग बदल दिया था। केके पाठक मद्य निषेध विभाग में भी चर्चित रहे थे। वैसे, अविभाजित बिहार की लगभग हर पोस्टिंग में वह चर्चित रहे थे। वर्ष 2023-24 के दरम्यान बिहारियों को अपशब्द कहने का उनका दो वीडियो भी वायरल हुआ था।
केके पाठक एक जमाने में बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के सर्वेसर्वा थे, जब उन्होंने राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल- पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल से ब्लड बैंक हटाने का फरमान जारी करते हुए एक पत्र में यहां पदस्थापित तत्कालीन चिकित्सकों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी लिखी थी। उस टिप्पणी पर हाईकोर्ट ने उन्हें फटकार लगाते हुए बताया था कि किसी मेडिकल कॉलेज अस्पताल से ब्लड बैंक हटाना उसकी मान्यता को खतरे में डालना है और इसका विशेषाधिकार राज्यपाल के पास होता है।
वैसे, केके पाठक ने शिक्षा विभाग में रहते हुए बिहार के पूर्व राज्यपाल से भी विश्वविद्यालयों के अधिकार को लेकर मोर्चा खोल रखा था, जिसके बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने उन्हें एक तरह से धीरे-धीरे कर किनारे लगाकर शांत किया।