Election 2024 में बात मुंगेर लोकसभा सीट की। फिलहाल मुंगेर सुर्खियों में है। क्योंकि ललन सिंह के लिए लालू ने बड़ी रणनीति तैयार कर ली है।
मुंगेर लोकसभा सीट पर इस बार लड़ाई दिलचस्प होगी। कभी फॉरवर्ड जाति के उम्मीदवार को फॉरवर्ड जाति के उम्मीदवार से लड़ा कर हराने की रणनीति को अब बदल दिया गया है। क्योंकि यह रणनीति कई बार फेल हो चुकी है। लिहाजा सियासत के बड़े खिलाड़ी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने ललन सिंह को पटखनी देने के लिए नई रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। यह एक ऐसी रणनीति है जिसमें ललन सिंह के लिए मुंगेर के मैदान को जीतना बेहद मुश्किल है। अब लड़ाई अगड़ा बनाम पिछड़ा के बीच हो सकती है। अगर ऐसा हुआ तो लालू यादव अपने मकसद में कामयाब भी हो सकते हैं। हालांकि सियासी शतरंज पर ललन सिंह को मात देना लालू के लिए इतना आसान भी नहीं है।
अशोक महतो की पत्नी को टिकट की चर्चा, लालू का ये है प्लान
बिहार की राजनीति में लालू यादव वो नाम है जिन्होंने 90 के दशक में सियासी शतरंज पर ऐसे-ऐसे मोहरे बिछाए कि विरोधियों को सीधे मात मिली। 90 के दशक का वही मोहरा अशोक महतो फिर से सियासी शतरंज पर बिछा दिया गया है। नवादा और शेखपुरा में आतंक का बड़ा नाम कहे जाने वाला अशोक महतो ने शादी रचाई है। अनीता देवी से हुई यह शादी असल में राजनीतिक शादी है। कहा जा रहा है कि राजनीतिक पंडितों के इशारे पर ही अशोक महतो ने इस उम्र में शादी रचाई है। क्योंकि सजायाफ्ता होने के कारण वह खुद चुनावी अखाड़े में नहीं उतर सकता है। अशोक महतो को राजनीति में एंट्री करवाना लालू यादव के एक बड़े प्लान का हिस्सा है। लालू यादव की नजर मुंगेर सीट पर है। मुंगेर के जातिगत गणित को समझते हुए लालू ने अशोक महतो को सियासी मोहरे के तौर पर अखाड़े में उतारने का मन बनाया है।
अब अगड़ा बनाम पिछड़ा की लड़ाई, लेकिन नीतीश के वोट को तोड़ना बड़ी चुनौती
अशोक महतो को मुंगेर के मैदान में उतार कर लालू यादव मुंगेर की लड़ाई को अगड़ा बनाम पिछड़ा बनाना चाहते हैं। लालू को यह अच्छे से मालूम है कि मुंगेर में अगड़ा बना अगड़ा की लड़ाई हमेशा फेल हुई है। मिसाल के तौर पर 2019 के चुनाव में ललन सिंह के खिलाफ मुंगेर से मोकामा विधायक और बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को उम्मीदवार बनाया गया था। लेकिन नीलम देवी यहां से करीब 2 लाख वोट से चुनाव हार गईं। इसी तरह 2014 के चुनाव में ललन सिंह के खिलाफ यहां एनडीए ने सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को लोजपा के टिकट पर अखाड़े में उतारा था। जबकि आरजेडी ने कुर्मी जाति से आने वाले प्रगति मेहता को टिकट दिया था। इस लड़ाई में वोटों के हुए बिखराव में वीणा देवी चुनाव जीत गई थी। यही वजह है कि लालू यादव अब इस सीट पर अगड़ा बनाम पिछड़ा की लड़ाई छेड़ना चाहते हैं। उनकी नजर मुंगेर के पिछड़े वोटरों पर है। अशोक महतो की पत्नी को टिकट देकर लालू यादव एक साथ कुर्मी और कुशवाहा वोटरों को साधना चाहते हैं। लेकिन नीतीश कुमार के वोटरों में सेंधमारी लालू के लिए इतनी भी आसान नहीं है।
अगड़ा बनाम पिछड़ा की लड़ाई हो सकती है दिलचस्प
मुंगेर लोकसभा सीट पर जातीय समीकरण की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा करीब चार लाख स्वर्ण वोटर हैं। इन स्वर्ण में सबसे ज्यादा संख्या भूमिहार वोटरों की है। ललन सिंह खुद भूमिहार जाति से आते हैं। इसके बाद यहां सबसे ज्यादा वोटरों की आबादी कुर्मी और कुशवाहा की है। कुर्मी और कुशवाहा वोटरों की संख्या करीब 2 लाख है। लालू की नजर कुर्मी और कुशवाहा वोटरों पर ही है। क्योंकि यहां करीब डेढ़ लाख यादव और 90 हजार मुस्लिम वोटर भी हैं। जिसे लाल यादव अपना वोट बैंक मानते हैं। लेकिन मुंगेर में डेढ़ लाख बनिया वोटर भी मौजूद हैं, जो बीजेपी के साथ रहते हैं। लालू का सियासी गणित यह है कि अगर कुर्मी और कुशवाहा वोटरों को अशोक महतो के सहारे तोड़ लिया जाए तो मुस्लिम-यादव पहले से उनके पास मौजूद हैं। ऐसे में मुंगेर की राह राजद के लिए आसान हो जाएगी।
भूमिहार के अलावा पिछड़ी जातियों के नरसंहार का आरोप, अपराध के दलदल में अशोक महतो
मूल रूप से नवादा जिले के वारसलीगंज अंतर्गत बढौना गांव का रहने वाला अशोक महतो अपराध की दुनिया में नामचीन चेहरा है। अशोक महतो के खिलाफ कई नरसंहार, जेलब्रेक, हत्या, अपहरण समेत कई संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। पूर्व सांसद राजो सिंह हत्याकांड, अपसढ़ नरसंहार, माणिक नरसंहार, बीडीओ हत्याकांड, नवादा जेलब्रेक समेत संगीन आपराधिक मामलों में अशोक महतो नामजद रहा है। भूमिहार के सा ही पिछड़ी जातियों के नरसंहार (माणिकपुर नरसंहार) में भी अशोक महतो का नाम सामने आ चुका है।