Election 2024 का शंखनाद होते ही इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर कई तरह के दावे सोशल मीडिया पर किए जा रहे हैं। इनमें एक दावा ये है कि पुलवामा हमले के बाद भाजपा ने पाकिस्तान की कंपनी से चंदा लिया। आइए जानते हैं इस दावे का सच।
चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ और सोशल मीडिया पर इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर कई तरह के दावे शुरू हो गए। सबसे ज्यादा हमला भाजपा पर किया जा रहा है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने भाजपा पर चंदा उगाही का आरोप लगाया है। लेकिन सबसे गंभीर आरोप सोशल मीडिया पर लगाया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि भाजपा ने पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान की Hub Power Company से चंदा लिया। इस दावे के साथ भाजपा पर निशाना साधा जा रहा है।
क्या विदेशी कंपनी खरीद सकती है इलेक्टोरल बॉन्ड?
इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने से संबंधित नियम भारत सरकार के अधीन आने वाली कई वेबसाइट पर स्पष्ट रूप से लिखे हैं। वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाले आयकर विभाग की वेबसाइट पर इलोक्टोरल बॉन्ड को खरीदने की पात्रता लिखी है। इसके अनुसार, भारत का नागरिक या भारत में बनी कंपनी ही इलेक्टोरल बॉन्ड को खरीद सकते हैं। SBI की वेबसाइट पर दिए गए FAQ में भी यही बात लिखी हुई है। ऐसे में ये बात साफ है कि पाकिस्तान की कंपनी इलेक्टोरल बॉन्ड खरीद ही नहीं सकती।
Hub Power Company कहां की है? ये सच भी जान लीजिए
सोशल मीडिया पर Hub Power Company को पाकिस्तान की कंपनी बताया जा रहा है। जबकि Hub Power Company के GST के अनुसार ये भारत की कंपनी है। दिल्ली के पते पर रजिस्टर्ड ये कंपनी एलईडी से जुड़े काम करती है। इस कंपनी का पाकिस्तान से कोई वास्ता ही नहीं है। ऐसे में भाजपा द्वारा पाकिस्तान की कंपनी से चंदा लेने के दावे गलत और भ्रामक साबित होते हैं।