Bihar News : 22 हजार B.Ed शिक्षकों की ऐसे बचेगी नौकरी, सरकार के पास हैं ये 3 विकल्प, क्या होगा फैसला?

by Republican Desk
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Bihar News में अभी बात उन 22 हजार बीएड शिक्षकों की जिनकी नौकरी खतरे में है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद 22 हजार बीएड शिक्षकों का अधर में लटक गया है। लेकिन नीतीश सरकार के पास 3 ऐसे विकल्प भी हैं जिसके सहारे इन शिक्षकों की नौकरी बचाई जा सकती है।

नीतीश सरकार के पास 3 ऐसे विकल्प भी हैं जिसके सहारे इन शिक्षकों की नौकरी बचाई जा सकती है।

पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद बिहार में करीब 22 हजार बीएड शिक्षकों की नौकरी पर संकट मंडरा रहा है। 06 दिसंबर 2023 को पटना हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देकर प्राइमरी क्लासेस को पढ़ाने के लिए बीएड डिग्रीधारियों को अयोग्य घोषित किया है। कोर्ट का कहना है कि प्राइमरी क्लासेस यानी कक्षा 1 से 5वीं तक के स्कूली बच्चों को केवल डीएलएड वाले ही पढ़ा सकते हैं। इस फैसले के बाद 22 हजार बीएड शिक्षकों की नौकरी खतरे में है।

क्यों लटकी 22 हजार शिक्षकों की नौकरी पर तलवार?

पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विनोद चंद्रन और जस्टिस राजीव राय की खंडपीठ ने प्राइमरी टीचर्स के लिए बैचलर ऑफ एजुकेशन (B.Ed) डिग्री धारकों को किसी प्रकार की राहत नहीं दी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में पटना हाईकोर्ट ने बीएड डिग्रीधारियों को प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने के लिए सक्षम नहीं माना है। बेंच ने एक साथ तीन अलग-अलग मामलों पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 141 के तहत सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुद को बंधा हुआ बताया है और राज्य सरकार को इस फैसले का पालन करने के लिए कहा है।

सरकार के पास नौकरी बचाने के हैं ये 3 उपाय

कोर्ट का कहना है कि प्राइमरी क्लासेस यानी कक्षा 1 से 5वीं तक के स्कूली बच्चों को केवल डीएलएड वाले ही पढ़ा सकते हैं। इस फैसले के बाद 22 हजार बीएड शिक्षकों की नौकरी खतरे में है। लेकिन राज्य सरकार के पास ऐसे 3 विकल्प मौजूद हैं जिनके सहारे इन 22 हजार शिक्षकों की नौकरी बच सकती है। शिक्षक नेता अमित विक्रम ने इन 3 विकल्पों को सामने लाया है और बताया है कि सरकार इसपर विचार कर रही है।

शिक्षक नेता अमित विक्रम

विकल्प 1

सुप्रीम कोर्ट में अपील करके वन टाइम रिलीफ मांगना और जिनकी नौकरी हो गई है उनको नौकरी में बनाए रखने के लिए ब्रिज कोर्स जल्द से जल्द करवा दिया जाए।

विकल्प 2

सभी शिक्षकों को एक साथ सार्वजनिक अवकाश देते हुए सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों से डीएलएड करवा देना। इस दौरान वेतन भी मिलता रहेगा और डीएलएड की ट्रेनिंग भी होती रहेगी।

विकल्प 3

उच्च कक्षाओं में शिक्षकों का समायोजन करवाना। जैसे कि जो CTET पेपर 2 पास हैं उन्हें कक्षा 6 से 8 में और जो STET पास हैं उनका समायोजन हाई स्कूल में कर दिया जाए।

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