Bihar News : पीड़ितों को थाने पर न्याय नहीं देना थानेदार को भारी पड़ गया। DIG आशीष भारती ने कोताही बरतने वाले थानेदार को निलंबित कर दिया है।
Bihar Police : बेगूसराय में थानेदार पर गिरी गाज, डीआईजी ने किया सस्पेंड
बिहार में सिर्फ अपराधियों को ही सजा नहीं दी जा रही। बल्कि ऐसे खाकीधारियों को भी नापा जा रहा है जिनकी चौखट से पीड़ितों को बिना न्याय दिए वापस किया जाता है। एक मामले में पीड़ित जब थाने पहुंचा तो उसे रूल ऑफ लॉ के तहत न्याय नहीं दिया गया। आरोपियों को थाने से छोड़ा गया। बेगूसराय के एक थानेदार ने FIR दर्ज करने में कोताही बरती। दो दिनों बाद प्राथमिकी तो दर्ज की गई, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई। लिहाजा पीड़ित डीआईजी आशीष भारती के पास पहुंच गया। डीआईजी के निर्देश पर DSP ने जांच रिपोर्ट सौंपी। अब जांच के आधार पर डीआईजी ने थानेदार को सस्पेंड कर दिया है।
Begusarai News : आरोपियों को थाने लाया, फिर थाने से छोड़ दिया
गढ़पुरा थाना कांड संख्या 17/25 के वादी ने बेगूसराय के पुलिस उप महानिरीक्षक को एक आवेदन दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी नाबालिग पुत्री को उनके एक ग्रामीण लेकर भाग गया है। आवेदक के द्वारा गढ़पुरा थाना में उसी दिन आवेदन दिया गया। उसके बाद थाना अध्यक्ष गढ़पुरा मनोज कुमार के निर्देश पर आरोपी एवं उसके पिता को थाना पर लाया गया। लेकिन बिना कोई कार्रवाई किए दोनों को थानेदार ने छोड़ दिया। पुलिस ने न तो प्राथमिकी दर्ज की और न ही अपहृता की बरामदगी की गई।
IPS Aashish Bharti : डीएसपी की जांच में मिले सबूत, गिरी गाज
डीआईजी आशीष भारती ने पीड़ित के आवेदन की जांच बखरी के DSP कुंदन कुमार से करवाई। डीएसपी की जांच में आवेदक के आरोप को सही पाया गया। घटना के दो दिन बाद दोबारा आवेदन लेकर गढ़पुरा थाना कांड संख्या 17/25 दर्ज किया गया। इन आरोपों एवं लापरवाही के मामले में बेगूसराय के एसपी मनीष ने भी थानेदार की भूमिका को गलत पाया। आवेदक के आवेदन पर विलंब से प्राथमिकी दर्ज करने, आरोपी को थाना से छोड़ देने एवं प्राथमिकी अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं करना एवं कार्य के प्रति लापरवाही बरतने के मामले में डीआईजी ने थानेदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।