Bihar News में चर्चा उन तीन लड़कियों की जिनकी लाश उत्तर प्रदेश के मथुरा में मिली। प्राइमरी इन्वेटिगेशन से इतना तो साफ है कि मौत ट्रेन से कटने के कारण हुई है। लेकिन रहस्यमयी बाबा से मुलाकात और पुलिस की बड़ी लापरवाही का खुलासा चौंकाने वाला है।
Muzaffarpur Police की संवेदनहीनता, माही, माया व गौरी की मौत
मुजफ्फरपुर की तीन दोस्त। एक की मां की मौत के बाद लगे सदमे ने उसे अकेला कर दिया। उसने अपनी दो दोस्तों को बताया कि उसकी बात बाबा से होती है। फिर तीनों ने ही उस रहस्यमयी बाबा से मिलने की जिद ठान ली। पूजा-पाठ करने लगीं। मांसाहार छोड़ दिया। परिजन विरोध करने लगे। तब एक रोज तीनों घर से गायब हो गईं। घरवालों को एक चिट्ठी मिली। लिखा था कि हमें ढूढने की कोशिश मत करना। बेहाल परिजन पुलिस के पास गए। लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। इतने संगीन मामले को पुलिस ने अपनी संवेदनहीनता से कई दिनों तक दबाए रखा। फिर 10 दिनों बाद एफआईआर लिखी गई। एफआईआर लिखे जाने के 24 घंटे बाद ही तीनों की मौत की खबर आई। पहले हत्या की चर्चा थी। लेकिन शुरुआती तफ्तीश में पुलिस ने आत्महत्या की बात कही है। यह कहानी मुजफ्फरपुर के नगर थाना इलाके की रहने वाली तीन दोस्त माही, माया और गौरी की है।
Mathura Police के मिली चिट्ठी ने चौंकाया
मुजफ्फरपुर की माही, माया और गौरी की लाश मथुरा रेलवे लाइन के ट्रैक से मिली। बाबा से मिलने की बात कह कर घर से निकलने वाली तीनों लड़कियों की मौत कई सवालों को छोड़ गई है। तीनों का एक साथ घर छोड़ना। रहस्यमयी बाबा से मिलने की बात। सोशल मीडिया पर इंस्टाग्राम के जरिए एक अजनबी दोस्त से लगातार बातचीत। ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब अब मुजफ्फरपुर पुलिस को ढूंढना है। पुलिस का दावा है कि मुजफ्फरपुर जंक्शन पर लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है। इस बीच मथुरा पुलिस को मृतक छात्रा के बैग से एक चिट्ठी मिली है। कहा जा रहा है कि इस चिट्ठी में कई रहस्य छिपे हैं।
इंस्ट्रग्राम पर एक्टिव थी तीनों, सोशल मीडिया पर साक्ष्य की तलाश
मुजफ्फरपुर के सिटी एसपी अवधेश दीक्षित का कहना है कि तीनों की मौत ट्रेन से कटने के कारण हुई है। हालांकि, रहस्यमयी बाबा के एंगल पर जांच की जा रही है। इस बात की भी जानकारी जुटाई जा रही है कि घर से निकलने के पहले तीनों किन लोगों के संपर्क में थी। तीनों के सोशल मीडिया हैंडल की भी जांच की जा रही है। अब तक की जांच में यह पता चला है कि तीनों इंस्टाग्राम पर बेहद एक्टिव थीं और अपनी हर गतिविधि को अपडेट किया करती थीं। पुलिस तीनों के सोशल मीडिया अकाउंट से साक्ष्य जुटाने में लगी हुई है।
बाबा का बुलावा है, हिमालय पर जा रहे हैं, ऐसा किया तो मर जाएंगे…
जांच में पता चला है कि माही अपनी मां की मौत के बाद बेहद बदल गई थी। उसका व्यवहार बदल गया था। वह अकेले रहने लगी थी। आध्यात्म की ओर उसका झुकाव बढ़ रहा था। इसी दौरान माही का संपर्क गौरी और माया से हुआ। माही ने ही गौरी और माया को बताया कि उसकी बात एक बाबा से होती है। रहस्यमयी बाबा को लेकर तीनों के बीच नजदीकियां बढ़ गई। तीनों इंस्टाग्राम के जरिए लगातार संपर्क में थीं। आध्यात्म के प्रति तीनों के बढ़ते झुकाव के कारण परिजन भी हैरत में थे। घर छोड़ने से पहले लड़कियों ने एक पत्र परिजनों के लिए छोड़ा था। इस पत्र में उन्होंने बताया था कि बाबा का बुलावा है और वह दर्शन करने जा रही हैं। लड़कियों ने यह भी लिखा था कि वह हिमालय पर जा रही हैं और उन्हें ढूंढने की कोशिश ना की जाए। अगर ऐसा किया गया तो हम लोग मर जाएंगे। इस चिट्ठी को पढ़ने के बाद परिजन बेचैन हो गए और पुलिस के पास पहुंचे। 14 मई को परिजनों ने नगर थाने की पुलिस से मामले की शिकायत की। लेकिन पुलिस ने बड़ी लापरवाही बरती। ना तो एफआईआर दर्ज किया गया और न ही लड़कियों के रहस्यमयी तरीके से गायब होने की तफ्तीश की गई। लिहाजा परिजन और मोहल्ले के लोग खुद लड़कियों को ढूंढने लगे। पुलिस ने संवेदनहीनता की हद पार कर दी। आखिरकार 10 दिनों बाद 22 मई को मामले की एफआईआर दर्ज की गई और 24 में को मथुरा में तीनों लड़कियों की लाश रेल पुलिस ने बरामद की।
Kanpur था अंतिम लोकेशन, दो दोस्तों की हो रही तलाश
मथुरा पुलिस ने लोको पायलट और ट्रेन के गार्ड से पूछताछ की है। जिसमें यह पता चला की तीनों लड़कियों ने घटना के समय एक- दूसरे का हाथ पकड़ रखा था। तीनों की ट्रेन से कटने के कारण मौत हुई है। इस बीच मुजफ्फरपुर पुलिस को यह जानकारी भी मिली है कि तीनों छात्राओं ने घर छोड़ने से पहले इस बात की जानकारी अपने दो अन्य दोस्तों को दी थी। यह दोनों मुजफ्फरपुर के योगियामठ की रहने वाली हैं। सूत्रों के अनुसार, इनमें से एक गौरी की दोस्त है। गौरी की यह दोस्त उस दिन भी मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर मौजूद थीं, जब तीनों लखनऊ जाने वाली ट्रेन पकड़ने स्टेशन पहुंचे थे। पुलिस मृतक तीनों लड़कियों के मोबाइल को खंगाल रही है। तीनों के मोबाइल का अंतिम लोकेशन कानपुर में मिला था।