Bihar Bridge Collapse : बिहार में भ्रष्टाचार की बानगी फिर एक बार देखने को मिली, जब उद्घाटन से पहले अररिया में लोगों ने 12 करोड़ की लागत वाले पुल को ताश के पत्तों की तरह ढहते देखा।
Bihar News : खैर…फिर भ्रष्टाचार-लापरवाही का नमूना समय पर दिखा
खैरियत है… इस बार भी उद्घाटन के पहले भ्रष्टाचार और लापरवाही की इंजीनियरिंग का नमूना गिर गया। अगर उद्घाटन के बाद इस तरह गिरता तो न जानें कितनी गाड़ियों पर सवार कितने लोग असमय जान गंवा देते। इस बार बिहार के अररिया में उद्घाटन से पहले पूरा पुल भरभरा कर ताश के पत्तों की तरह गिरा। न केवल गिरा, बल्कि इसका बड़ा हिस्सा नदी में समा गया। अररिया जिला के सिकटी प्रखंड में 12 करोड़ की लागत से बकरा नदी के पड़रिया घाट पर बना यह पुल ध्वस्त भी बगैर आंधी-बारिश के हुआ। बिहार में बाढ़ से पुल बहते थे, लेकिन फिर आंधी-पानी में भी गिरते पुलों को देखा गया। इस बार इन तीनों में से कोई कारण नहीं। अचानक यह पुल भरभरा कर गिर गया।
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Nitish Kumar : बिहार सरकार बनवा रही यह पुल
अररिया में बकरा नदी और कुर्साकांटा के बीच डोमरा बांध पर पड़रिया पुल का निर्माण हो रहा था। पड़रिया के पास बन रहा पुल अररिया जिले के सिकटी और कुर्साकांटा प्रखंड को जोड़ रहा था। ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए बिहार सरकार का ग्रामीण कार्य विभाग यह काम कर रहा था। 182.65 मी लंबे पुल की शुरुआती लागत 7.79 करोड़ के करीब थी। इसके लिए 200 मीटर एप्रोच रोड की लंबाई रखी गई थी। 23 जून 2021 से काम शुरू किया गया था और इसे 22 जून 2022 तक पूरा कर लेना था। 5 वर्ष तक सामान्य मेंटेनेंस के लिए भी राशि पहले ही तय थी।
बाद में बकरा नदी की धारा बदलने से डिजाइन में थोड़ा बदलाव हुआ तो एप्रोच सड़क को मिलाकर इसकी कुल लागत 12 करोड़ कर दी गई। स्थानीय लोगों की दशकों पुरानी मांग पर सांसद प्रदीप कुमार सिंह और विधायक विजय कुमार मंडल ने इसके लिए कई स्तर पर प्रयास किया था। बदकिस्मती रही कि जब पहली बार नदी का किनारा बाढ़ के कारण दूर हुआ तो लागत बढ़ गई और अब नदी को किनारे तक जोड़ने के लिए पुल का बाकी हिस्सा बना तो सबकुछ नदी में समा गया।