Bihar News में चर्चा पूर्णिया लोकसभा सीट पर मचे घमासान की। अब यहां पप्पू यादव को हराने के लिए अजीत सरकार हत्याकांड की सियासी फाइल खोली गई है।
राजनीति में मुर्दे गाड़े नहीं जाते। बल्कि उन्हें जिंदा रखा जाता है। ताकि समय आने पर वो बोल सकें। कुछ ऐसी ही राजनीति अब पूर्णिया के रणक्षेत्र में हो रही है। एक बार अजीत सरकार का नाम सुर्खियों में है। वही अजीत सरकार जिनकी निर्मम हत्या आज से करीब 26 साल पहले की गई थी। अजीत सरकार का नाम सुर्खियों में आते ही पप्पू यादव के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
एनडीए व महागठबंधन को क्यों आई अजीत सरकार हत्याकांड की आई याद
पूर्णिया लोकसभा सीट पर एक तरफ महागठबंधन ने बीमा भारती को अखाड़े में उतारा है तो दूसरी तरफ एनडीए ने संतोष कुशवाहा पर दांव लगाया है। वहीं तीसरा नाम पप्पू यादव का है। पप्पू यादव वैसे तो कांग्रेस ज्वाइन कर चुके हैं। लेकिन पूर्णिया से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। अब पूर्णिया में एक बार फिर से अजीत सरकार हत्याकांड का मामला सुर्खियों में है। पप्पू यादव को घेरने के लिए महागठबंधन उम्मीदवार बीमा भारती और एनडीए उम्मीदवार संतोष कुशवाहा ने अजीत सरकार का नाम उछाल दिया है। इतना ही नहीं, एनडीए उम्मीदवार संतोष कुशवाहा ने प्रचार अभियान का शुरुआत करने से पहले अजीत सरकार की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए नया राजनीतिक मुद्दा छेड़ दिया है।
अजीत सरकार की हत्या किसने कराई, सबको पता है : संतोष कुशवाहा
एनडीए उम्मीदवार संतोष कुशवाहा ने अजीत सरकार की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर प्रचार अभियान की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि कामरेड अजीत सरकार की हत्या किसने करवाई, सबको पता है। पूर्णिया की जनता दोबारा जंगल राज वापस नहीं लाना चाहेगी। एनडीए उम्मीदवार संतोष कुशवाहा ने जैसे ही अजीत सरकार हत्याकांड का मामला उछाला, पूर्णिया की सियासी लड़ाई में नया विवाद शुरू हो गया है। सवाल उठने लगे हैं कि आखिर चुनाव के वक्त अजीत सरकार की याद क्यों आ गई?
बीमा भारती ने पप्पू यादव को बता दिया अजीत सरकार का हत्यारा
राजद प्रत्याशी बीमा भारती ने भी अजीत सरकार को गरीबों का नेता बताते हुए पप्पू यादव पर हत्या करने का आरोप लगाया है। बीमा भारती का यह सीधा आरोप पप्पू यादव के लिए मुश्किल खड़ा कर सकता है। बड़ी बात ये है कि पप्पू यादव ने अबतक बीमा भारती पर सीधा हमला नहीं किया है। हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा था कि तेजस्वी यादव बीजेपी के इशारे पर चल रहे हैं।
शरीर में लगी थी 107 गोली, अजीत सरकार बन गए थे मुसीबत
14 जून 1998 को माकपा नेता और पूर्व विधायक अजीत सरकार की पूर्णिया में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। अजित सरकार के आगे आने से जिले के पूंजीवादी और सामंती लोग को काफी दिक्कत हो रही थी। इस दौरान जब वो 14 जून 1998 की शाम को पूर्णिया शहर के अंदर घूम रहे थे, तभी अपराधियों ने उनपर अंधाधुंध फायरिंग करना शुरू कर दिया था। जिससे उनकी मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये बात सामने आई थी कि उन्हें करीब 107 गोली लगी थी। सीबीआई ने जांच के बाद राजन तिवारी और पप्पू यादव के खिलाफ मामला दर्ज किया था। निचली अदालत ने 2008 में दोषी करार देते हुए पप्पू यादव को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने अपील पर सुनवाई पूरी करते हुए सबूतों के अभाव में पप्पू यादव को बरी कर दिया था। फिर वर्ष 2018 में माकपा विधायक अजीत सरकार हत्याकांड में हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया था।