Metro Station : दिल्ली मेट्रो जितनी तेज गति से तो नहीं, लेकिन पटना में भी मेट्रो का काम अब तेजी से चल रहा है। कुछ-कुछ दिन पर प्रगति की बड़ी खबरें सामने आ रही हैं। देखिए, ताजा क्या जुड़ रहा है यहां…
Patna Metro का काम तेजी से बढ़ रहा, जानें आज क्या खबर है
बिहार की राजधानी पटना में मेट्रो को लाने की जमीनी तैयारी अब तेज होती दिख रही है। कुछ-कुछ दिनों पर पटना मेट्रो (Patna Metro) की नई प्रगति सामने आ रही है। अब पटना विश्वविद्यालय (Patna University) से गांधी मैदान की ओर मेट्रो का काम बढ़ रहा है। पटना मेट्रो के कॉरिडोर-2 के लिए टनेल बोरिंग मशीन (TBM-1) को काम पर लगा दिया गया है। मतलब, यह मशीन पटना विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन से पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल होते हुए गांधी मैदान तक जमीन के अंदर ही अंदर 2302 मीटर लंबी सुरंग तैयार करेगी, मतलब मेट्रो ट्रैक के लिए जगह बनाएगी।
Bihar News : राजधानी पटना में मेट्रो स्टेशन के साथ सुरंग के अंदर ट्रैक की तैयारी
पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कॉरिडोर-2 में टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम)-1 को उतारने की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई है। इसके साथ ही सुरंग खोदने वाली पहली टनल बोरिंग मशीन ने दूसरे यात्रा शुरू कर दी है। फेज़- I निर्माण के अंतर्गत कोरिडोर- 2 लाइन सेक्शन में आईएसबीटी स्टेशन और पटना जंक्शन के बीच कार्य करते हुए यह टीबीएम ‘डाउनलाइन’ पर पटना विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन से गांधी मैदान वाया पीएमसीएच स्टेशन टक 2302 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण करेगी। टीबीएम-1 ने 20 मार्च को विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन पर पहला ब्रेक थ्रू सफलतापूर्वक हासिल किया था। इसके बाद 13 मई को रीट्रीवल किया गया और 24 मई, 2024 को पुनः विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन से गांधी मैदान मेट्रो स्टेशन से वाया पीएमसीएच स्टेशन की ओर दूसरी यात्रा के लिए शाफ्ट में उतारा गया था। अब मंगलवार को विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन से गांधी मैदान मेट्रो स्टेशन की ओर सुरंग खोदने का कार्य प्रारंभ कर दिया है।
Metro Route : दूसरी तरफ की तैयारी भी जान सकते हैं
मोइन उल हक स्टेडियम स्टेशन और यूनिवर्सिटी स्टेशन के बीच 1494 मीटर की दूरी तय करते हुए, टीबीएम -1 ने 10 महीने में अपनी यात्रा पूरी कर एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। टीबीएम को मेगा लोड सेटअप द्वारा विश्वविद्यालय में रीट्रीव किया गया। दूसरी तरफ, टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) -2 ने 14 मई को 10 महीने में ‘डाउनलाइन’ में मोइन-उल-हक़ स्टेडियम स्टेशन और विश्वविद्यालय स्टेशन के बीच 1480 मीटर की दूरी तय करते हुए यूनिवर्सिटी मेट्रो स्टेशन पर ब्रेक थ्रू हासिल किया था, जोकि पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। अत्याधुनिक कम्प्यूटरीकृत नेविगेशन प्रणाली से लैस, टीबीएम -1 प्रतिदिन औसतन 10 मीटर खुदाई करेगा। टीबीएम को एक उच्च प्रशिक्षित विशेषज्ञ दल द्वारा संचालित किया जाता है जो सुरंगों के निर्माण के दौरान चौबीसों घंटे कार्य का निगरानी करेगी जिससे जमीन के ऊपर चल रहे यातायात, व्यवसायों और लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो।
Bihar : पटना मेट्रो के दरवाजे कैसे खुलेंगे, बंद होंगे- हो चुकी तैयारी
कुछ दिनों हपले ही पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट ने पटन मेट्रो में प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) के लिए तैयारी की जानकारी दी थी। मेट्रो ट्रेनों में पीएसडी प्रणाली बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करती है। आपने देखा होगा कि ट्रेन जब निर्धारित जगह पर रुकती है, तभी दरवाजे खुलते हैं। प्लेटफॉर्म की जगह कहीं भी रास्ते में यह गलत जगह पर दरवाजे नहीं खुलते हैं। यह पीएसडी के कारण ही होता है। मतलब, पटना मेट्रो ने इसके लिए तकनीकी तैयारी कर ली है। यह तैयारी बता रही है कि ट्रैक और स्टेशन निर्माण के साथ पटना मेट्रो संचालन से जुड़ा काम भी तेजी से कर रहा है। मेट्रो के एलिवेटेड स्टेशनों पर आधी ऊंचाई वाले पीएसडी, जबकि भूमिगत मेट्रो स्टेशनों पर पूरी ऊंचाई वाले पीएसडी होंगे। मेट्रो विशेषज्ञ बताते हैं कि प्लेटफॉर्म को ट्रैक से अलग करने के लिए प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) का उपयोग किया जाता है। मेट्रो में पीएसडी दरवाजे तभी खुलते हैं, जब ट्रेन अपने निर्धारित स्थान पर रुके। प्लेटफ़ॉर्म पर मौजूद पीएसडी ट्रेन के दरवाज़ों के साथ ऑटोमेटिक समन्वय करता है।