Bihar News : छह साल की बच्ची ने खुद का अपहरण कैसे रोक लिया, खुद भी जानें और बच्चों को भी बताएं

by Republican Desk
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Bihar News में बात अभी एक ऐसी घटना की, जो देश के किसी भी कोने में हो सकती थी। हो जाती तो पछताने के अलावा कुछ नहीं। बच्ची पछताती, परिवार रोता, पुलिस परेशान होती और समाज गुस्सा दिखाता।

अपहरण का प्रयास करने वाले आरोपी को खुद कोतवाली थाने लेकर पहुंचे बच्ची के पिता।

लोग कहते हैं कि बच्चे घर से बाहर निकलते हैं तो उनके लौटने तक डर लगा रहता है। इस बात में कोई शक नहीं। बिहार में बच्चों के गायब होने या अपहरण (Child Kidnapping) की घटना बार-बार सामने आ रही है। ऐसे में पटना (Patna News) की एक घटना ने बड़ी सीख दी है। बताया है कि अगर इस बच्ची को परिवार में सही ट्रेनिंग नहीं मिली होती या उसके स्कूल की शिक्षिका (School Teacher) ने जिम्मेदारी निभाने में थोड़ी भी कोताही बरती होती या उसके पिता ने मोबाइल कॉल को इग्नोर करने की आदत रखी होती तो कितना बड़ा बवाल होता। बच्ची अगवा होने वाली थी। अगर आपके घर-परिवार में बच्चे हैं या आप स्कूल टीचर हैं तो न केवल यह खबर पढ़ें, बल्कि दूसरों को भी यह सीख दें।


बच्ची को कैसी ट्रेनिंग थी, यह जानिए
पटना के बेली रोड पर माउंट कार्मल स्कूल है। छह साल की बच्ची है वह, जिसके अपहरण की तैयारी थी। अपहरण करने वाला पहचान का था। उसके पिता का बेहद करीबी। वह उसे ठीक से जानती थी। लेकिन, बच्ची को ट्रेनिंग ऐसी मिली हुई थी कि जब वह ‘अंकल’ उसे स्कूल से ले जाने के लिए पहुंचे तो उसने पहचान तो लिया, लेकिन साथ जाने से मना कर दिया।

टीचर ने कितनी अहम जिम्मेदारी निभाई
उत्तराखंड निवासी ललित सिंह पर स्कूल की शिक्षिका को शक हुआ, जब बच्ची ने पहचानने के बावजूद उसके साथ जानने से मना किया। शिक्षिका ने ललित को वहीं रोका और बच्ची के पिता के नंबर पर कॉल किया। उन्होंने कॉल उठाया। शिक्षिका और बच्ची के निर्णय को सही बताया और खुद आए।

संवेदनशीलता के साथ पिता का सही कदम
अगमकुआं के रहने वाले उत्तम कुमार को गाजियाबाद में रह रहे ललित ने 10 महीने पहले कॉल किया था कि माता-पिता का देहांत हो गया है। पत्नी से तलाक हो गया है। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं। उत्तम ने संवेदनशीलता दिखाते हुए ललित को पटना बुलाकर अपनी कंपनी में नौकरी लगवा दी। अपने घर में रखा भी। अब जब ललित की मंशा साफ हुई तो उन्होंने जिम्मेदार नागरिक का फर्ज निभाते हुए ललित को पटना की कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया।

चरित्र पढ़ना जरूरी होता है, जानें कैसे
ललित को उत्तम कुमार ने अपने पास बुलाया। नौकरी दिलाई। साथ रखा। लेकिन, चरित्र शायद ठीक से पढ़ नहीं सके। वह 10 दिनों से उनकी बेटी के अपहरण की साजिश रच रहा था। मंशा इसी बात से समझ सकते हैं कि वह एक हफ्ते से चाइल्ड पोर्नोग्राफी और स्कूल का नाम सर्च कर रहा था। पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि वह आठ लोगों से 43 लाख की ठगी कर चुका है। नेपाल के एक होटल में उसकी महिला कर्मी से अवैध संबंध बनाकर भागा था।

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