Case Status में अगर बदलाव हुआ और दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ सबूत देख कुछ फैसला ले लिया तो बिहार में जमकर हंगामा होगा।
देश की राजनीति कई बार बिहार में तय हुई है। 23 जून को पटना में विपक्षी एकता की बैठक कराते हुए एक बार फिर इस बात को साबित किया गया। लेकिन, संभव है कि अब बिहार की राजनीति दिल्ली में तय हो जाए। जिस तरह से केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक-एक कर लैंड फॉर जॉब मामले में केस का दायरा बढ़ाने की अनुमति दी है, डर तो है। इस डर के साथ मंगलवार की शाम देश के पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव अपनी पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बेटे बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ पटना से दिल्ली के लिए फ्लाइट से निकले। लालू चारा घोटाले में जेल की सजा काट भी चुके हैं और बाकी सजा से बचने के लिए स्वास्थ्य कारणों के हवाले से जमानत पर हैं। राबड़ी और तेजस्वी को अभी किसी केस में सजा नहीं हुई है, लेकिन लैंड फॉर जॉब में यह खतरा मंडरा रहा है। कोर्ट ने लालू परिवार के इन तीन सदस्यों के साथ कुल 17 लोगों को बुधवार को हाजिरी के लिए समन किया था।
बिहार में जाति की बात करते निकले तेजस्वी
बिहार में इन दिनों जाति-जाति ही हो रही है। हर कोई सामने वाले की न केवल जाति जानना चाह रहा है, बल्कि उसकी ताकत का भी उसी आधार पर अंदाजा भी लगा रहा है। मंगलवार को उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी ऐसी ही एक बैठक से निकलने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हुए। वह बिहार में जातीय जनगणना (Bihar Caste Census) की रिपोर्ट आने के बाद सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए थे। इस सर्वदलीय बैठक के बाद सरकार की ओर से न तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुछ कहा और न उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने। तेजस्वी यादव भी जल्दबाजी करते हुए निकल गए और फिर माता-पिता के साथ एयरपोर्ट आ गए। यहां भी उनसे जातिगत जनगणना पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने इतना ही कहा कि सब हो ही गया है। दरअसल, सोमवार को राज्य सरकार ने जातिगत जनगणना की रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें लालू प्रसाद यादव की जाति यादव की बिहार में सर्वाधिक आबादी सामने आयी है।
किस जाति की कितनी आबादी
यादव – 14.26%
रविदास- 5.25%
दुसाध- 5.31%
कोइरी- 4.21%
ब्राह्मण- 3.67%
राजपूत- 3.45%
मुसहर- 3.08%
भूमिहार- 2.89%
कुर्मी- 2.87%
तेली- 2.81%
बनिया- 2.31%
कानू- 2.21%
चंद्रवंशी- 1.64%
कुम्हार- 1.40%
सोनार- 0.68%
कायस्थ – 0.60%
जाति और इस केस के फैसले पर बहुत कुछ
जातियों की आबादी के आंकड़ों में गड़बड़ी का आरोप लगाने वाले सवर्ण गुस्से में हैं, लेकिन सरकार अब यह भांप चुकी है कि सवर्णों के गुस्से से कुछ होने वाला नहीं है। महागठबंधन सरकार में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव, दोनों ही गैर-सवर्णों को एक साथ साधने की कोशिश में है। इस बीच अगर अभी कोर्ट की ओर से तेजस्वी यादव पर कोई सख्त आदेश आया तो उसे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दबाव में लिया फैसला बताने से भी राष्ट्रीय जनता दल के नेता नहीं हिचकेंगे। केंद्रीय जांच एजेंसियों पर मोदी सरकार के नियंत्रण का आरोप लगाती रही पार्टी अब राउज़ एवेन्यू कोर्ट के फैसले पर नजर रख रही है कि कहीं उधर कुछ गड़बड़ हुआ तो क्या करेंगे।