Bihar News : बिहार पुलिस की यह गुस्ताखी क्या माफी के लायक है? खैनी को स्मैक बताकर पुलिस ने एक व्यक्ति को 2 साल तक जेल में रखा। जबकि फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री की रिपोर्ट बरामद स्मैक असल में खैनी निकला।
Bihar Police : खैनी को स्मैक बताकर भेजा जेल, NDPS एक्ट में चार्जशीट भी कर दिया
जुलाई 2023 में एक घटना हुई। पुलिस ने रात में चेकिंग लगा रखी थी। इसी दौरान एक व्यक्ति के पास से 15 पुड़िया जप्त किया गया। पुलिस ने जप्ती सूची बनाई और कहा कि 15 पुड़िया स्मैक के साथ एक व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई है। पुलिस ने त्वरित अनुसंधान करते हुए करीब 2 महीने के अंदर नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकॉट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट यानी एनडीपीएस एक्ट के तहत विशेष कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। अभियोजन पक्ष की ओर से केस के समर्थन में 6 गवाह और 13 साक्ष्य को आधार बनाया गया। मामला कोर्ट में विचाराधीन था। इसी बीच 2 साल गुजर गए। आरोपी ने पटना हाईकोर्ट से जमानत की अपील की। लिहाजा कोर्ट ने एफएसएल डायरेक्टर से जांच रिपोर्ट की मांग की। जब FSL की जांच रिपोर्ट सामने आई तो सभी के होश उड़ गए। क्योंकि पुलिस ने अपनी पीठ थपथपाकर जिसे स्मैक बताया था, वह मामूली खैनी निकला। विशेष कोर्ट ने इस मामले में आरोपी को बरी कर दिया है और पुलिस को फटकार भी लगाई है।
Muzaffarpur News : पुलिस ने कोर्ट में खड़ा किए 6 फर्जी गवाह, 13 फर्जी साक्ष्य
बिहार के मुजफ्फरपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। इस मामले ने पुलिस को बेनकाब कर दिया है। 20 जुलाई 2023 की रात करीब 1 बजे अहियापुर थाना क्षेत्र में बूढ़ी गंडक नदी के बांध के समीप इमली चौक के निकट पुलिस ने स्मैक की खरीद-बिक्री की सूचना पर छापेमारी की। उस दौरान पुलिस अवर निरीक्षक अमित कुमार के नेतृत्व में पुलिस बल ने परशुराम सहनी को गिरफ्तार किया। तलाशी के दौरान उसकी जेब से 15 पुड़िया जब्त की गईं, जिन्हें पुलिस ने स्मैक बताया। प्रत्येक पुड़िया का वजन लगभग 0.44 ग्राम था। कुल वजन 6.60 ग्राम था। पुलिस ने 19 सितंबर 2023 को एनडीपीएस (नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) एक्ट के तहत विशेष कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। अभियोजन पक्ष ने केस के समर्थन में 6 गवाहों और 13 साक्ष्यों को पेश किया। मामला कोर्ट में विचाराधीन था। हालांकि कोल्हूआ पैगंबरपुर के रहने वाले परशुराम सहनी ने खुद को निर्दोष बताया था। उसका कहना था कि वह स्मैक का धंधा नहीं करता है, लेकिन पुलिस की ओर से आरोप पत्र समर्पित किया जा चुका था।
Bihar Crime : FSL की रिपोर्ट में खुलासा, स्मैक नहीं खैनी था
इसी बीच परशुराम ने पटना उच्च न्यायालय से जमानत की गुहार लगाई। जमानत याचिका पर हाईकोर्ट ने मामले के त्वरित निष्पादन के निर्देश देते हुए एफएसएल निदेशक से जांच रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करने को कहा। 26 मई को एफएसएल गन्नीपुर की रिपोर्ट आई, जिसे 29 मई को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि जब्त पदार्थ स्मैक नहीं बल्कि निकोटीन युक्त खैनी है। इस तथ्य के आधार पर विशेष कोर्ट ने 10 जून 2025 को परशुराम सहनी को बरी कर दिया। विशेष कोर्ट के न्यायाधीश नरेंद्रपाल सिंह ने कहा कि एफएसएल रिपोर्ट के अनुसार, अपराध सिद्ध नहीं होता। अतः आरोपी को बरी किया जाना न्यायसंगत है। उन्होंने पुलिस से इस तरह की गलत गिरफ्तारी से बचने और जांच में सतर्कता बरतने की हिदायत दी।