Bihar News : सरकारी कर्मी को पीएफ-ग्रेच्युटी निकासी पर देना पड़ रहा 9 प्रतिशत कमीशन; पेशगी लेता क्लर्क निगरानी के हत्थे चढ़ा

रिपब्लिकन न्यूज़, छपरा

by Rishiraj
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Bihar News : गर्मी बेइंतहा है। इसमें लोग गमछा लगाकर वैसे भी घूमते हैं। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की पटना टीम भी गमछा लपेटे ऐसे आई कि किसी को पता नहीं चले। जैसे ही किरानी ने घूस की रकम को हाथ में लिया, दबोचा गया।

Pension Scheme के पैसे देने के लिए ₹60 हजार लिया एडवांस और पकड़ा गया

भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (Vigilance Investigation Bureau) की मुख्यालय टीम ने आज एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। सारण जिला मुख्यालय के छपरा नगर निगम में क्लर्क सूर्य मोहन यादव को 60,000 रुपए रिश्वत लेते हुए नगर निगम परिसर से रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी निगरानी थाना कांड संख्या-37/25 के तहत हुई है।

Bihar News : छपरा नगर निगम का क्लर्क घूस लेता हुआ पकड़ा गया

यह मामला नगर निगम के पूर्व प्रभारी सफाई निरीक्षक राजनाथ राय से जुड़ा है। राजनाथ राय ने 4 जून, 2025 को निगरानी ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी। उनकी शिकायत के अनुसार, आरोपी सूर्य मोहन यादव उनके भविष्य निधि (PF) और ग्रेच्युटी लाभों का भुगतान करने के एवज में रिश्वत की मांग कर रहा था। राजनाथ राय का कुल सेवा निवृत्ति लाभ लगभग 13 लाख 62 हजार रुपए बनता है, जिसके भुगतान के लिए क्लर्क 9% यानी 1 लाख 26 हजार रुपये की मांग कर रहा था। शुरुआती तौर पर उसने 60,000 रुपए की मांग की थी।

Vigilance Department : गमछा लपेटे आम आदमी की तरह पहुंची निगरानी टीम

ब्यूरो द्वारा शिकायत का सत्यापन किया गया, जिसमें रिश्वत मांगने का आरोप सही पाया गया। प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए जाने के बाद, पुलिस उपाधीक्षक रीता सिन्हा के नेतृत्व में एक विशेष धावादल का गठन किया गया, जिसने आज इस ट्रैप ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। निगरानी की टीम चेहरे पर आम आदमी की तरह गमछा लपेटे हुए धावा बोलने के लिए तैयार थी। जैसे ही यादव ने रुपए पकड़े, उसे दबोच लिया गया।

Special Court : 2008 से छपरा में कार्यरत क्लर्क को मुजफ्फरपुर कोर्ट में करेंगे पेश

गिरफ्तारी के बाद आरोपी सूर्य मोहन यादव से पूछताछ की जा रही है। उसे मुजफ्फरपुर स्थित निगरानी के विशेष न्यायालय में पेश किया जाएगा। सूर्य मोहन यादव मार्च 2008 से छपरा नगर निगम में क्लर्क के पद पर कार्यरत है। यह गिरफ्तारी निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा वर्ष 2025 में दर्ज की गई 37वीं प्राथमिकी है और यह 30वां ट्रैप केस है, जिसमें अब तक कुल 34 अभियु

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