Bihar News : 1. एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो… और, 2. अंजाम-ए-गुलिस्तां क्या होगा, जहां हर साख पर उल्लू बैठा है… दोनों ही बातें आज एक ही जगह सही होती नजर आईं। एक शव वाहन चालक ने स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार की ऐसी पोल खोली कि आप भी चौंक जाएंगे।
Health Manager Arrested : चार महीने का मानदेय देने के लिए मांगे थे ₹6000
बिहार में भ्रष्टाचार कैसे सरकारी सिस्टम के रग-रग में बसा है, इसकी बानगी समस्तीपुर सदर अस्पताल में सामने आई है। एक शव वाहन चालक से उसके बकाये चार महीने का मानदेय क्लियर करने के लिए 4000 रुपए लेते समस्तीपुर सदर अस्पताल के हेल्थ मैनेजर को निगरानी ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
हेल्थ मैनेजर विश्वजीत रामानंद ने शव वाहन चालक जयराम सिंह से चार महीनों का मानदेय क्लियर करने के लिए छह हजार रुपए मांगे थे। दो हजार देने के बाद जयराम ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की पटना टीम को अपना दर्द बताया। निगरानी ने सत्यापन के बाद धावा बोला है सदर अस्पताल के प्रबंधक विश्वजीत रामानंद को चार हजार रुपए लेते धर दबोचा।
Bihar News : दो हजार पाकर भरोसा कर बैठा हेल्थ मैनेजर, बकाया लेने में फंसा
शव वाहन चालक जयराम सिंह ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को जानकारी दी थी कि सदर अस्तपाल में शव वाहन चलाने के एवज में उसे प्रतिदिन 301 रुपये के हिसाब से माहवार मानदेय मिलता है। हेल्थ मैनेजर हर महीने के मानदेय निकासी पर 1500 रुपए की घूस पर अड़े थे। इसी चक्कर में चार महीने से मानदेय नहीं मिला था। मानदेय रिलीज करने के लिए 15 सौ रुपए के हिसाब से 6 हजार रुपए की मांग की गई। थक-हार कर मैंने मजबूरन दो हजार रुपए दिए, ताकि बाकी रकम मिलने का उन्हें भरोसा रहे। इसी के बाद चार हजार रुपए देने की बात पर यह शिकायत की थी।
Vigilance Department Bihar : रंगे हाथ दबोचने के लिए केमिकल वाले रुपए दिए गए
निगरानी विभाग ने शव वाहन चालक जयराम सिंह को केमिकल लगे हुए चार हजार रुपए दिए, ताकि हेल्थ मैनेजर को रंगे हाथ गिरफ्तार किया जा सके। सोमवार शाम हेल्थ मैनेजर ने जैसे ही जयराम से चार हजार के वह नोट लिए, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने दबोच लिया। प्रमाण के तौर पर नोट में लगे केमिकल से रंगे हाथ पकड़ा गया। इस कार्रवाई की जानकारी से समस्तीपुर सदर अस्पताल परिसर में अफरातफरी मच गई।