Bihar Bhumi : राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग जमीन सर्वे का काम पूरा कर जिस ‘सुधार’ की बात कर रहा है, उसमें भ्रष्टाचार का कैसा बोलबाला है-प्रमाण फिर सामने आया। दाखिल खारिज के लिए जेब गर्म करने की डिमांड करने वाला एक राजस्व कर्मचारी फिर पकड़ा गया है रंगे हाथ।
Bihar News : खरीदी गई जमीन के म्यूटेशन के नाम पर मांगे थे रुपए
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं और राज्य में हर दिन घूसखोरी की खबरों के बीच घूसखोरों का पकड़ा जाना जारी है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग (Bihar Bhumi) के एक राजस्व कर्मचारी को अब खरीदी गई जमीन (Land Bihar) के दाखिल खारिज (Mutation) के नाम पर सात हजार रुपए घूस लेते रंगे हाथों निगरानी विभाग ने पकड़ा है।
Land Bihar : निगरानी थाने में शिकायत के बाद पटना से आई थी टीम
मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले अरुण कुमार यादव ने निगरानी थाना पटना में शिकायत की थी कि खरीदी गई जमीन का दाखिल खारिज कराने के नाम पर उनसे घूस की मांग ही जा रही है। निगरानी थाना ने प्राथमिक तौर पर कागजातों की जांच में पाया कि सचमुच यह मामला लंबे समय से अटका है। शनिवार को घूसखोर राजस्व कर्मचारी पंकज सिन्हा ने कथैया थाना क्षेत्र में अरुण यादव को रुपए के साथ बुलाया था। पंकज को घूस की रकम के साथ दबोचने के लिए निगरानी डीएसपी संजय कुमार और उनकी छह सदस्यों की टीम भी अरुण यादव के आसपास थी। जैसे ही रुपए का लेन-देन हुआ, राजस्व कर्मचारी को रंगे हाथ दबोच लिया गया।
Bihar Bhumi : पहले कहा- प्रक्रिया के तहत आओ, फिर मांगने लगा घूस
मुजफ्फरपुर के चकचुहर (मोतीपुर) निवासी अरुण कुमार यादव ने बताया कि नौ महीने से मेरी जमीन का दाखिल खारिज का आवेदन लंबित था। अंचल के राजस्व कर्मचारी पंकज सिन्हा ने पहले प्रक्रिया के तहत आने कहा और जब बात आगे बढ़ी तो काम करने के एवज में उसने घूस की मांग शुरू कर दी। जब खुलकर सात हजार रुपए की मांग की गई, तब भी लगातार गुहार लगाते रहे कि नहीं हो सकेगा लेकिन राजस्व कर्मचारी बगैर पैसा लिए काम करने को तैयार नहीं था। ऐसे में निगरानी थाने में इसकी शिकायत की थी।
Raid : मुजफ्फरपुर में कहां का राजस्व कर्मचारी था पंकज सिन्हा?
मुजफ्फरपुर जिले के पंचायत मोतीपुर ठीकहा के हलका नंबर 31 के राजस्व कर्मचारी को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने शनिवार को रंगे हाथ दबोचा। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने इस साल अबतक भ्रष्टाचार के खिलाफ 22वीं प्राथमिकी दर्ज करते हुए रंगे हाथ दबोचने की यह 17वीं कार्रवाई की है। अब तक जिन 17 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है, उनसे 6 लाख 55 हजार रुपए की राशि बरामद की गई है।