Kolkata Case : कोलकाता डॉक्टर केस के प्रकोप से देशभर के अस्पतालों में मरीज परेशान; कब-क्या-कैसे हुआ, कौन-कौन गुनहगार है?

रिपब्लिकन न्यूज़, सेंट्रल डेस्क

by Republican Desk
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Kolkata Case : कोलकाता डॉक्टर केस के गुस्से में जिलों तक के अस्पतालों में मरीजों का इलाज मुश्किल हो गया है। शनिवार को प्राइवेट क्लिनिक तक प्रभावित रहे। ऐसे में इस केस को एक बार में पूरा समझना भी जरूरी है।

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एमबीबीएस डॉक्टर से दुष्कर्म-हत्या को सुसाइड बताकर निपटाने की कोशिश हो रही थी पश्चिम बंगाल में। अब पूरे देश में विरोधRepublicanNews.in

Kolkata Doctor Case Explainer : संवेदना जिंदा है, तो आगे पढ़ें

“विपक्ष मौन है या बचाव में। वजह सिर्फ इतनी है कि इंडी एलायंस के गठन में अहम भूमिका निभाने वाली ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) के नेतृत्व वाले पश्चिम बंगाल में यह हुआ है। दूसरी तरफ केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP Party) हमलावर है। इस देश का नेतृत्व करने वाली भाजपा हो या पश्चिम बंगाल का नेतृत्व करने वाली ममता बनर्जी- किसी को भी इसमें राजनीति नहीं, बल्कि संवेदनशीलता दिखानी चाहिए। क्योंकि, इस असंवेदनशलीता के कारण देशभर में मरीज परेशान हैं। ऑपरेशन टल रहे हैं। इमरजेंसी बाधित नहीं है- यह कहा तो जा रहा है, लेकिन डॉक्टर अपने गुस्से का इजहार करने के लिए ड्यूटी से बच रहे हैं। नतीजा, एक-एक मरीज और उनके दर्जन-दर्जन भर परिजन भुगत रहे हैं। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक की दुष्कर्म-हत्या (Kolkata case) के बाद से देशभर के डॉक्टरों का गुस्सा उफान पर होना अस्वाभाविक नहीं, लेकिन इससे मरीजों का नुकसान होना बहुत असंवदेनशीलता का प्रमाण है।”

Doctor Case Kolkata : कितनी बातें छिपाई जा रहीं, सब जानें यहां

पहली बार RepublicanNews.in ने किसी समाचार की शुरुआत एक विचार के साथ की है, क्योंकि अब पूरा देश डॉक्टरों (kolkata doctor) के साथ भी नजर आ रहा है और मरीजों की हालत को देखकर इनके खिलाफ भी। बात आई है तो तह तक जाते हैं कि यह कहां से शुरू हुआ और असल गुनहगार कौन-कौन है और उसे बनाने-बचाने में किनकी भूमिका रही है? यह सबकुछ (kolkata rape case detail) जानना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि बहुत सारी बातें कोलकाता से निकल भी नहीं पा रही हैं और बहुत सारी कहानियां वहां मीडिया दबाने को विवश भी है। कानूनन भी रोक है और हम भी इसे गलत मानते हैं, इसलिए उस महिला डॉक्टर का नाम सामने नहीं लाकर एक काल्पनिक नाम रखते हैं- डॉ. राधिका। डॉ. राधिका नाम पूर्णत: काल्पनिक है और इसका किसी भी ऐसी घटना से वास्ता नहीं है।

Kolkata Rape Case Detail : नाइट ड्यूटी के बाद डिनर, फिर वीभत्स घटना

कोलकाता के लालबाजार स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (doctor case Kolkata) में गुरुवार जूनियर डॉक्टर राधिका की नाइट ड्यूटी रहती थी। जूनियर डॉक्टर मतलब, एमबीबीएस के बाद पीजी में अध्ययनरत डॉक्टर। राधिका यहां चेस्ट मेडीसिन विभाग की स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा थीं। गुरुवार की नाइट ड्यूटी पर वह अस्पताल में आईं। ज्यादातर काम खत्म होने पर डॉक्टर्स यहां आधी रात के बाद बातचीत करते हुए डिनर करते हैं। इस रात भी यही हुआ। लेकिन, इसके बाद वह किसी को नहीं दिखीं। वह ऑडिटोरियम में सुस्ताने गईं और यहीं कुछ घंटे बाद दुष्कर्म-हत्या हो गई। शुक्रवार की सुबह सबकुछ सामान्य चलता, लेकिन मेडिकल कॉलेज अस्पताल की चौथी मंजिल पर ऑडिटोरियम में डॉ. राधिका का शव बहुत बिगड़ी हालत में मिला। कपड़े राधिका के साथ हुए अत्याचार की गवाही देने के लिए काफी थे। लाश के पास राधिका का मोबाइल-लैपटॉप पड़ा था।

Dr. Sandip Ghosh : इतने बड़े कांड को प्रिंसिपल ने बताया- आत्महत्या

मेडिकल कॉलेज में पीजी कर रही डॉ. राधिका की दुष्कर्म-हत्या की जांच पुलिस ने शुरू की और दूसरी तरफ उस समय कॉलेज के प्राचार्य रहे डॉ. संदीप घोष ने परिजनों को सुसाइड की सूचना भिजवाई। अगर परिजन समय पर नहीं आते तो पहले के मामलों की तरह डॉ. संदीप घोष इस केस में भी मनमानी कर गुजरते। वह पेपर लीक से लेकर अपने कॉलेज के बच्चों को जबरन फेल-पास कराने के भी आरोपी रहे हैं। इस केस में भी यही होता। लेकिन, परिजन डॉ. राधिका के शव को देखकर सहम गए। जिद पर अड़ गए। पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हो गई। जिस गद्दे पर लाश थी, वहां खून के धब्बे मिले थे। डॉ. राधिका के मुंह और दोनों आंखों से खून बहने का प्रमाण मिला था। गुप्तांगों पर खून और चेहरे पर नाखून के निशान थे। इसके साथ ही पेट, होंठ, गर्दन, दाहिने हाथ की अंगुली पर चोट के प्रमाण खुलकर ज्यादती की कहानी बता रहे थे।

Mamta Banerjee : हंगामा नहीं करते डॉक्टर तो मामला दब जाता

अस्पताल के बाद मामला सरकार दबा लेती, लेकिन अपने साथी की ऐसी वीभत्स मौत को देखने वाले इस अस्पताल के डॉक्टरों को मेडिकल छात्रों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शन शुरू हुआ तो कहा जाने लगा कि प्राचार्य के खिलाफ रहने वाला समूह इस मौके का फायदा उठा रहा है। इसके बाद प्रदर्शन पूरे पश्चिम बंगाल होने लगा तो ममता बनर्जी सरकार ने इसे भाजपा की साजिश बताया। जब देशभर में हंगामा शुरू हुआ और डॉक्टरों ने कामकाज ठप करना शुरू किया तो ममता बनर्जी सीधे बैकफुट पर आ गईं। बनर्जी ने मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करवाने और दोषी को मौत की सजा दिलाने की बात कही। लेकिन, इस दुष्कर्म-हत्या की कहानी बहुत कुछ कह रही।

CCTV की निगरानी होती तो ऐसा कुछ होने से पहले रुक जाता

रिपब्लिकन न्यूज़ ने जब इस मामले को समझने की कोशिश की तो सामने आया कि देश के हर शहर-संस्थानों में क्लोज सर्किट कैमरे (CCTV) तो लगा दिए जाते हैं, मगर उनकी सही मॉनीटरिंग नहीं होती है और इस केस में भी यही हुआ। अगर सीसीटीवी कैमरे की निगरानी होती तो सामाजिक कार्यकर्ता के नाम पर अस्पताल में आने वाला एक पॉर्न देखने का आदी शख्स नशे में अस्पताल में कहीं-न-कहीं पकड़ा ही जाता। वह पकड़ा जाता तो ऐसा कुछ होता ही नहीं। समाजसेवा के नाम पर अस्पताल में अपनी पहुंच बनाने वाला संजय रॉय भी इसलिए गिरफ्तार हो गया कि सीसीटीवी में गुरुवार शाम और आधी रात के बाद अस्पताल में अवैध रूप से विचरण करता दिखा और डॉ. राधिका के साथ ज्यादती के दौरान उसके हेडफोन का तार टूटकर घटनास्थल पर गिर गया था। वैसे, सीसीटीवी फुटेज अगर सही तरीके से देखा जाए तो संभव है कि किसी और को बचाए जाने का खेल खुल जाए।

Post Mortem Report of Kolkata Doctor : किसी और को भी बचाया जा रहा?

कलकत्ता हाई कोर्ट में डॉ. राधिका के माता-पिता ने कोर्ट की निगरानी में जांच की याचिका दायर की थी। इसकी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष की आलोचना करते हुए उन्हें आवश्यक अवकाश का निर्देश दिया। कोर्ट ने परिजनों को गलत सूचना देने पर भी आपत्ति जताई। इधर, ऑल इंडिया गवर्नमेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अतिरिक्त सचिव डॉ. सुवर्ण गोस्वामी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को आधार बनाते हुए कहा “अपराध में एक से अधिक लोग शामिल थे।“ इस मामले में सामूहिक दुष्कर्म का दावा किया जा रहा है। कई स्तर पर यह दावा किया जा रहा है कि डॉ. राधिका के गुप्तांग में सीमेन की जितनी मात्रा मिली है, वह एक बार की नहीं है। मतलब, उस रात एक बार नहीं तो एक से ज्यादा दरिंदे ने डॉ. राधिका की अस्मत से खिलवाड़ किया हो। चोटों की हालत भी काफी हद तक यही बात कह रही है। इसके अलावा एक बात यह भी सामने आ रही है कि डॉ. राधिका की जान जाने के बाद भी, यानी शव के साथ भी रेप किए जाने की बात हो सकती है। कोलकाता पुलिस इन बातों को मिस इनफॉरमेशन और भ्रामक कह रही है, जबकि पोस्टमार्टम को समझने वाले डॉक्टरों का इसी आधार पर कहना है कि “विस्तृत रिपोर्ट सार्वजनिक होनी चाहिए और इसके साथ ही उस रात अस्पताल के सभी सार्वजनिक स्थलों (घटनास्थल की जगह को छोड़) का सीसीटीवी फुटेज मीडिया में सार्वजनिक किया जाना चाहिए, ताकि ऑडिटोरियम में घुसने वाले हर शख्स का चेहरा बेनकाब हो जाए, जिसे बचाने के लिए पहले इसे सुसाइड बताया गया, फिर घालमेल का प्रयास किया गया और अंत में ऑडिटोरियम में तोड़फोड़ की गई। वह चाहे किसी दल का हो, किसी जाति का हो, किसी पद पर बैठा हो, किसी तरीके से इस केस में संलिप्त हो- उसका सामने आना बेहद जरूरी है।“

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