Dhanteras 2024 Diwali : दिवाली कब, धनतेरस कब? जवाब के साथ जानें 100 साल बाद क्या हो रहा आज

सेंट्रल डेस्क, रिपब्लिकन न्यूज़

by Shishir
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Dhanteras 2024 Diwali : दिवाली कब है? धनतेरस कब है? ऐसे सवाल इस बार खूब पूछे जा रहे। इन सवालों का अंतिम जवाब आ गया है। इसके साथ ही ग्रह-नक्षत्रों की चाल कुछ ऐसा करने वाली है, जो 100 साल में हो रहा है।

देश के शहरों में दीपावली-धनतेरस की कैसी धूम है, यह दिखा रहा गूगल मैप्स का यह स्क्रीनशॉट। सोमवार रात 10 बजे कदमकुआं-आसपास का बाजार पूरी तरह जाम नजर आया। रविवार को दिनभर यही हालत थी। सोमवार को भी वही। मंगलवार को धनतेरस पर और भीषण जाम रहेगा।

Diwali 2024 : धनतेरस कब है- आज, दिवाली कब है- 31 अक्टूबर को

जितनी बहस होनी थी, हो चुकी। अब पूरी तैयारी के साथ धनतेरस आज मनाया जा रहा है- कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को। अंग्रेजी की तारीख से 29 अक्टूबर। इसके बाद, 30 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी, यानी छोटी दिवाली। और, उसके अगली रात 31 अक्टूबर को कार्तिक अमावस्या, यानी दीपावली की रात। उदय-अस्त की गणना के कारण 31 अक्टूबर और एक नवंबर के बीच असमंजस था, लेकिन अब देशभर के ज्योतिष और कर्मकांड विशेषज्ञों ने एकमत से 31 अक्टूबर को ही दिवाली की तारीख मानी है। बिहार में यही तारीख पहले से मानी जा रही थी।

Dhanteras 2024 Timings : जानिए, धनतेरस पर किस समय क्या करें

दिवाली के हिसाब से 29 अक्टूबर को धनतेरस की तैयारी हो भी चुकी है। घर की सफाई से लेकर बाजार तक की तैयारी दिख रही है। धनतेरस के पहले भी खरीदारी के कुछ संयोग थे, लेकिन 29 अक्टूबर 2024 को कुछ दुर्लभ योग बना है- पूरे 100 साल बाद- त्रिग्रही योग।इस दिन त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग के साथ लक्ष्मी नारायण योग से त्रिग्रही योग तो बन ही रह हैं। शश महापुरुष राजयोग भी है। ऐसे में कर्मकांड के जानकार पूजा और खरीदारी का विशेष लाभ बताते हैं। त्रिग्रही योग कर्क, तुला और धनु राशि के लिए विशेष तौर पर लाभकारी बताया जा रहा है।
इंद्र योग- सुबह 07:48 तक रहेगा।
त्रिपुष्कर योग- सुबह 10:31 तक रहेगा।
लक्ष्मी-नारायण योग – इस दिन शुक्र और बुध एक साथ वृश्चिक राशि में होंगे, इसलिए यह योग भी रहेगा।

Dhanteras Timing : देवी लक्ष्मी पूजा, कुबेर और धन्वंतरि की आराधना करें

दीपावली का त्योहार शुभ-लाभ पर केंद्रित होता है। श्रीराम के अयोध्या लौटने पर वहां दीपों की सजावट वाली बात तो आती है, लेकिन दिवाली में देशभर में लक्ष्मी-गणेश और कुबेर की पूजा होती है। धनतेरस पर विशेष रूप से देवी लक्ष्मी, धन के स्वामी कुबेर और आरोग्य-धन के देवता धन्वंतरि की आराधना की जाती है। इस बार प्रदोष काल शाम 6:38 बजे से 8:24 बजे तक बताया जा रहा है। कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित शशिकांत मिश्र बता रहे हैं कि माता लक्ष्मी और कुबेर का पूजन इस समय करने से शुभ फल मिलेगा। खरीदारी में यथाशक्ति सोना, चांदी, बर्तन या साज-सजावट के सामान खरीद सकते हैं। आज के दिन ही दीपावली की रात के लिए लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदना श्रेयस्कर होता है। इसके अलावा, झाड़ू खरीदना भी शुभ माना जाता है। धर्म ग्रंथों में वर्णन है कि समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि हाथ में अमृत से भरा घड़ा लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए, धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि से आरोग्य का वर मांगने के लिए भगवान धन्वंतरि देव की षोडशोपचार पूजा करना चाहिए।

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