Bihar News : बिहार में आपराधिक वारदातों के लिए अपराधी कोई जगह नहीं देख रहे। इस बार दो युवकों ने कोर्ट रूम में चाकूबाजी कर वहां मौजूद अपने बहनोई को घायल कर दिया। घटना मंगलवार को जमुई में हुई।
Crime in Bihar : जमुई कोर्ट में चाकूबाजी से अफरातफरी
बिहार में पुलिस (Bihar Police) का डर कहीं दिख नहीं रहा है। अपराधी प्रवृत्ति के लोग कहीं भी और किसी को भी टारगेट कर रहे हैं। ऐसा नहीं होता तो न्यायालय परिसर में इजलास (Court Room) के अंदर चाकूबाजी की ऐसी सनसनीखेज घटना नहीं सामने आती। पति-पत्नी (Husband Wife) को साथ रहने का फैसला सुनाकर जज के उठते ही पत्नी के दो भाइयों ने बहनोई पर चाकू से हमला बोल दिया। चाकूबाजी से घायल बहनोई को परिजनों ने किसी तरह संभाला और लोगों से फरियाद लगाकर कोर्ट से अस्पताल ले गए। घायल की पहचान झारखंड के धनबाद निवासी रोहित ठठेरा के रूप में की गई है।
Family Court Case : पति-पत्नी को साथ रहने के फैसले का गुस्सा बहनोई पर उतारा
मंगलवार दोपहर बाद चाकूबाजी की घटना जमुई व्यवहार न्यायालय स्थित फैमिली कोर्ट परिसर में हुई। धनबाद के झरिया निवासी दिलीप ठठेरा ने बताया कि 5 साल पहले बेटे रोहित ठठेरा की शादी जमुई के लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत मटिया निवासी महेश ठठेरा की बेटी के साथ हुई थी। पति-पत्नी के बीच कुछ साल से घरेलू विवाद चल रहा था। वह अपने परिवार और उसकी पत्नी अपने मायके वालों के साथ मुकर्रर तारीख पर कोर्ट पहुंचे थे। कोर्ट ने पति-पत्नी को साथ रहने के लिए फैसला सुनाया। दोनों तरफ से बॉन्ड भरने का आदेश हुआ था। कोर्ट के न्यायाधीश जैसे ही इजलास से उठकर निकले तो पत्नी के भाई करण ठठेरा और अजय ठठेरा ने चाकू से हमला कर दिया। घायल युवक अस्पताल में भर्ती है। इ
Attack in Court Premises : चाकू की जगह गोलियां भी चल सकती थीं! तब क्या होता?
कोर्ट परिसर और यहां तक कि कोर्ट रूम में जब चाकूबाजी हो सकती है तो फायरिंग भी हो सकती है, मंगलवार की घटना ने यह दिखा दिया है। हमला इस बार एक पक्ष ने दूसरे पर किया है, संभव है कि किसी अधिवक्ता या न्यायाधीश पर भी इस तरह से हमला हो सकता है। ऐसी आशंकाओं को देखते हुए अधिवक्ताओं ने घटना पर रोष जताते हुए सुरक्षा की अपील की है। पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता राजेश कुमार सिन्हा ने कहा कि कोर्ट परिसर में वादी पर चाकू से जानलेवा हमला निंदनीय है, लेकिन इसके साथ ही यह जमुई कोर्ट परिसर में काम करने वाले अधिवक्ताओं के लिए भी खतरे का संकेत है।