देशरत्न की धरती का लाल

Sharad Vivek Sagar

KBC में सबसे कम उम्र के एक्सपर्ट शरद सागर को क्यों जानती है दुनिया

‘कौन बनेगा करोड़पति’ में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bacchan) जिन लोगों को प्रतिभागियों की मदद के लिए एक्सपर्ट के रूप में आमंत्रित करते हैं, उनमें बिहार का एक चेहरा अक्सर दिख जाता है। लड़के जैसा चेहरा, मगर बातें स्वामी विवेकानंद जैसी। अमिताभ बच्चन बहुत गर्व के साथ बताते हैं कि इस समय हमारे साथ केबीसी (KBC) के सबसे कम उम्र के एक्सपर्ट पटना से शरद विवेक सागर (Sharad Vivek Sagar) जुड़े हैं। शरद सागर आज महज 32 साल के हैं और आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि भारत के 25 से ज्यादा राज्यों के साथ शरद एशिया, अमेरिका और यूरोप के 10 देशों में 2000 प्रतिष्ठित मंचों पर प्रेरक संबोधन दे चुके हैं। 12 से ज्यादा आईआईटी, 10 से ज्यादा आईआईएम इन्हें मुख्य वक्ता के रूप में बुला चुके हैं। हार्वर्ड, स्टैनफोर्ड, यूसी बर्कले जैसे अंतराष्ट्रीय संस्थानों में इनका प्रेरक संबोधन हो चुका है। शरद विवेक सागर 40 से ज्यादा बार रामकृष्ण मिशन आश्रम, ब्रह्मा कुमारी, गायत्री परिवार जैसे आध्यात्मिक-सामाजिक संगठनों के मंचों पर अपनी बात रखने वाले अनूठे युवा हैं। सभी सोशल मीडिया पर सत्यापित पहचान रखने वाले सबसे कम उम्र के सामाजिक उद्यमी शरद सागर (Sharad Sagar) को प्रतिमाह 7.5 मिलियन लोग देखते-पढ़ते-सुनते-समझते हैं।

देशरत्न की धरती पर जन्म, लोकनायक की कर्मभूमि से पहचान

दुनिया के एक ही व्यक्ति की परीक्षा उत्तर पुस्तिका पर “The examinee is better than the examiner” लिखा गया था और वह थे देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद। कहा जाता है कि जन्मभूमि और कर्मभूमि का असर कहीं-न-कहीं आपके ऊपर पड़ता है। शरद सागर जय प्रकाश नारायण की कर्मभूमि पटना के बाशिंदा हैं और जन्म सीवान जिले के उसी जीरादेई में हुआ था, जो देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जन्मभूमि के रूप में विश्व विख्यात है। इतनी महान शख्सियतों से जुड़ाव भी शरद को अलग पहचान देता है। किशोरावस्था से शरद ने बिहार, बिहारियों और प्रतिभाओं के लिए जो काम किया है, उसके कारण करीब एक दशक से उनकी पहचान विश्व स्तर पर प्रसिद्ध सामाजिक उद्यमी, प्रसिद्ध विचारक नेता, शक्तिशाली वक्ता और व्यापक रूप से फॉलो किए जाने वाले युवा आइकन के रूप में बन चुकी है। भारत के छोटे गांव-शहर में पले-बढ़े सागर ने 16 साल की उम्र में डेक्सटेरिटी ग्लोबल की स्थापना की थी। आज डेक्सटेरिटी और शरद सागर के नाम एक हजार से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार हैं। द टेलीग्राफ ने इसी कारण लिखा था कि ‘डेक्सटेरिटी ग्लोबल भारत के भविष्य का निर्माण कर रही है।”

इतनी कम उम्र में वैश्विक उपलब्धियों की पूरी सूची बन गई

भारत के किसी विश्वविद्यालय (दिसंबर 2017 में नवरचना विश्वविद्यालय) के मुख्य अतिथि और दीक्षांत समारोह के अध्यक्ष के रूप में आमंत्रित होने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय बने शरद को 2022 में दैनिक जागरण ने ‘भारत के युवा आइकन’ पुरस्कार दिया। 2023 में फेमिना ने भारत के 60 सर्वाधिक प्रशंसित दिग्गज अभिनेताओं, एथलीटों, प्रभावशाली लोगों और व्यापारिक नेताओं की सूची में शरद को शामिल किया। इस साल (2024) में वह सामाजिक उद्यमिता और नेतृत्व के क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट योगदान और उपलब्धियों के लिए मानद डॉक्टरेट प्राप्त करने वाले दुनिया के सबसे कम उम्र के भारतीयों में से एक बन गए। 2024 में ही शरद विवेक सागर विश्व आर्थिक मंच के युवा वैश्विक नेता के रूप में शामिल होने वाले इतिहास में सबसे कम उम्र के भारतीय भी बन गए। संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया, नॉर्वे, मोंटेनेग्रो, थाईलैंड, बांग्लादेश और श्रीलंका में वैश्विक नेतृत्व और संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके शरद सागर व्यक्तित्व और कृतित्व का जिक्र ताइवान सरकार अपने सामाजिक प्रभाव एजेंडा में, मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी सामाजिक उद्यमिता पाठ्यक्रम में, प्रिंसटन यूनिवर्सिटी अपने सोशल एंटरप्राइज फोरम में, डेवलपमेंट बैंक ऑफ सिंगापुर (डीबीएस) अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कर चुका है।

इनके संगठन ने दिलाई 200 करोड़ से ज्यादा की छात्रवृत्ति

केबीसी की हॉट सीट पर बैठे प्रतिभागियों को एक्सपर्ट के रूप में शरद विवेक सागर ने कितनी रकम जीतने में मदद की, यह टीवी पर बहुत सारे लोग देख चुके हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि शरद सागर की टीम ने अबतक गरीब होनहारों को दुनिया के सुप्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में 200 करोड़ से ज्यादा की छात्रवृत्ति दिलाने में मदद की है। आज से करीब 16 साल पहले जब शरद खुद महज 16 साल के थे तो दूरदृष्टा के रूप में एक सामाजिक उद्यमिता संगठन की स्थापना की, जो आज दुनियाभर में बिहार की पहचान बन गया है- डेक्सटेरिटी ग्लोबल। शरद विवेक सागर डेक्सटेरिटी ग्लोबल के संस्थापक और सीईओ हैं। आज डेक्सटेरिटी ग्लोबल 70 लाख से अधिक छात्रों तक पहुंच बना चुका है, जो किसी सामाजिक उद्यम से जुड़े संस्था के लिए रिकॉर्ड ही है।

शरद विवेक सागर की वैश्विक पहचान

• अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया था।
• प्रतिष्ठित वैश्विक पत्रिका फोर्ब्स ने ग्लोबल फोर्ब्स 30 अंडर 30 सूची में सूचीबद्ध किया।
• प्रतिष्ठित रॉकफेलर फाउंडेशन ने 100 नेक्स्ट सेंचुरी इनोवेटर्स की सूची में शामिल किया।
• नोबेल शांति केंद्र ने सबसे बड़े नोबेल शांति पुरस्कार समारोह में आमंत्रित किया।
• इंग्लैंड की महारानी ने ‘महारानी की युवा नेताओं’ की प्रतिष्ठित सूची में शामिल किया।

और, इन सभी के बावजूद स्वामी विवेकानंद का राष्ट्रवादी आदर्श

एक ही तरह की नीली शर्ट में ही हर बार क्यों रहते हैं? दीपावली पर अमिताभ के इस सवाल के जवाब में शरद ने बताया था- “मैं स्वामी विवेकानंद से बहुत प्रभावित हूं। स्वामी जी ने कहा था कि भारत के राष्ट्रीय आदर्श सेवा और त्याग हैं। सामाजिक उद्यमी के रूप से सेवा में लगा रहता हूं। त्याग के लिए मैंने कोशिश की कि रंग-बिरंगे कपड़े पहनने या मनपसंद खाना खाने की इच्छाओं को मैं त्याग दूं। यह साधारण वस्त्र मुझे याद दिलाता है कि राष्ट्र के प्रति मेरा क्या दायित्व है।“ शरद का यह वीडियो स्वामी विवेकानंद से जुड़ी संस्थाओं के बीच खूब वायरल हुआ था। शरद को दैनिक भास्कर समूह के एक कार्यक्रम में ‘21वीं सदी का विवेकानंद’ कहा भी गया।
(शरद विवेक सागर से बातचीत और उनसे जुड़े प्रामाणिक तथ्यों पर आधारित)

Social Media पर भी शरद की धाक

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