Bihar News : क्या डीएम को भीड़ ने बंधक बना लिया? बेगूसराय में पुलिस की इस स्ट्रेटजी को समझ लीजिए, आखिर हुआ क्या था

रिपब्लिकन न्यूज, बेगूसराय

by Jyoti
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Bihar News में Begusarai के DM IAS Tushar Singla को भीड़ द्वारा बंधक बनाने की अफवाह उड़ रही है। दावा किया जा रहा है कि पुलिस ने डीएम की गाड़ी के आगे लगे नेम प्लेट को ढककर उन्हें भीड़ से बाहर निकाला है।

डीएम तुषार सिंगला को बंधक बनाए जाने की खबर का सच क्या है ? (फोटो : RepublicanNews.in)

Begusarai News : भीड़ के बीच डीएम को बंधक बनाए जाने की खबर

बेगूसराय के डीएम आईएएस तुषार सिंगला को भीड़ द्वारा बंधक बनाए जाने की खबर सुबह से सुर्खियों में है। पहले कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने इस खबर को वायरल किया। बाद में मीडिया की सुर्खियों में भी डीएम को बंधक बनाए जाने की खबर आ गई। दावा यह भी किया जा रहा है कि भीड़ से डीएम को सुरक्षित निकालने के लिए पुलिस को मजबूरन डीएम की गाड़ी की नेम प्लेट पर सफेद कपड़े लगाकर उसे छुपाना पड़ा, ताकि भीड़ की नजर डीएम की गाड़ी पर न पड़े। लेकिन सवाल यह है कि क्या सचमुच डीएम तुषार सिंगला को भीड़ ने बंधक बना लिया था? और आखिर पुलिस ने किस स्ट्रेटजी के तहत डीएम की गाड़ी की नेम प्लेट पर सफेद कपड़े लगाए होंगे?

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Begusarai Today : अवैध अतिक्रमण हटाने को लेकर उपद्रवियों का हंगामा

बेगूसराय के लोहिया नगर गुमटी के समीप रेलवे प्रशासन द्वारा अवैध निर्माण को हटाने की कार्रवाई की जा रही थी। पुलिस की टीम जेसीबी के साथ मौके पर पहुंची थी। दावा है कि इसी दौरान डीएम तुषार सिंगला भी रेलवे गुमटी के पास बने म्यूजियम का निरीक्षण करने पहुंचे थे। डीएम को देखते ही सैकड़ो लोगों ने म्यूजियम के गेट पर ही उन्हें घेर लिया और करीब एक घंटे तक बंधक बनाए रखा। घेराव करने वाले लोग प्रशासन द्वारा झोपड़ियों को हटाए जाने का विरोध कर रहे थे। दावा यह भी है कि म्यूजियम में पहुंचे डीएम भीड़ द्वारा बंधक बनाए गए थे। भीड़ के गुस्से को देखते हुए वह बाहर नहीं आ पा रहे थे।

DM IAS Tushar Singla : भीड़ के बीच नहीं फंसे थे डीएम, फिर कैसे हुए बंधक?

डीएम को बंधक बनाए जाने की खबर को समझने से पहले यह समझना जरूरी है कि आखिर बंधक बनाए जाने का मतलब क्या होता है। अक्सर हम मीडिया में ऐसी खबरों को पढ़ते हैं जब भीड़ द्वारा किसी अपराधी को या अफवाह के बाद भीड़ द्वारा किसी भी व्यक्ति को बंधक बनाए जाने की बात सामने आती है। बंधक बनाए जाने का मतलब साफ है कि किसी व्यक्ति को भीड़ ने अपने कब्जे में ले लिया हो और भीड़ बंधक बनाए गए व्यक्ति के साथ मनमाना व्यवहार कर रही हो। जबकि बेगूसराय की घटना में डीएम तुषार सिंगला भीड़ के बीच में मौजूद थे ही नहीं। जिस समय भीड़ हंगामा कर रही थी उस समय डीएम म्यूजियम का निरीक्षण कर रहे थे। स्वाभाविक है कि निरीक्षण के दौरान डीएम काफी देर तक अंदर ही थे। ऐसे में भीड़ द्वार डीएम को बंधक बनाए जाने की बात पूरी तरह अफवाह साबित होती है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि म्यूजियम का निरीक्षण कर रहे डीएम को यदि भीड़ ने बंधक बनाया होता तो डीएम भीड़ के बीच फंसे होते। जबकि यहां ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था।

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Begusarai Police : पुलिस की स्ट्रेटजी क्या थी? नेम प्लेट क्यों ढका गया?

इस मामले में यह बात भी चर्चा में है कि अगर भीड़ ने डीएम को बंधक नहीं बनाया था तो मौके पर एसपी मनीष समेत कई थानों की पुलिस क्यों पहुंची थी? इसके साथ ही, आखिर डीएम की गाड़ी के आगे लगे नेम प्लेट पर सफेद कपड़ा लगाकर उसे क्यों छुपाया गया था? साफ है कि यह पुलिस की एक स्ट्रेटजी है। संभव है कि किसी भी आशंका को भांपते हुए पुलिस ने एहतियातन ऐसा किया होगा। एहतियातन ही गाड़ी की नेम प्लेट को पर सफेद कपड़ा लगाया गया होगा। ताकि अराजक तत्वों को यह मालूम नहीं पड़े की किस गाड़ी में कौन से अधिकारी मौजूद हैं। यहां यह भी समझना दिलचस्प है कि यदि डीएम को किसी भी तरह के खतरे की आशंका होती तो उन्हें म्यूजियम से बाहर निकलने से पहले पुलिस भीड़ के साथ सख्ती से पेश आती।

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