Bihar News में चर्चा Aurangabad के Shreya Murder Mystery की। लंबे समय बाद इस हत्याकांड से पर्दा उठ गया है।
Aurangabad : Shreya हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा
औरंगाबाद में श्रेया हत्याकांड के बाद बवाल मचा था। पुलिस की थ्योरी के खिलाफ समाज के लोग सड़क पर थे। पूर्व सांसद आनंद मोहन और उनका परिवार इस हत्याकांड में बड़ी साजिश का आरोप लगा रहे थे। आखिरकार पुलिस ने गैंगरेप और हत्या की बात स्वीकार ली है। हत्या के बाद लाश को ठिकाने लगा दिया गया था। इस पूरे हत्याकांड में दो सगे भाई शामिल थे। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।
हत्याकांड में ये दो अपराधी हुए गिरफ्तार
पुलिस ने इस गैंगरेप और हत्याकांड में नवीनगर थाना क्षेत्र के कोसडिहरा गांव निवासी दिलीप सिंह के पुत्र धर्मेन्द्र कुमार सिंह एवं राकेश कुमार सिंह को गिरफ्तार किया है। घटना में इस्तेमाल एक ऑल्टो कार भी बरामद किया गया है। पुलिस ने बताया कि पहले इन हत्यारोपियों ने छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और इसके बाद उसकी हत्या कर शव को ठिकाने लगाया था। पुलिस अधीक्षक स्वप्ना गौतम मेश्राम ने बताया कि नाबालिग़ छात्रा हत्याकांड के दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। नाबालिग़ छात्रा के साथ इन दोनों ने पहले दुष्कर्म किया और इसके बाद उसकी हत्या कर दी और फिर अपनी ऑल्टो कार से इंद्रपुरी बराज के समीप नहर में शव फेक दिया था।
श्रेया हत्याकांड : पुलिस की थ्योरी पर उठ रहे थे सवाल
पीड़िता की मां ने एफआईआर में बताया था कि 11 जून को श्रेया अपने घर से कोचिंग के लिए निकली। लेकिन वापस नहीं लौटी। घटना के दो दिन बाद 14 को छात्रा का शव 40 किलोमीटर दूर रोहतास जिले के इंद्रपुरी सोन बराज के पास नहर से बरामद किया गया। प्राइमरी इन्वेस्टिगेशन के दौरान पुलिस ने मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर यह दावा किया था कि पानी में डूबने से मौत हुई है। लेकिन घटना को लेकर भारी विरोध के बाद परिजन और स्थानीय लोगों की मांग पर वैज्ञानिक एवं तकनीकी अनुसंधान के आधार पर मृतका की दोस्त और उसकी मां को डिटेन किया गया। आखिरकार इस गैंगरेप और हत्याकांड से पर्दा उठ गया।
आनंद मोहन, सुशील सिंह, पवन सिंह व नीरज बबलू का प्रेशर आया काम
श्रेया की मौत के बाद पूर्व सांसद आनंद मोहन और उनका परिवार लगातार यह आरोप लगा रहे थे कि इस हत्याकांड में बड़ी साजिश है। हत्याकांड के बाद बिहार के तमाम राजपूत नेता एक जुट हो गए थे। औरंगाबाद के पूर्व सांसद सुशील सिंह ने भी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे। वहीं भोजपुरी स्टार और काराकाट से प्रत्याशी रहे पवन सिंह ने भी जांच की मांग की थी। इसके अलावा बिहार के दूसरे राजपूत नेता नीरज कुमार बबलू भी बेहद मुखर थे। लिहाजा पुलिस पर राजनीतिक दवाब बढ़ता गया। यही वजह है कि पानी से डूबकर हुई मौत की थ्योरी देने वाली पुलिस ने अब असली कातिलों को दबोच लिया है।
हत्याकांड की असली कहानी ये है
पुलिस ने बताया कि तकनीकी साक्ष्य के अनुसार, नवीनगर थाना अंतर्गत बब्लू – चंदा गेस्ट हॉउस के संचालक दोनों सगे भाई को गिरफ्तार किया गया। अपराधकर्मियों द्वारा बब्लू – चंदा गेस्ट हॉउस के कमरे में पहले नाबालिग छात्रा के साथ दुष्कर्म किया गया और इसके बाद गला दबाकर उसकी हत्या कर दी गई। शव को छिपाने के नियत से इन दोनों आरोपियों ने ऑल्टो कार के डिक्की में शव रखकर इंद्रपुरी बराज में फेंक देने की बात स्वीकार की है।