Californium Stone की चर्चा सिर्फ Bihar News में नहीं, बल्कि India News में भी है। बिहार से बरामद कैलिफोर्नियम को लेकर हो रहे खुलासे हैरान करने वाले हैं।
Bihar में Californium मिलने से हड़कंप
उत्तर प्रदेश और बिहार के बॉर्डर पर जांच के दौरान तस्करों के पास से 50 ग्राम कैलिफोर्नियम की बरामदगी हुई थी। गोपालगंज जिले के बलथरी चेक पोस्ट पर कैलिफोर्नियम के बरामद होने से हड़कंप मच गया। जब इसकी कीमत का खुलासा हुआ तो हर कोई दंग रह गया। एक ग्राम की कीमत 17 करोड़ आंकी गई। बरामद 50 ग्राम कैलिफोर्नियम की कीमत 850 करोड़ बताई गई। फिर खुलासा हुआ कि तस्करों को सिवान जेल में बंद एक अपराधी कॉर्डिनेट कर रहा था। जांच में यह भी पता चला कि कैलिफोर्नियम गुजरात से बिहार पहुंचा है। वहीं अब डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमी एनर्जी के वैज्ञानिकों ने जो खुलासे किए उसने फिर से केस को पलट दिया है।
कहां से आया कैलिफोर्नियम?
गोपालगंज की बलथरी चेक पोस्ट से बरामद कैलिफोर्नियम का सिवान जेल से कनेक्शन मिला है। खुलासा हुआ है कि सिवान जेल में बंद अपराधी कैलिफोर्नियम लेकर आने वाले तस्करों को फोन पर गाइड कर रहा था। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं। जेल में बंद अपराधी को रिमांड पर लेने की तैयारी चल रही है। कैलीफोर्नियम के साथ गिरफ्तार तस्कर छोटेलाल प्रसाद के मोबाइल पर लगातार सीवान जेल से फोन आने की बात सामने आई है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस की एक टीम गुजरात पहुंचने के बाद कैलिफोर्नियम की आपूर्ति करने वाले शख्स की तलाश में जुट गई है। उस शख्स का मोबाइल बंद होने से उसका सही लोकेशन नहीं मिल पा रहा है। पुलिस के लिए यह जवाब तलाशना अहम हो गया है कि कैलिफोर्नियम इन तस्करों के पास कहां से पहुंचा। क्या विदेश से इनका कनेक्शन है? या फिर देश के किसी बिजली उत्पादन केंद्र या परमाणु अनुसंधान केंद्र से उसे चोरी किया गया है?
Gopalganj, Siwan, Uttar Pradesh व Gujrat कनेक्शन
गुरुवार को गोपालगंज जिले के कुचायकोट थाना क्षेत्र के बलथरी चेकपोस्ट से बाइक सवार तीन तस्करों को 50 ग्राम कैलिफोर्नियम के साथ गिरफ्तार किया गया था। इसकी कीमत 850 करोड रुपए बताई गई थी। गिरफ्तार तस्करों ने यूपी के कुशीनगर जिले के एक व्यक्ति खजांची प्रसाद का नाम बताया था जो गुजरात में रहकर मजदूरी करता है। उसी के द्वारा यह कैलिफ़ोर्नियम पदार्थ तस्करी करने के लिए दिया गया था। पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।
रेडियो सक्रियता नहीं…मतलब कीमत कौड़ी?
डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी की तीन सदस्यीय वैज्ञानिकों की टीम ने सैंपल की जांच की है। जांच में सैंपल में कोई रेडियो सक्रियता नहीं पाए जाने की बात कही जा रही है। गोपालगंज के एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि वैज्ञानिकों की जांच में सैंपल में कोई रेडियो सक्रियता नहीं पायी गयी है। इससे पहले रेडियोएक्टिव पदार्थ की हैंडलिंग और आगे की जांच के लिए एफएसएल की विशेष टीम एवं परमाणु ऊर्जा विभाग को भी सूचित किया गया था। विशेषज्ञों द्वारा जांच के बाद यह बताया गया कि इस पदार्थ में रेडियो सक्रियता नहीं है। इस खुलासे का मतलब साफ है कि पुलिस की टीम कैलिफोर्नियम को लेकर जो दावे कर रही थी वह गलत है। सरल भाषा में कहें तो बरामद पदार्थ में अगर रेडियो सक्रियता नहीं है तो इसकी कीमत और इसके संभावित उपयोग भी मायने नहीं रखते हैं।