Bihar News : बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली की एक और शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। सरकार के मॉडल अस्पताल में बिजली कटने पर मोबाइल फोन की टॉर्च की रोशनी में मरीज का ऑपरेशन किया गया।
Madhubani News : बिजली कटने पर मोबाइल फोन की टॉर्च की रोशनी में मरीज का ऑपरेशन
यह शर्मनाक हालात हैं। बिहार के स्वास्थ्य महकमे की इस बदहाली को देख आप न सिर्फ हैरत में पड़ेंगे, बल्कि सरकारी सिस्टम से आपका भरोसा टूट जाएगा। मधुबनी जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल, जिसे अब मॉडल अस्पताल के रूप में प्रचारित किया जा रहा है, वहां बिजली कटने पर मोबाइल फोन की टॉर्च की रोशनी में मरीज का ऑपरेशन किया गया। यह घटना न केवल मेडिकल एथिक्स और मरीज की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि यह सरकार के उस दावे की भी पोल खोलती है जिसमें हर वर्ष स्वास्थ्य सेवाओं पर सबसे ज्यादा बजट खर्च करने की बात कही जाती है।
Madhubani Bihar : वायरल वीडियो से खुली पोल
कहा जाता है कि सरकारी अस्पताल गरीबों की उम्मीद होते हैं, जहां उन्हें सस्ते और उचित इलाज की गारंटी मिलती है। लेकिन जब करोड़ों की लागत से खरीदे गए अत्याधुनिक उपकरणों के बावजूद, बिजली कटते ही डॉक्टरों को मोबाइल की लाइट से ऑपरेशन करना पड़े, तो यह पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था की नाकामी नहीं तो और क्या है? मधुबनी सदर अस्पताल में वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि ऑपरेशन थिएटर में अंधेरा छा जाने पर एक मेडिकल स्टाफ मोबाइल फोन की टॉर्च जलाकर डॉक्टर को रोशनी देता है। ताकि ऑपरेशन जारी रखा जा सके। इस घटना ने यह साफ कर दिया कि अस्पताल में इमरजेंसी पावर बैकअप जैसी न्यूनतम व्यवस्था भी नहीं है।
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Bihar News Today : इतनी बड़ी लापरवाही की सजा में ‘फटकार’
वीडियो वायरल होने के बाद सिविल सर्जन ने अस्पताल प्रबंधन को कड़ी फटकार लगाई और व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए। लेकिन सवाल यह है कि जब तक वीडियो वायरल नहीं होता, तब तक प्रशासन की आंखें क्यों नहीं खुलतीं? क्या मरीज की जान सिर्फ सोशल मीडिया पर उठे शोर के बाद ही कीमती समझी जा सकती है? सदर अस्पताल को मॉडल अस्पताल बनाने की योजना कागजों पर जरूर सुंदर दिख रही है, लेकिन वास्तविकता यह है कि आम जनता अब भी टॉर्च और मोबाइल की रोशनी में इलाज के लिए मजबूर है। सवाल है कि कब तक? क्या इस घटना के बाद सिर्फ एक फटकार से व्यवस्था सुधर जाएगी?