Bihar News में खबर जमीन के निबंधन से जुड़ी हुई। राज्य सरकार के उस आदेश पर कोर्ट ने मुहर लगा दी है जिसके तहत जमीन की खरीद-बिक्री में चल रहा खेल अब बंद हो जाएगा।
अगर आप जमीन खरीदने या बेचने की सोच रहे हैं तो नए नियम को समझ लीजिए। क्योंकि इस नियम के लागू हो जाने के बाद अब बिहार में जमीन की खरीद-बिक्री और निबंधन आसान नहीं होगा। इसके लिए अब जमाबंदी में नाम का उल्लेख जरूरी होगा। राजस्व दस्तावेजों में जिनके नाम से जमाबंदी कायम होगी, अब सिर्फ वही उस संपत्ति की बिक्री या पुन: निबंधन करा सकेंगे। निबंधन कार्यालयों को जमाबंदी कायम होने का साक्ष्य देने पर ही आवेदक को संबंधित संपत्ति को बेचने की अनुमति मिलेगी। जमीन विवाद के बढ़ते मामलों से निबटने के लिए हाई कोर्ट के आदेश पर निबंधन विभाग ने यह नियम लागू कर दिया है। निबंधन विभाग के उप निबंधन महानिरीक्षक मनोज कुमार संजय ने सभी जिलों के डीएम और अवर निबंधकों को पत्र लिख कर इसे लागू करने का निर्देश दिया है। फ्लैट और अपार्टमेंट की बिक्री के लिए जमाबंदी से जुड़ा आदेश लागू नहीं होगा।
समझ लीजिए : आप क्यों नहीं कर सकेंगे रजिस्ट्री
विभाग की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि यदि कोई दस्तावेज ऐसी संपत्ति की बिक्री या दान से संबंधित हो, जिसके विक्रेता या दानकर्ता के नाम से जमाबंदी कायम होने का उल्लेख दस्तावेज में नहीं हो और विक्रेता-दानकर्ता के नाम से जमाबंदी कायम होने संबंधी कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया हो, तो उनके रजिस्ट्री दस्तावेज को अस्वीकृत कर दिया जाएगा।
शहरी क्षेत्र में होल्डिंग कायम होना अनिवार्य
शहरी क्षेत्र में खरीद-बिक्री के लिए विक्रेता या दानकर्ता के नाम से होल्डिंग कायम होने का उल्लेख दस्तावेज में होना अनिवार्य होगा या उनको इससे संबंधित साक्ष्य देना होगा। अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो गयी है तो उनकी मृत्यु से संबंधित प्रमाण पत्र का साक्ष्य लगाने और उनका वारिस निर्धारित होने पर ही संबंधित व्यक्ति के नाम से कायम जमाबंदी दस्तावेज की रजिस्ट्री की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सकेगी।
2019 में सरकार ने की थी पहल, तब कोर्ट ने लगाई थी रोक
यह नियम 10 अक्टूबर 2019 को ही बिहार सरकार ने जमाबंदी नियमावली के जरिए लागू किया था। लेकिन मामला हाई कोर्ट में चला गया और वहां से तत्काल प्रभाव से इस पर रोक लगा दी गई थी। अब हाई कोर्ट द्वारा बिहार सरकार द्वारा 2019 में लागू जमाबंदी नियमावली को वैध ठहराते हुए आदेश जारी किया गया है। इसे अब निबंधन कार्यालयों में लागू कर दिया गया है। जमाबंदी नियमावली के लागू होने जाने से अब जमीन विवाद स्वतः कम होने लगेंगे। इसका असर कुछ दिनों में साफ देखने को मिलेगा। इसके पहले पिता, बाबा, दादा के नाम पर दर्ज जमाबंदी की जमीन में अपना हिस्सा बता कर बेरोक-टोक जमीन की बिक्री कर दी जाती थी। मारपीट और हत्या जैसे अपराध की भी बड़ी वजह यह था। भू माफिया की अब कमर टूट जाएगी जमीन रजिस्ट्री में नए जमाबंदी नियमावली लागू हो जाने के बाद भू माफिया की कमर अब टूट जाएगी। पहले भू माफिया की शहर या बाजार के जिस कीमती भूखंड पर नजर लग जाती थी, उस परिवार के किसी एक सदस्य को लालच देकर अपना कब्जा जमा लेते थे। असली मालिक कोर्ट-कचहरी में फंसकर रह जाता था या अपराधियों के डर से अपना हक छोड़ देता था।