Bihar News : केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार और बिहार में महागठबंधन वाले सीएम नीतीश कुमार की सरकार थी, तब लालू-राबड़ी का नाम इस नेशनल हाइवे पर लग गया था। अब दोनों जगह एक ही सरकार है, लेकिन यह कब्जा नहीं हटा।
Nitish Kumar की नजर से छिपाने के लिए लगा सरकारी बोर्ड उड़ा
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार नेशनल हाइवे से एक बोर्ड नहीं हटवा पा रही है। बिहार की नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सरकार भी इसमें अक्षम साबित हो रही है। यह बोर्ड पूर्व मुख्यमंत्री दंपती लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) और राबड़ी देवी (Rabri Devi) के नाम का है। करीब एक साल पहले यह बोर्ड लगाया गया था। तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन के नेता के रूप में बिहार की सत्ता में थे। उनके सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के समर्थकों ने यह बोर्ड तभी लगाया था। अब वह भारतीय जनता पार्टी के साथ सीएम हैं, लेकिन बोर्ड नहीं हट सका। गुरुवार को सीएम इस बोर्ड की तरफ से गुजरने वाले थे तो राज्य सरकार के अफसरों ने उनकी नजर से बचाने के लिए उसपर सरकारी बोर्ड लगा दिया, जो उनका दौरा खत्म होते ही उड़ गया।
Lalu Yadav : नेशनल हाइवे पर कहां है यह बोर्ड, जानें सारी बात
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को मुजफ्फरपुर-हाजीपुर फोरलेन के निर्माणाधीन बाईपास एनएच 77 का निरीक्षण किया। वह एनएच 77 के हाजीपुर-मुजफ्फरपुर खंड के पकड़ी-पताही में निर्माणाधीन बाईपास का निरीक्षण करने निकले थे। इसी रास्ते में मढ़ौल से पहाड़पुर मोतिहारी को जोड़ने वाली सड़क के मोड़ को अब ‘लालू राबड़ी मोड़’ के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यहां नामकरण का बोर्ड लगे हुए सालभर गुजर गए हैं। यह जगह मुजफ्फरपुर के कांटी में है। गुरुवार को सीएम आने वाले थे तो उस अस्थायी बोर्ड के ऊपर परिवहन विभाग की सड़क सुरक्षा जागरूकता का अभियान पोस्टर वाला अस्थायी बोर्ड लगा दिया गया। सीएम नीतीश कुमार के जाते ही सरकारी बोर्ड जमीन पर गिरा नजर आने लगा, जबकि ‘लालू राबड़ी मोड़’ का स्थायी बोर्ड अपनी जगह कायम दिखा।
कई योजनाओं की प्रगति देखने गए थे सीएम नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री ने मुजफ्फरपुर जिले में कई परियोजनाओं की समीक्षा की। पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने मुख्यमंत्री को प्रस्तुतीकरण के माध्यम से फोरलेन के निर्माण पर अपडेट दिया। उन्होंने बताया कि फोरलेन के बचे हुए निर्माण कार्य को नवंबर तक पूर्ण करा लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बचे हुए कार्यों को तेजी से पूर्ण कराएं। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर में लगभग 17 किलोमीटर बाईपास के निर्माण से लोगों को आवागमन में काफी सुविधा होगी। आने-जाने में काफी कम समय लगेगा। इस रास्ते से गोपालगंज होकर उत्तर प्रदेश और सीतामढ़ी से सोनवर्षा जाना आसान हो जाएगा। इस योजना के बाद पटना-मुजफ्फरपुर को ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर के फोरलेन की भी कनेक्टिविटी मिलेगी। इसके निर्माण से पटना से नेपाल जाना भी आसान हो जाएगा। मझौली से नेपाल को जोड़नेवाली सड़क एनएच 527-सी से भी आने वाले वाहनों के लिए पटना का रास्ता आसान हो जाएगा।
सीएम ने तुर्की थाना भवन की प्रगति का भी जायजा लिया। गुरुवार को सीएम के साथ पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, गृह विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार व कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्यपदाधिकारी गोपाल सिंह, तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त गोपाल मीणा, तिरहुत प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक शिवदीप लांडे, पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह, पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा, मुजफ्फरपुर के डीएम सुब्रत कुमार सेन, मुजफ्फरपुर के एसएसपी राकेश कुमार आदि भी थे और नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पदाधिकारी भी।