Bihar Land Survey को लेकर बिहार में बवाल मचा है। ग्रामीण इलाकों में विवाद बढ़ता जा रहा है। इस बीच एनडीए के भीतर भी बवाल मचा है। चुनाव के दौरान इसका खामियाजा भुगतने की आशंका है। लिहाजा सर्वे पर संशय के बदल मंडरा रहे हैं।
रेड्डी सरकार को गंवानी पड़ी सत्ता, सीएम नीतीश पर टिकी निगाहें
आंध्र प्रदेश में जब जगनमोहन रेड्डी की सरकार थी तब चुनावी साल में जमीन के रिकॉर्ड को डिजिटाइज करने की मुहिम शुरू हुई थी। इसका जमकर विरोध हुआ। लोग परेशान हुए। बाद में रेड्डी सरकार को इसका राजनीतिक खामियाजा सत्ता से बाहर जाकर उठाना पड़ा। बिहार में भी विधानसभा का चुनाव करीब है। भूमि सर्वे का काम चल रहा है। आम लोगों में इसका खासा विरोध है। सरकार के अंदर ही भूमि सर्वे को लेकर मतभेद है। एक पक्ष का मानना है कि आम जनता का गुस्सा चुनावी रिजल्ट में देखने को मिल सकता है। ऐसे में बिहार की एनडीए सरकार रेड्डी सरकार की उस गलती को दोहराना नहीं चाहती है। लिहाजा सबकी निगाहें सीएम नीतीश कुमार पर टिकी है।
खतरे से किया गया है आगाह, इसलिए टल सकता है सर्वे
20 अगस्त से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग (Bihar Government Revenue and Land Reforms Department) की ओर से बिहार में जमीन सर्वे का काम किया गया है। 45 हजार से ज्यादा गांवों में जमीन का सर्वे चल रहा है। सर्वे का काम शुरू तो हो गया है, लेकिन लोगों के बीच विवाद बढ़ गया है। अंचल कार्यालयों में दस्तावेज के लिए भारी भीड़ जुट रही है। इस बीच जमीन सर्वे को लेकर सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आई है कि इसे प्रदेश में कुछ महीनों के लिए टाला जा सकता है। इसको लेकर नीतीश सरकार (Nitish Government) बैकफुट पर जाती दिख रही है। क्योंकि ग्रामीण इलाकों से आ रही रिपोर्ट ने नीतीश सरकार को खतरे से आगाह कर दिया है। आम लोगों का गुस्सा चुनाव के रिजल्ट में दिखने की खबर ने सरकार को बेचैन कर दिया है।
सीएम नीतीश तक पहुंची आक्रोश की रिपोर्ट
सरकार से जुड़े सूत्रों के अनुसार, बीजेपी के वरिष्ठ नेता, मंत्री के साथ ही जेडीयू के नेता-मंत्री ने भी सीएम नीतीश कुमार को भूमि सर्वे शुरू होने के बाद जनता की समस्या से अवगत कराया है। अंदरूनी रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि लोगों में सर्वे को लेकर भारी आक्रोश है। ऐसे में संभव है कि सीएम नीतीश चुनावी मौसम में जनता के आक्रोश को शांत करने के लिए भूमि सर्वे को फिलहाल के लिए टाल सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, सरकार सर्वे के नियम में बदलाव का हवाला देकर फिलहाल काम रोक सकती है।