Bihar News में अभी बात Bihar की एक ऐसी CDPO की जिन्होंने एक ही गाड़ी का खर्च कई लोगों को दिया है। वित्तीय अनियमितता के इस खेल का खुलासा एक परिवाद में हुआ है। अब वर्तमान CDPO ने ही तत्कालीन CDPO के इस खेल का चिट्ठा खोल दिया है।
बिहार में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति बनाने वाली Nitish Kumar की सरकार को एक CDPO यानी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी ने खुली चुनौती दे दी है। जमुई जिले के झाझा में पदस्थापित सीडीपीओ सरोज हंसदा पर वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोप लगे हैं। एक ही वाहन के भाड़ा व्यय राशि कई व्यक्तियों के खाते में भुगतान का खुलासा हुआ है। यह मामला तब का है जब सरोज हंसदा सासाराम के संझौली परियोजना में पदस्थापित थीं। इस बड़े वित्तीय अनियमितता का खुलासा जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी कार्यालय रोहतास में दायर एक परिवाद में हुआ है।
ऐसे हुआ सरकारी राशि में गबन का खेल, चौंक पड़ेंगे आप
झाझा में पदस्थापित सीडीपीओ सरोज हंसदा पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं। समाज कल्याण विभाग में हुए इस खेल ने हर किसी को हैरत में डाल दिया है। संझौली की तत्कालीन सीडीपीओ सरोज हंसदा पर आरोप है कि उन्होंने एक ही वाहन का वाहन व्यय राशि कई व्यक्तियों के खाते में भुगतान किया है। जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी कार्यालय में दायर परिवाद के आलोक में संझौली की वर्तमान सीडीपीओ सुषमा भेलारिया टोप्पो ने प्रतिवेदन समर्पित किया है।
प्रतिवेदन में सीडीपीओ ने खोल दिया कच्चा चिट्ठा
संझौली की वर्तमान सीडीपीओ सुषमा भेलारिया टोप्पो ने समर्पित प्रतिवेदन में बताया है कमल नारायण सिंह, हर्ष कुमार और सुधीर कुमार के खाते में एक ही वाहन संख्या JH 05 AH 0302 के परिचालन के मामले में वित्तीय वर्ष 2020-2021 से लेकर 2023-24 तक अलग-अलग बिल द्वारा भुगतान किया गया है। वर्तमान सीडीपीओ संझौली द्वारा पूर्व में पदस्थापित सीडीपीओ सरोज हंसदा के विरुद्ध वित्तीय अनियमितता की पुष्टि समर्पित प्रतिवेदन में किया गया है।
झारखंड की गाड़ी, बिहार में स्थाई परिचालन कैसे?
वित्तीय अनियमितता के इस खेल में एक और खुलासा हुआ है। समर्पित प्रतिवेदन के अनुसार जिस एक वाहन का वाहन व्यय राशि कई व्यक्तियों को दिया गया, उस वाहन का नंबर JH 05 AH 0302 है। अब यहां गौर करने वाली बात ये है कि बिहार में बाहरी राज्यों के वाहनों के स्थाई परिचालन पर रोक है। ऐसे में झारखंड राज्य में निबंधित वाहन के मामले में कई बार राशि का भुगतान करना भी एक बड़ा सवाल है। वित्तीय अनियमितता के इस खेल में झाझा की सीडीपीओ सरोज हंसदा पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। अब देखना ये है कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दंभ भरने वाली नीतीश सरकार इस मामले में कब तक एक्शन मोड में आती है।