Bihar News : बिहार लोक सेवा आयोग, यानी बीपीएससी ने सीनियर सेकंड्री स्कूल के हेड मास्टर और प्राइमरी स्कूल के हेड टीचर का परिणाम शुक्रवार की शाम जारी कर दिया। विज्ञापन संख्या 25 और 26 से इसी साल जून में परीक्षाएं ली गई थीं।
BPSC Result : 36947 हेड टीचर और 5974 HM की मेधा सूची
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने शुक्रवार को शिक्षा विभाग के मातहत उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों व प्राथमिक विद्यालयों के प्रधान शिक्षक (BPSC Head Teacher) के साथ अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों (BPSC Head Master) की परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया। बीपीएससी ने प्रधान शिक्षक के 40247 और प्रधानाध्यापक के 6064 पदों के लिए परीक्षा ली थी।
इनमें से शिक्षा विभाग के अंतर्गत 36947 प्रधान शिक्षकों और 5971 प्रधानाध्यापकों की मेधा सूची जारी की गई है। इसके अलावा अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के तहत उच्च माध्यमिक विद्यालयों के हेड मास्टर का भी रिजल्ट जारी किया गया है, जिसमें तीन की मेधा सूची जारी की गई है। विज्ञापन संख्या 25/2024 और 26/2024 के लिए हुई इस परीक्षा का परिणाम अगस्त माह के अंत तक आना था, लेकिन बढ़ाए गए आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के कारण मामला अटक गया था। अब भी सुप्रीम कोर्ट में यह लटका हुआ है, इसलिए औपबंधिक तौर पर परिणाम जारी किए जा रहे हैं।
Bihar Teacher News : क्यों औपबंधिक मेधा सूची है यह- जान लीजिए
आयोग ने इस परिणाम को औपबंधिक मेधा सूची के रूप में जारी किया है। आयोग ने परीक्षा परिणाम जारी करते हुए स्पष्ट लिखा है कि विज्ञापन के लिए ऑनलाइन आवेदन में अभ्यर्थियों की ओर से योग्यता एवं अनुभव के संबंध में की गई प्रविष्टि एवं स्व-घोषणा को सत्य मानते हुए यह परिणाम जारी किया जा रहा है। मतलब, औपबंधिक मेधा सूची में सम्मिलित अभ्यर्थियों द्वारा योग्यता से संबंधित दावे की सभ्यता की जांच प्रशस्ति विभाग अपने स्तर पर करेगा और उसके बाद नियुक्ति की कार्यवाही करेगा। आयोग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जातीय आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर इसमें कुछ फेरबदल भी हो सकता है। चूंकि, तांती (ततवा) जाति के कोटि / जाति मे, बदलाव हुआ है, इसलिए उनके संबंध में इस परिणाम के अंत में स्पष्टीकरण भी दिया गया है। जिन लोगों ने बदलाव के आधार पर सुधार कराया होगा, उन्हीं का परिणाम मान्य होगा। जिन्होंने सुधार नहीं किया होगा, उनका परिणाम आकर भी अमान्य ही रहेगा।