IAS Sanjeev Hans को Rape Case में भले ही Patna High Court से राहत मिल गई है। लेकिन उन पर आफत की बारिश जल्द होने वाली है।
Sanjeev Hans : अब Enforcement Directorate का दिखेगा एक्शन
बिहार कैडर के आईएएस संजीव हंस को रेप के मामले में पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई। हाईकोर्ट में मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान उनके खिलाफ दर्ज बलात्कार के केस को खारिज कर दिया गया। लिहाजा संजीव हंस ने राहत की सांस ली है। लेकिन संजीव हंस पर आफत की बारिश जल्द ही होने वाली है। अब प्रवर्तन निदेशालय का एक्शन देखने को मिलने वाला है। इसके साथ ही हाई कोर्ट से खारिज हुए केस के मामले में भी पीड़िता सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। इतना ही नहीं, बच्चे के डीएनए टेस्ट पर भी फैसला हो सकता है।
ED कर सकती है संजीव हंस को गिरफ्तार, अफसरों की अटकी सांसें
आईएएस संजीव हंस और पूर्व एमएलए गुलाब यादव के यहां ED की छापेमारी के दौरान बेनामी संपत्तियों की बड़ी फाइल हाथ लगी है। ED ने संजीव हंस और गुलाब यादव के अलावा इनके कई करीबियों के लगभग 20 ठिकानों पर छापेमारी की थी। ईडी के हाथ लगे कई दस्तावेज में संजीव हंस और गुलाब यादव के बीच बड़े बिजनेस डील के सबूत मिले हैं। दोनों का कारोबार कई राज्यों में फैला हुआ है। संजीव हंस के पिता के नाम पर भी कई प्रॉपर्टी मिली है। अमृतसर में भी एक मकान मिला है। ईडी के हाथ इस बात के भी सबूत लगे हैं कि हाल के वर्षों में संजीव हंस ने काफी विदेश यात्राएं की हैं। ऐसे में अब इस बात को भी खंगाला जा रहा है कि विदेश यात्राओं के लिए संजीव हंस ने सरकार से परमिशन लिया था या नहीं। संजीव हंस पर प्रवर्तन निदेशालय की यह कार्रवाई उसी रेप केस से जुड़ी है जिस केस में पटना हाईकोर्ट ने उन्हें राहत दी है। महिला वकील के साथ रेप मामले में को भले ही हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है, लेकिन ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का जो केस दर्ज किया था उसमें संजीव हंस की गिरफ्तारी तय मानी जा रही है। ED सूत्रों का दावा है कि संजीव हंस की गिरफ्तारी के लिए एक्शन तेज कर दिया गया है। इसकी खबर बिहार के ब्यूरोक्रेटिक लॉबी में फैल चुकी है। लिहाजा संजीव हंस के करीबी अफसरों की सांसें भी फूलने लगीं हैं।
साहेब के दुलरूआ का बेटा फंसा, ED से हिली सरकार
भ्रष्ट आईएएस अफसर संजीव हंस को बचाने के फेर में अब जांच की आज बिहार के सीनियर मोस्ट आईएएस अफसर तक पहुंच गई है। कहा जा रहा है कि संजीव हंस इस भ्रष्टाचार की गंगोत्री में अकेले डुबकी नहीं लग रहे थे। बल्कि कई और अफसर संजीव हंस के साथ मिलकर मलाई खा रहे थे। यही कारण है कि ED की जांच में बिहार के सीनियर मोस्ट आईएएस के बेटे का नाम सामने आ गया है। बिहार के पॉलिटिकल और ब्यूरोक्रेटिक लॉबी में पावरफुल माने जाने वाले इस आईएएस के बेटे तक ईडी का पहुंचना संजीव हंस से जुड़े इस कांड के अन्य लोगों के लिए भी बड़ी मुसीबत है। सूत्रों का दावा है कि पॉलिटिकल और ब्यूरोक्रेटिक लॉबी में पावरफुल माने जाने वाले और साहेब के दुलरुआ कहे जाने वाले इस आईएएस अफसर के बेटे को पूछताछ के लिए ईडी ने बुलाया है। सूत्र बता रहे हैं कि जिस आईएएस अफसर के बेटे की कंपनी को सीएसआर फंड का पैसा मिला था, उस आईएएस अफसर की पहुंच साहेब तक है। इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि उनका कार्यकाल कई वर्ष पहले खत्म हो चुका था। इसके बाद भी उन्हें दो बार एक्सटेंशन दिया गया। उन्हें तीसरी बार भी एक्सटेंशन देने की कोशिश की गई। लेकिन दिल्ली दरबार से उसे मंजूरी नहीं मिली। लिहाजा साहेब ने पुरानी सरकार के एक राज्यादेश का इस्तेमाल करते हुए उन्हें पावर और पोजीशन दोनों दे दिया। अब यह जानकारी भी सामने आ रही है कि संजीव हंस ने प्रवर्तन निदेशालय को कई आईएएस अफसर के नाम बताएं हैं। लिहाजा जल्द ही बिहार में बड़े बवाल की उम्मीद है। सरकार चाहती है कि ED की यह कार्रवाई रुक जाए। लेकिन ED के हाथ पुख्ता सबूत लग चुके हैं। ऐसे में बिहार के कई सीनियर आईएएस ED की रडार पर हैं।